सुपौल जिले के किशनपुर प्रखंड अंतर्गत सुखासन पंचायत में हो रहे सड़क में मिटटी भराई ईंट सोलिंग एवं पीसीसी ढलाई कार्य में घोरअनियमितता की बातें सामने आई है।
सुपौल बिहार से ब्यूरो चीफ पंकज कुमार
योजना स्थल पर किसी प्रकार का साइन बोर्ड नहीं लिखा गया है कि आखिर यह योजना किस मद से कितनी की लागत से हो रही है ?
यह योजना ” किशनपुर प्रखण्ड के सुखासन पंचायत के वार्ड नंबर 18 में छतुपट्टी गांव के पास मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना ठाढ़ी भवानीपुर रोड से ठाकुरबाड़ी तक मिट्टी कार्य एवं ईंट सोलिंग कार्य किया जा रहा है ” जिसमें तीन नंबर की पीली ईंट एवं टुकड़ों का इस्तेमाल किया जा रहा है । नई मिट्टी पर सोलिंग किया जा रहा है जिसमें अभी से ही ट्रैक्टर चलने से मिट्टी धँसता जा रहा है। जिसे मजदूरों द्वारा फिर से लेवल कर सोलिंग किया जा रहा है।इस सड़क का निर्माण पूर्ण होने के बाद क्या स्थिति होगी कहना मुश्किल है। हालांकि कार्यस्थल पर मौजूद मजदूर एवं मिस्त्री द्वारा बताया गया कि यह निम्न स्तरीय ईट का प्रयोग एवं कार्य किया जा रहा है। जबकि ऐसा कार्य नहीं किया जाना चाहिए था ?
यह सार्वजनिक स्थल पर कार्य हो रहा है।
इस संबंध में मुखिया के पुत्र (प्रतिनिधि) सुरेश कुमार यादव से पूछे जाने पर की योजना किस मद से और कितनी की लागत से हो रही है ? जिसमें तीन नंबर की ईंटें बिछाई जा रही है?और मिट्टी का कार्य जो किया गया है ट्रैक्टर से ईंट लाये जाने से पूरा सड़क दब गया तो, इस सोलिंग और पीसीसी ढलाई के बाद क्या स्थिति होगी ?
तो,उन्होंने बताया कि यह षष्टम वित्त आयोग योजना से बनाया जा रहा है।
जिसमें तीन नंबर की ईद नहीं है यही ईंट सप्लाई में हमको दिया गया है।
कार्य स्थल पर बोर्ड लगाने की बात कही गई तो, बताया गया कि बोर्ड नहीं लगा है, लगा दिया जाएगा। यह योजना 5 लाख 76 हजार की लागत से बन रही है जबकि सूत्रों से पता चला कि 6 लाख 91 हजार की लागत से इस सड़क का निर्माण किया जा रहा ।
मिट्टी कार्य,ईंट सोलिंग का कार्य एक नंबर की ईंट और पीसीसी ढलाई का कार्य किया जाना है। हालांकि कार्यस्थल पर कनीय अभियंता या किसी पदाधिकारी की आवाजाही नहीं देखी गई उन्हीं के कार्य स्थल पर उनके मजदूरों के द्वारा जब इस तरह की बातें कहीं जा रही कि तीन नंबर का कार्य किया जा रहा है जिसे फोटोग्राफ में देखने से भी स्पष्ट होता है अगर इस तरह का तीन नंबर का कार्य होता रहा तो सड़कें कितने दिन चल पाएगी। जिससे सरकार की लाखों रुपये की राजस्व क्षति होती रहेगी अधीनस्थ अधिकारी मूक दर्शक बने रहते हैं या फिर उनकी भी संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है। ऐसे तीन नंबर के कार्यों पर अंकुश लगना चाहिए और समय पर इसकी जांच होनी चाहिए ?
हालांकि कनीय अभियन्ता किशनपुर भारती कुमारी से बातचीत कर योजना की वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया तो बताई की
सुपौल बिहार से ब्यूरो चीफ पंकज कुमार