अमृतसर :- शिरोमणि अकाली दल के नेता और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल पर अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर के बाहर जानलेवा हमला हुआ है. यह घटना उस समय हुई जब सुखबीर बादल धार्मिक सजा के तहत दरबार साहिब के गेट पर सेवा दे रहे थे. हमलावर की पहचान नारायण सिंह चौड़ा के रूप में हुई है, जो पहले भी खालिस्तानी गतिविधियों में शामिल रहा है. बताया जा रहा है कि हमलावर ने बंदूक से फायर किया, लेकिन गोली मिसफायर हो गई, जिससे किसी को चोट नहीं पहुंची.
इसके बाद वहां मौजूद सेवादारों ने तुरंत हमलावर को पकड़ लिया और पुलिस के हवाले कर दिया. हमलावर नारायण चौड़ा के खिलाफ पहले से कई गंभीर मामले दर्ज हैं, जिनमें यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) के तहत केस शामिल है.
पंजाब के अमृतसर में सुखबीर बादल पर हुए हमले को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दुख जताया है. उन्होंने कहा कि घटना दुखद है. मैं पुलिस अधिकारियों के टच में हूं.
पंजाब के अमृतसर में सुखबीर बादल पर हुए हमले को लेकर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दुख जताया है. उन्होंने कहा कि यह घटना बहुत ही दुखद है.गुरु की नगरी में ये घटना हुई. हम उसकी निंदा करते हैं. पंजाब पुलिस मुस्तैद थी इसलिए हमलावर अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हुआ. मैं पुलिस अधिकारियों के साथ टच में हूं . मैंने कहा है कि पता करें कि इसके पीछे क्या मंशा थी? और इस घटना के पीछ कौन था?
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह घटना पंजाब को बदनाम करने की साजिश है. मैं इन साजिशों को कामयाब नहीं होने दूंगा. वहीं, मामले की जांच कर रही टीम में शामिल सब-इंस्पेक्टर कैलाश सिंह ने कहा कि हम घटना के सिलसिले में नारायण सिंह चौरा के गुरदासपुर स्थित घर आए हैं. अभी तक परिवार का कोई सदस्य यहां नहीं है. हम उनसे बात करेंगे.
9 एमएम का हथियार लेकर पहुंचा था आरोपी
घटना को लेकर पंजाब डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर अर्पित शुक्ला ने बताया कि घटनास्थल पर काफी लोग मौजूद थे. बादल पर जानलेवा हमला हुआ था. मौके पर पुलिस भी मुस्तैद थी. 175 पुलिस कांस्टेबल और दूसरी पुलिसवाले सिविल कपड़ों में थे. फिलहाल आरोपी को पकड़ लिया गया है. पुलिस की मुस्तैदी से घटना नहीं घट पाई. पुलिस ने बहादुरी दिखाई. आरोपी 9 एमएम का हथियार लेकर पहुंचा था.
कांग्रेस सांसद ने भी जताया दुख
सुखबीर बादल हुए हमले को लेकर अमृतसर सांसद गुरजीत ने भी दुख जताया है. उन्होंने घटना को निंदनीय बताया. उन्होंने कहा कि दरबार साहिब में चेकिंग नहीं होती है. दरबार साहब शांति का प्रतीक है. खालिस्तान की बात पंजाब और देश में नहीं है. जैसे कुछ लोग हिन्दू-हिन्दू करते हैं वैसे ही कुछ लोग खालिस्तानी करते हैं. इनसे देश नहीं बंटेगा.
CM भगवंत मान इस्तीफा दें: शिरोमणि अकाली दल
इस घटना के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है. शिरोमणि अकाली दल ने इसे सुरक्षा में बड़ी चूक करार दिया है और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के इस्तीफे की मांग की है. शिरोमणि अकाली दल के नेता दलजीत सिंह चीमा ने कहा, “मैं गुरु नानक जी महाराज का धन्यवाद करता हूं. गुरु की शिक्षाएं सत्य हैं: ‘जाको राखे साइयां, मार सके न कोई’… यह बहुत बड़ी घटना है. पंजाब को किस युग में धकेला जा रहा है? मैं पंजाब के सीएम से पूछना चाहता हूं कि आप पंजाब को कहां ले जाना चाहते हैं?
AAP ने पंजाब को असुरक्षित बना दिया: BJP
वहीं, बीजेपी नेता मंजींदर सिंह सिरसा ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की और इसे धार्मिक स्थलों की पवित्रता पर हमला बताया. उन्होंने आम आदमी पार्टी की सरकार पर पंजाब को असुरक्षित बनाने का आरोप लगाया.
कौन है नारायण सिंह चौरा-
दरअसल, नारायण सिंह चौरा एक खालिस्तानी आतंकवादी है जो बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़ा हुआ है। वह पहले पाकिस्तान में रहकर आतंकवादी गतिविधियों में शामिल था और पंजाब में विस्फोटकों और हथियारों की तस्करी करता था। इस व्यक्ति पर कई आतंकवादी हमलों का आरोप है और वह भारतीय कानून के तहत कई मामलों में वांटेड था। 2013 में उसे गिरफ्तार किया गया था, और वह 2018 में जमानत पर रिहा हुआ था।
strong>नारायण सिंह चौरा का आतंकवादी इतिहास-
जानकारी के अनुसार नारायण सिंह चौरा का खालिस्तानी आतंकवाद से गहरा संबंध है। वह 1984 के बाद से पाकिस्तान में था और खालिस्तानी आतंकवाद की शुरुआत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उसने खालिस्तान पर एक किताब भी लिखी थी जिसका नाम था “कॉन्सिपिरेसी अगेन्स्ट खालिस्तान”, जो उसके विचारों को दर्शाता है। इसके अलावा, वह पंजाब की जेल में भी बंद रह चुका है और आतंकवादी मामलों में नामी आतंकवादियों के साथ संबंधों का आरोप झेल चुका है।
सुखबीर सिंह बादल पर हमले के बाद की प्रतिक्रिया–
वहीं इस हमले के बाद शिरोमणि अकाली दल ने इस घटना की न्यायिक जांच की मांग की है। अकाली दल का कहना है कि हमलावर, नारायण सिंह चौरा, का संबंध कांग्रेस सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा से है। इसके अलावा, अकाली दल ने यह आरोप भी लगाया कि हमलावर का भाई नरेंद्र सिंह चौरा डेरा बाबा नानक में एक प्रमुख पदाधिकारी है।
धार्मिक सजा काट रहे हैं सुखबीर सिंह बादल
गौरतलब है कि सुखबीर सिंह बादल 10 दिनों की धार्मिक सजा के तहत गुरुद्वारों में सेवा कर रहे हैं. बीते सोमवार को अकाल तख्त साहिब द्वारा 17 लोगों को धार्मिक सजा सुनाई गई थी, जिसमें सुखबीर बादल भी शामिल हैं.
सुखबीर सिंह बादल पर आरोप-
सुखबीर सिंह बादल पर कई आरोप हैं, जिनमें प्रमुख है ईशनिंदा के मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को माफी दिलवाने में मदद करना। इसके अलावा, उन्होंने श्री गुरुग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की और राजनीतिक विज्ञापनों के लिए संगत के पैसे का दुरुपयोग किया। इन आरोपों के कारण ही अकाल तख्त ने उन्हें धार्मिक सजा दी थी।
धार्मिक सजा-
आपको बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब ने सुखबीर सिंह बादल और उनकी पार्टी के नेताओं को 2007 से 2017 के बीच किए गए धार्मिक अपराधों के लिए सजा दी थी। इस सजा के तहत, सुखबीर को धार्मिक सेवा करने का आदेश दिया गया था। उन्हें गुरुद्वारे में बर्तन धोने, पहरेदारी करने और सार्वजनिक शौचालयों की सफाई करने की जिम्मेदारी दी गई। यह सजा उन गलत कामों की भरपाई करने के लिए थी जो उनकी सरकार के दौरान हुए थे।