गो रक्षा की आड़ में गो तस्करी कराने वालों के कारनामें उजागर होने चाहिए- स्वामी गोपालानंद सरस्वती
सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित “गोवंश रक्षा वर्ष” के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 253 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि आज स्वतंत्रता संग्राम के महानायक राजेन्द्र नाथ जी लाहिड़ी का निर्वाण दिवस है, जो आज ही के दिन हंसते-हंसते फांसी पर झूल गए थे राजेंद्र नाथ लाहिड़ी:जेलर से बोले-मैं मर नहीं रहा हूं, बल्कि आजाद भारत में पुनर्जन्म लेने जा रहा हूं ।यानि न जाति का झगड़ा था न पाती का झगड़ा बस इस देश की माटी के लिए मात्र 26 वर्ष की आयु में भारत मां के लिए अपने प्राण समर्पित करने के कारण ही हमें आजाद भारत में श्वास लेने का अवसर मिला है और देश की समृद्धि एवं गोमाता की रक्षा के लिए प्राण भी चले जाएं तो उसकी परवाह नहीं करनी चाहिए क्योंकि वर्तमान समय में राष्ट्र का विकास केवल गो से ही सम्भव है लेकिन मैकाले मानस पुत्रों ने हमें गोमाता एक पशु है यही शिक्षा दी है जबकि हमारी शिक्षा में बाल्मीकि रामायण आदि ग्रंथों में भगवान राम ने अपने भ्राता भरत को स्वयं कहां है कि * राष्ट्र का विकास गो रक्षा के बिना सम्भव नहीं है* यह पढ़ाया होता तो आज भारत पुनः सोने की चिड़िया कहलाता लेकिन आज जितने भी मंत्रियों के PA ,सचिव एवं सभी IAS,IPS हैं उन सभी ने काऊ इज यूजफुल एनिमल ही पढ़ा है, इसलिए इन्हें गायमाता का महत्त्व पता नहीं है।
पूज्य स्वामीजी ने आगे बताया कि हम राम राम तो सब करते है,लेकिन रामजी की भावना की कद्र करने वाला इस भारत में कोई दिखता नहीं है इसलिए आप सभी से प्रार्थना है कि जिन बलिदानियों ने अपना बलिदान देकर देश को आजाद करा दिया उस देश के वास्तविक विकास के लिए गो का संरक्षण,संवर्धन और सेवा बहुत आवश्यक है । बिना गोमाता की सेवा,बिना गोमाता के संरक्षण के हमारा वास्तविक विकास नहीं हो सकता , सड़के बन जाएं उसी से हम खुश हो जाते है जबकि वास्तविक विकास तो तब कहां जाता है,जब हम लोगों के हृदय में हमारी संस्कृति के प्रति प्रेम बढ़े ,हमारी भारतीयता भाव पूर्वक झलकती दिखें,हमारा गौरव छलकता दिखे तब हम लोगों को लगेगा कि सचमुच विकास हो रहा है और ये सब गोमाता की कृपा से ही सम्भव है
पूज्य महाराज जी ने बताया कि कुछ लड़के,युवा गो रक्षा की आड़ में गो तस्करी करा रहें है जो गो तस्कर उन्हें पैसे नहीं दे उनकी गाड़ियों को रोककर एक दो गाड़ियों को जला देने का नाटक कर लेते है और बाकि तस्करों से मिलकर उनसे पैसा लेकर अपनी दुकान चला रहें है उन गद्दारों से सावधान रहना चाहिए क्योंकि वे गद्दार गो तस्करों से पैसा वसूल कर उनकी गाड़ियों के आगे आगे चलकर उनकी गाड़ियों को आगे से आगे बढ़ाते रहते है और राजस्थान एवं मध्यप्रदेश में यह गिरोह बहुत सक्रिय है जो दिखावे के रूप में गो रक्षा का ढोंग रचकर गो तस्करों से पैसा वसूली करते है ,इन दुष्टों से सावधान रहने की आवश्यकता है और यह महापापी गो तस्करों से भी बढ़कर गो हत्या के दोषी है और समाज को ओर शासन को मिलकर इनकी करतूतों को उजागर करना चाहिए ।
253 वें दिवस पर ब्यावरा से देवगिरि जी महाराज एवं बून्दी से धर्म गिरी जी महाराज का सानिध्य मिला
गो कृपा कथा के 253 वें दिवस पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के डग खण्ड कार्यवाह बंशी नाथ अपने परिवार के साथ अतिथि उपस्थित रहें
253 वे दिवस पर चुनरीयात्रा एक वर्षीय वेद लक्षणा भोजनशाला परिवार की ओर से
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 253 वें दिवस पर चुनरी यात्रा विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के भोजनशाला परिवार से पाक शास्त्री बने सिंह, भण्डार प्रमुख दीपक सिंह राजपूत एवं वितरण प्रमुख शिवराज सिंह सहित उनकी सम्पूर्ण टीम ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया ज्ञातव्य हो कि डॉक्टर तिवारी जी का परिवार हर माह भगवती गोमाता के लिए चुनरी ओढ़ाते है और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
चित्र 1 : गोकथा सुनाते स्वामी गोपालानंद सरस्वती।
चित्र 2 : गोकथा में उपस्थित गौभक्त।
चित्र 3,4 : गोकथा में गोमाता को चुनड़ ओढाते गोभक्त ।
चित्र 5,6 : चुनरी यात्रा में आए गोभक्तो को सम्मानित करते महोत्सव के कार्यकर्ता
चित्र 7 : गो पूजन करते गो भक्त ।
चित्र 8 : गोमाता के लिए चुनड़ लाते गोभक्त