राष्ट्रीय बाल दिवस के उपलक्ष्य में सीएचसी औरंगाबाद में लगा दंत चिकित्सा शिविर
मुंह के कैंसर से बचने के लिए न खाएं गुटखा व तंबाकू :डिप्टी सिविल सर्जन एवं डेंटल सर्जन डॉ रामेश्वरी
पलवल -14 नवंबर
कृष्ण कुमार छाबड़ा
राष्ट्रीय बाल दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तत्वावधान में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र औरंगाबाद में सिविल सर्जन डॉ जय भगवान जाटान के दिशा निर्देशन, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ रामेश्वरी के मार्गदर्शन व एसएमओ डॉ प्रवीण कुमार के नेतृत्व में दंत चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया। शिविर में मुख,मसूड़ों व दंत रोगों के लक्षण,कारण,बचाव व उपचार के बारे में जागरूक किया गया। डिप्टी सिविल सर्जन एवं डेन्टल सर्जन डॉ रामेश्वरी ने बताया कि विश्व मुख स्वास्थ्य दिवस हर वर्ष 20 मार्च को मनाया जाता है। इस वर्ष 2024 का विश्व मौखिक स्वास्थ्य दिवस का मुख्य थीम है “ए हैप्पी माउथ इज़ ए हैप्पी बॉडी’ यानि कि मुंह स्वस्थ रहेगा तो पूरा शरीर स्वस्थ रहेगा। डॉ दुष्यंत भाटी ने बच्चों के दांतों में कैविटी, कीड़ा लगना, दांतों में दर्द होना, दांतों में ठंडा गरम लगना (संवेदनशीलता महसूस होना), मुंह से दुर्गंध आना, मसूड़ों से खून आना व पायरिया आदि की जांच कर चिकित्सा की गई। शिविर में टीम नं 80 सीएचसी औरंगाबाद के मेडिकल ऑफिसर डॉ रूप, डॉ ज्योति विकास देशवाल व एएनएम ज्योति की टीम द्वारा रेफर किए गए छात्र-छात्राओं के मुख,मसूड़ों व दांतों का इलाज किया गया।
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ रामेश्वरी ने मुंह के कैंसर होने के कारण, लक्षण व बचाव के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि मुंह में सफेद या लाल छाला होना तथा वह दो सप्ताह तक ठीक ना होना, मुंह का कम खुलना मुंह कैंसर के लक्षण हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लक्षण होने पर तुरंत दंत चिकित्सक का परामर्श लें। डॉ दुष्यंत भाटी ने बच्चों को खाना खाने के बाद दिन में दो बार सुबह व रात को सोने से पहले ब्रश करने की सलाह दी। उन्होंने ब्रश करने की विधि के बारे में भी बताया। उन्होंने खाना खाने के बाद दांतों में फंसे खाने को निकालने के लिए फ्लास का इस्तेमाल करने की विधि भी बताई।उन्होंने बताया कि 28 से 36 प्रतिशत बच्चों के दूध के दांतों में कीड़े लग जाते हैं। यदि ऐसे बच्चों के दांतों का समय पर इलाज न किया जाए तो दांत खराब हो सकते हैं। उन्होंने बच्चों को गुटखा, धूम्रपान व तंबाकू सेवन न करने की सलाह दी।उन्होंने बताया कि हमारे मुंह में लगभग लाखों की संख्या में 300 प्रकार के बैक्टीरिया पाए जाते हैं जो मुंह के स्वास्थ्य को खराब करते हैं। उन्होंने ने बताया कि बच्चों में 6 माह के बाद दूध के दांत निकल आते हैं और 6 वर्ष आयु तक वे पक्के दांतों में रिप्लेस होने लगते हैं तथा 13 से 14 वर्ष की आयु तक सभी दांत पक्के हो जाते हैं। इस अवसर पर डॉ दुष्यंत भाटी,डॉ रूप, डॉ ज्योति व एएनएम ज्योति, डेंटल असिस्टेंट गोलू तथा स्कूलों से आए छात्र-छात्राएं व अध्यापक मुख्य रूप से उपस्थित रहे।