जयपुर ग्रामीण
जिला ब्यूरों – रमाकांत भारदूाज
( अचरोल, कानोता में तीन वर्ष पूर्व रोडवेज को आवंटित की थी जमीन ]
जेडीए जमीन पर दो दर्मिनल तैयार होते तो बंट जाती बसे, जाम का होता कम दबाव
नारायणासिह तिराहा बस स्टैंड से रोज1000 से अधिक साकारी और निजी बसों का संचालन होता है। इनमें से ज्यादातर बसे दिल्ली रोड़ और आगरा रोड़ पर जाती है। ऐसे मे याडि रोड़वेज जडीए की आंवटित जमीन पर बस टर्मिनल तैयार होता तो लोगों को जाम से निजात मिल चुकी होती औ बसें भी दो हिस्सों मे बट जाती । यानी दिल्ली और हरियाणा की ओर से आने वाली बसें दिल्ली रोड़ पर रुक जाती भोर आगरा की भर से आने धली बसों को कानोवा मे ही रोक दिया जाता ‘ लेकिन शहर के बहार बस टर्मिनल ले जाने पर परिवहन विभाग चुप्पी साधे हुए है। जेडीए ने दिल्ली रोड पर अचरोल में करीब1000 हजार वर्ग मीटर और आगरा रोड़ पर कानोता मे10023 वर्ग मीटर जमीन करीबन तीन वर्ष पहले आवंटित की थी ‘ जिसका खामयाजा आम जनत को भुगतना पड़ रहा है। अगर सरकार इस समस्या पर अतिशिग्र ध्यान देतो आम आदमी को जाम से राहत मिल सके।