एंडोरी पंचायत भवन की बदहाली और भ्रष्टाचार: प्रशासन क्यों चुप है?
मिहोना जिला भिंड मध्यप्रदेश
संवाददाता मंगल सिंह कुशवाह
भिंड: एंडोरी पंचायत के नागरिक आजकल दो सचिवों के विवाद और भ्रष्टाचार की चपेट में हैं। सचिवों के आपसी संघर्ष और गुमराह करने वाले रवैये ने आम जनता के लिए समस्याएं और बढ़ा दी हैं। पंचायत भवन की जर्जर स्थिति ने नागरिकों को परेशान कर दिया है। सचिव सुरेंद्र सिंह कुशवाहा और नंदलाल रजक के बीच सामंजस्य की कमी के कारण लोग अपने काम को लेकर लगातार दौड़-भाग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें कोई समाधान नहीं मिल पा रहा है।
पैसे के बिना काम नहीं
सूत्रों के अनुसार, जब तक नागरिक पंचायत भवन में किसी दलाल को पैसे नहीं देते, उनका काम नहीं होता। यह व्यवस्था न केवल भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है, बल्कि जनता को भी विवश करती है कि वे अपने काम को पूरा करवाने के लिए अधिकारियों को पैसे दें। इस तरह के कामकाजी माहौल ने पंचायत के प्रति जनता का विश्वास कम कर दिया है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
सबसे बड़ी चिंता यह है कि प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर मौन है। जब पंचायत भवन का यह हाल है और भ्रष्टाचार का बोलबाला है, तो सवाल उठता है कि जिला पंचायत के सीईओ ने कभी खुद जाकर पंचायत भवन की स्थिति का निरीक्षण किया है या नहीं।
सख्त कदमों की आवश्यकता
यदि प्रशासन ने समय रहते इस स्थिति पर ध्यान दिया होता, तो शायद स्थिति इतनी गंभीर नहीं होती। प्रशासन को तत्काल सख्त कदम उठाने चाहिए और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए प्रभावी उपायों को लागू करना चाहिए।
जनता की अपील
ग्रामीणों की समस्या यह है कि उन्हें पंचायत से कोई राहत नहीं मिल रही है। अब समय आ गया है जब प्रशासन को जिम्मेदारी लेते हुए इस भ्रष्ट व्यवस्था को समाप्त करना चाहिए और पंचायत को सही दिशा में चलाने के लिए कदम उठाने चाहिए।