सत्यार्थ न्यूज़ /मनीष माली की रिपोर्ट
भारतीय भाषा उत्सव सप्ताह का आयोजन
सुसनेर / राज्यशिक्षा केंद्र के निर्देशानुसार जिला शिक्षा अधिकारी आर सी खंदार ओर जिला परियोजना अधिकारी महेश जाटव के निर्देशन अनुक्रम में विकासखंड शिक्षा अधिकारी मुकेश तिवारी एवं विकासखंड स्त्रोत समन्वयक अधिकारी राधेश्याम पाटीदार के मार्गदर्शन में शासकीय एकीकृत माध्यमिक विद्यालय खेरिया सुसनेर में नवाचारी शिक्षक भेरूलाल ओसारा द्वारा बच्चो के लिए भारतीय भाषा सप्ताह अंतर्गत सुनो सुनाओ गतिविधियों का आयोजन कक्षा 6 से 8 के वर्ग के बच्चो के लिए आयोजित की गई जिसमे बच्चो ने तात्कालिक विषय पर अपने मत कक्षा कक्ष में साझा किए उपरोक्त गतिविधियों में बच्चो ने उत्साह पूर्वक भाग लिया इस अवसर पर नवाचारी शिक्षक भेरूलाल ओसारा द्वारा भाषा सप्ताह के उद्देश्य को भी बताया गया जिसमे राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के विभिन्न उद्द्दश्यों में से एक महत्वपूर्ण उद्देश्य बहुभाषावाद को पहचानना और उसे बढ़ावा देना है। इस उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार द्वारा विभिन्न स्तरों पर भाषाओं के माध्यम से एकता एवं महाकवि भारती को श्रद्धांजलि अर्पित करने के रूप में आयोजित किया जा रहा है है। इसका उद्देश्य हमारे राष्ट्र के सांस्कृतिक ताने-बाने में अंतर्निहित भाषाई विविधता को बढ़ावा देना और उसके उत्सव के रूप में मनाना है। क्षेत्रीय भाषाओं एवं प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने की दृष्टि से ‘भाषाएँ अनेक, भाव एक’ थीम पर ‘भारतीय भाषा उत्सव का आयोजन दिनांक 04 दिसम्बर से 11 दिसम्बर 2024 तक आयोजित जा रहा है। इसके अन्तर्गत एनईपी 2020 और वर्ष 2024 के भारतीय भाषा उत्सव की थीम के अनुरूप सांस्कृतिक कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं और शैक्षिक गतिविधियों की एक श्रृंखला का आयोजन किया जाना है। इन गतिविधियों के माध्यम से अपेक्षा है कि-
हमारी सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखने और हमारे नागरिकों के बीच एकता को बढ़ावा देने में भाषा के महत्व पर प्रकाश डालना।
स्कूल स्तर पर विद्यार्थियों में भारतीय भाषाओं और साहित्य के प्रति गहरी समझ को बढ़ावा देना।
बहुभाषिकता, भारतीय भाषा को शिक्षा और अनुसंधान का माध्यम बनाने को प्रोत्साहित करना।
भाषा के प्रति नई पीढी को प्रेरित करना और तैयार करना।
यह उत्सव सिर्फ एक उत्सव नहीं है; यह एक शैक्षणिक यात्रा भी है जो विद्यार्थियों को विशाल विरासत का सम्मान करने और उससे सीखने तथा एक राष्ट्र, एक परिवार के विचार का अनुभव करने के लिए प्रोत्साहित करती है। अतः हम सब मिलकर अपने देश की भाषाई समृद्धि का जश्न मनाएँ और महाकवि भारती की विरासत का सम्मान इस तरह करें कि वह हमारे विद्यार्थियों के दिल और दिमाग से जुड़ जाए।
एन.ई.पी. 2020 के अनुसार अपनी भाषाओं की सुन्दरता एवं महत्व को समझने हेतु सम्पूर्ण सप्ताह विद्यालय स्तर पर भाषा थीम आधारित गतिविधियों तथा कार्यशालाओं का आयोजन में इस हेतु प्रयास किए जाएँ कि बच्चों को मध्यप्रदेश अन्तर्गत बोली जाने वाली विभिन्न क्षेत्रीय एवं जनजातीय भाषाओं जैसे मालवी, निमाडी, बघेली और बुन्देली एवं जिला अन्तर्गत बोली जाने वाली जनजातीय भाषाओं जैसे भीली, गोड़ी, बारेली, सहरिया आदि का अनुभव प्राप्त हो सके