अभिभावक साइबर क्राइम प्रति जागरूक होकर बच्चों को करे साइबर क्राइम के प्रति जागरूक : चंद्र मोहन, एसपी पलवल।
अपने बच्चों को साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 के बारे में भी करें जागरूक-चंद्र मोहन, एसपी पलवल।
पलवल-25 नवंबर
कृष्ण कुमार छाबड़ा
पुलिस अधीक्षक पलवल श्री चंद्र मोहन आईपीएस ने अभिभावकों को सलाह दी है कि वे अपने बच्चों को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक करे। साथ ही कहा कि हम सब यह सुनिश्चित करना चाहते है कि हमारा बच्चा साइबर अपराध का शिकार न बने । इसके लिए हमें बच्चों की निगरानी करनी पड़ेगी। निगरानी की कमी खतरनाक साबित हो सकती है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि हम अक्सर बच्चों को माता-पिता के उपकरणों के साथ-साथ संवेदनशील व्यक्तिगत वित्तीय डेटा तक माता-पिता की निगरानी के बिना एक्सेस करते देखते हैं। अपने माता-पिता के फोन तक पहुंच बेहद खतरनाक है क्योंकि बच्चे इंटरनेट पर हिंसक या आपत्ति जनक सामग्री के संपर्क में आ सकते हैं।
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि साइबर अपराध कंप्यूटर नेटवर्क, कंप्यूटर संसाधनों या समग्र रूप से डिजिटल संचार उपकरणों की मदद से किए गए अपराध हैं। जबकि बच्चे इस तरह के अपराधों के लिए सबसे अधिक संवेदनशील होते हैं वे किशोर अपराधियों में भी बदल सकते हैं यदि उन्हें उचित रूप से संवेद नशील नहीं बनाया गया है। बच्चे अपने सोशल मीडिया या मैसेजिंग सेवाओं के माध्यम से बिना निगरानी और पर्यवेक्षण के इंटरनेट का उपयोग करते है और वे इंटरनेट के माध्यम से अजनबियों के संपर्क में रहते है। इंटरनेट के युग में स्कूल में भी इंटरनेट आधारित असाइनमेंट दिए जाते हैं। कई बच्चे अनजाने में मैसेजिंग साइट्स के जरिए अपने दोस्तों के साथ पर्सनल फोटो या सेल्फी शेयर करते हैं लेकिन ये छिपा हुआ उत्पीड़न हैं। अभिभावक ये कभी नहीं जान पाते कि सामग्री प्राप्त करने वाले बच्चे की अनुपस्थिति में कौन उसका फोन का उपयोग कर सकता है। पुलिस अधीक्षक ने कहा कि माता पिता के पास अक्सर अपने बच्चों की निगरानी के लिए समय नहीं होता है। जब आप आसपास न हों तो अपने बच्चे को सोशल मीडिया का इस्तेमाल न करने दें। उसे अपना नेटवर्क रखने के लिए तभी प्रोत्साहित करें जब वह खतरों से पूरी तरह वाकिफ हो। उसे अपना दोस्त बनाए ताकि आप उसका मार्गदर्शन कर सकें और उसे अपराधियों से बचा सकें। अपने बच्चे को सोशल मीडिया पर रिपोर्ट करना, ब्लॉक करना और साइबर अपराधियों से बचने बारे सिखाएं। बच्चे को असली और नकली प्रोफाइल में फर्क पहचानना सिखाए। अपने बच्चे से कहें कि वह अकेले में ऑनलाइन शॉपिंग का विकल्प न चुनें। उन्हे बताए कि ऑनलाइन शॉपिंग में आपके कार्ड का प्रतिरूपण हो सकता है। उन्होंने आगे कहा कि साइबर क्राइम होने पर अपने बच्चे को पुलिस तक पहुंचना सिखाएं । अपने बच्चों को साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 के बारे में भी जागरूक करें। यह भी सुनिश्चित करे कि जरूरत पड़ने पर उसके पास पुलिस के साइबर क्राइम प्रिवेंशन सेल की जानकारी है या नहीं।