सवांददाता नरसीराम शर्मा बीकानेर श्रीडूंगरगढ
पंचांग का अति प्राचीन काल से ही बहुत महत्त्व माना गया है। शास्त्रों में भी पंचांग को बहुत महत्त्व दिया गया है और
पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना गया है। पंचांग में सूर्योदय सूर्यास्त,चद्रोदय-चन्द्रास्त काल,तिथि, नक्षत्र, मुहूर्त योगकाल,करण,सूर्य-चंद्र के राशि,चौघड़िया मुहूर्त दिए गए हैं।
🙏जय श्री गणेशाय नमः🙏
🙏जय श्री कृष्णा🙏
पंचांग
दिनांक:- 27/10/2024, रविवार
एकादशी, कृष्ण पक्ष,
कार्तिक
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि———– एकादशी अहोरात्र तक
पक्ष———————— कृष्ण
नक्षत्र————- मघा 12:23:11
योग————– ब्रह्म 30:46:08
करण————– बव 18:34:16
वार———————- रविवार
माह———————- कार्तिक
चन्द्र राशि—————— सिंह
सूर्य राशि—————— तुला
रितु————————- हेमंत
आयन—————- दक्षिणायण
संवत्सर——————– क्रोधी
संवत्सर (उत्तर)————- कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————— 1946
कलि संवत—————– 5125
वृन्दावन
सूर्योदय————– 06:27:48
सूर्यास्त————— 17:37:48
दिन काल———— 11:09:59
रात्री काल————- 12:50:39
चंद्रास्त————– 15:02:02
चंद्रोदय—————- 26:42:11
लग्न—- तुला 9°54′ , 189°54′
सूर्य नक्षत्र—————– स्वाति
चन्द्र नक्षत्र——————- मघा
नक्षत्र पाया—————— रजत
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
मे—- मघा 12:23:11
मो—- पूर्वा फाल्गुनी 19:06:34
टा—- पूर्वा फाल्गुनी 25:51:06
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
सूर्य= तुला 09°45, स्वाति 1रू
चन्द्र=सिंह 10°30 ,मघा 4 मे
बुध =तुला 26°53’विशाखा 2 तू
शुक्र= वृश्चिक16°05,ज्येष्ठा 1नो
मंगल=कर्क 02°30 पुनर्वसु’4ही
गुरु=वृषभ 26°30 मृगशिरा,1वे
शनि=कुम्भ 18°50 शतभिषा4 सू
राहू=(व) मीन 10°50 उo भा o,3झ
केतु= (व)कन्या 10°50हस्त 1 पू
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 16:14 – 17:38 अशुभ
यम घंटा 12:03 – 13:27 अशुभ
गुली काल 14:50 – 16: 14 अशुभ
अभिजित 11:40 – 12:25 शुभ
दूर मुहूर्त 16:08 – 16:53 अशुभ
वर्ज्यम 21:21 – 23:09 अशुभ
प्रदोष 17:38 – 20:14 शुभ
गंड मूल 06:28 – 12:23 अशुभ
चोघडिया, दिन
उद्वेग 06:28 – 07:52 अशुभ
चर 07:52 – 09:15 शुभ
लाभ 09:15 – 10:39 शुभ
अमृत 10:39 – 12:03 शुभ
काल 12:03 – 13:27 अशुभ
शुभ 13:27 – 14:50 शुभ
रोग 14:50 – 16:14 अशुभ
उद्वेग 16:14 – 17:38 अशुभ
चोघडिया, रात
शुभ 17:38 – 19:14 शुभ
अमृत 19:14 – 20:50 शुभ
चर 20:50 – 22:27 शुभ
रोग 22:27 – 24:03* अशुभ
काल 24:03* – 25:39* अशुभ
लाभ 25:39* – 27:16* शुभ
उद्वेग 27:16* – 28:52* अशुभ
शुभ 28:52* – 30:28* शुभ
होरा, दिन
सूर्य 06:28 – 07:24
शुक्र 07:24 – 08:19
बुध 08:19 – 09:15
चन्द्र 09:15 – 10:11
शनि 10:11 – 11:07
बृहस्पति 11:07 – 12:03
मंगल 12:03 – 12:59
सूर्य 12:59 – 13:54
शुक्र 13:54 – 14:50
बुध 14:50 – 15:46
चन्द्र 15:46 – 16:42
शनि 16:42 – 17:38
होरा, रात
बृहस्पति 17:38 – 18:42
मंगल 18:42 – 19:46
सूर्य 19:46 – 20:50
शुक्र 20:50 – 21:55
बुध 21:55 – 22:59
चन्द्र 22:59 – 24:03
शनि 24:03* – 25:07
बृहस्पति 25:07* – 26:12
मंगल 26:12* – 27:16
सूर्य 27:16* – 28:20
शुक्र 28:20* – 29:24
बुध 29:24* – 30:28
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
तुला > 04:46 से 06: 58 तक
वृश्चिक > 06:58 से 09:20 तक
धनु > 09:20 से 11:36 तक
मकर > 11:36 से 14:28 तक
कुम्भ > 14:28 से 14:52 तक
मीन > 14:52 से 16:28 तक
मेष > 16:28 से 17:48 तक
वृषभ > 17:48 से 19:56 तक
मिथुन > 19:56 से 22:04 तक
कर्क > 22:04 से 00:38 तक
सिंह > 00:38 से 02:28 तक
कन्या> 02:28 से 04:38 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*– दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान————-पश्चिम
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा चिरौजी खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषुच l
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll
*अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।*
*महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
15 + 11 + 1 + 1 = 28 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
राहु ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल -:
26 + 26 + 5 = 57 ÷ 7 = 1शेष
कैलाश वास = शुभ कारक
भद्रा वास एवं फल -:
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
विशेष जानकारी
विश्नोई पंथ दिवस
रमा एकादशी व्रत 60 घटी का होने के कारण परसो 28 को होगा
शुभ विचार 💮
मूर्खस्तु परिहर्त्तव्यः प्रत्यक्षो द्विपदः पशुः ।
भिद्यते वाक्यशूलेन अदृश्यं कण्टकं यथा ।।
।। चा o नी o।।
मूर्खो के साथ मित्रता नहीं रखनी चाहिए उन्हें त्याग देना ही उचित है, क्योंकि प्रत्यक्ष रूप से वे दो पैरों वाले पशु के सामान हैं,जो अपने धारदार वचनो से वैसे ही हदय को छलनी करता है जैसे अदृश्य काँटा शारीर में घुसकर छलनी करता है .
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11
मन्यसे यदि तच्छक्यं मया द्रष्टुमिति प्रभो ।,
योगेश्वर ततो मे त्वं दर्शयात्मानमव्ययम् ॥,
हे प्रभो! (उत्पत्ति, स्थिति और प्रलय तथा अन्तर्यामी रूप से शासन करने वाला होने से भगवान का नाम ‘प्रभु’ है) यदि मेरे द्वारा आपका वह रूप देखा जाना शक्य है- ऐसा आप मानते हैं, तो हे योगेश्वर! उस अविनाशी स्वरूप का मुझे दर्शन कराइए॥,4॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष-नई योजना बनेगी जिसका लाभ तुरंत नहीं मिलेगा। सामाजिक कार्य करने में रुचि रहेगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। शारीरिक कष्ट संभव है। चिंता तथा तनाव हावी रहेंगे। सभी तरफ से सफलता प्राप्त होगी। नौकरी में प्रभाव बढ़ेगा। व्यापार में वृद्धि होगी। आय बढ़ेगी। घर में प्रसन्नता रहेगी। ऐश्वर्य पर व्यय हो सकता है।
🐂वृष-विवाद को बढ़ावा न दें। बनते काम बिगड़ सकते हैं। भाइयों से कहासुनी हो सकती है। आय बनी रहेगी। व्यापार ठीक चलेगा। नौकरी में सहकर्मी विरोध कर सकते हैं। जोखिम व जमानत के कार्य टालें, धैर्य रखें। चोट व दुर्घटना से हानि संभव है। जल्दबाजी न करें। स्वास्थ्य का पाया कमजोर रह सकता है।
👫मिथुन-कोई बड़ी बाधा आ सकती है। राजभय रहेगा। जल्दबाजी से काम बिगड़ेंगे। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। किसी के व्यवहार से स्वाभिमान को चोट पहुंच सकती है। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। नौकरी में अनुकूलता रहेगी। व्यापार में वृद्धि होगी।
🦀कर्क-यात्रा में सावधानी रखें। जल्दबाजी से हानि होगी। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। चिंता तथा तनाव रहेंगे। पुराना रोग उभर सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। दूसरों के कार्य में दखल न दें। अपेक्षित कार्यों में विलंब होगा। आय में निश्चितता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। लाभ बढ़ेगा।
🐅सिंह-प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगा। आय में वृद्धि होगी। निवेश शुभ रहेगा। पार्टनरों का सहयोग प्राप्त होगा। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। शारीरिक कष्ट से बाधा संभव है।
🙍♀️कन्या-दूर से शुभ समाचार प्राप्त होंगे। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। सुख के साधन जुटेंगे। पराक्रम बढ़ेगा। घर में मेहमानों का आगमन होगा। व्यय होगा। किसी पारिवारिक आयोजन का हिस्सा बन सकते हैं। निवेश शुभ रहेगा। व्यापार ठीक चलेगा। प्रसन्नता रहेगी। शत्रु परास्त होंगे।
⚖️तुला-पारिवारिक समस्याओं में इजाफा होगा। चिंता तथा तनाव बने रहेंगे। भागदौड़ रहेगी। दूर से बुरी खबर मिल सकती है। विवाद को बढ़ावा न दें। बनते कामों में बाधा हो सकती है। दूसरों से अपेक्षा न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी। मातहतों से अनबन हो सकती है। कुसंगति से हानि होगी।
🦂वृश्चिक-नौकरी और व्यापार में लाभ के अवसर हाथ आएंगे। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। व्यापार में अधिक लाभ होगा। यात्रा मनोरंजक रहेगी। किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का अवसर प्राप्त होगा। मनपसंद भोजन का आनंद प्राप्त होगा। लेन-देन में सावधानी रखें। शत्रुओं का पराभव होगा। विवाद को बढ़ावा न दें। भय रहेगा। प्रमाद न करें।
🏹धनु-प्रतिद्वंद्विता में वृद्धि होगी। जीवनसाथी से अनबन हो सकती है। स्थायी संपत्ति खरीदने-बेचने की योजना बन सकती है। परीक्षा व साक्षात्कार आदि में सफलता प्राप्त होगी। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकार बढ़ सकते हैं। छोटे भाइयों का सहयोग प्राप्त होगा। प्रसन्नता रहेगी। संचित कोष में वृद्धि होगी। प्रमाद न करें।
🐊मकर-पारिवारिक चिंता बनी रहेगी। अनहोनी की आशंका रहेगी। शत्रुभय रहेगा। कानूनी अड़चन दूर होगी। जीवनसाथी से सहयोग प्राप्त होगा। कारोबार में वृद्धि होगी। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। रुके हुए कार्यों में गति आएगी। घर-बाहर सभी अपेक्षित कार्य पूर्ण होंगे। दूसरों के कार्य की जवाबदारी न लें।
🍯कुंभ-मित्रों की सहायता कर पाएंगे। सामाजिक प्रतिष्ठा बढ़ेगी। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। नौकरी में अधिकारी प्रसन्न रहेंगे। किसी बड़े काम करने की योजना बनेगी। व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। भाइयों का सहयोग मिलेगा। भाग्य का साथ मिलेगा। प्रसन्नता रहेगी। पुराने किए गए प्रयासों का लाभ मिलना प्रारंभ होगा।
🐟मीन-वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। जरा सी लापरवाही से अधिक हानि हो सकती है। पुराना रोग बाधा का कारण बन सकता है। वाणी पर नियंत्रण रखें। अपेक्षित कार्यों में विलंब हो सकता है। चिंता तथा तनाव रहेंगे। पार्टनरों से मतभेद संभव है। व्यवसाय ठीक चलेगा। समय नेष्ट है। नए कार्य में लाभ मिलेगा। नौकरी और व्यापार के लिए समय अच्छा रहेगा।