राज्य स्तरीय भारोत्तोलन प्रतियोगिता का समापन, विजेता खिलाड़ियों को अतिथियों ने दी ट्राफी और मेडल
(रावेंद्र, केसरवानी रोहन प्रयागराज उत्तर प्रदेश )
(जारी प्रयागराज )प्रयागराज में 68 वीं चार दिवसीय राज्यस्तरीय भारोत्तोलन प्रतियोगिता गुरुवार को संपन्न हो गई। इस मौके पर मुख्य अतिथि एवं अन्य गणमान्य लोगों ने विजेताओं को आयोजकों की ओर से सम्मान ट्रॉफी, पदक और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश भगवती सिंह ने मुख्य अतिथि के तौर पर अपना संदेश देते हुए कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए खेल जरूरी है। खेलों में बच्चे के दिमाग को सक्रिय बनाने की शक्ति होती है। यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एक अच्छा खेल आत्मविश्वास और नेतृत्व कौशल बनाने में मदद करता है। खेल बच्चों के समग्र विकास के लिए बहुत जरूरी हैं। अक्सर, जो लोग खेल खेलते हैं वे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होते हैं।
विशिष्ट अतिथि अपर सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद विभा मिश्रा ने युवा विजेताओं को इस प्रतियोगिता से नई शुरुआत करने की बात कहीं। जो किसी वजह से असफल हो गए, उनको अगले मौके में कामयाब होने की सीख दी। उन्होंने युवाओं को जीवन में सकारात्मक व्यवहार अपनाने की सीख दी।
समापन समारोह को संबोधित करते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक प्रयागराज पीएन सिंह ने कहा कि हारने वाले खिलाड़ी निराश न हों। वे हार के कारणों की समीक्षा करें, जिससे आने वाली प्रतियोगिताओं में पूरे जोश से खेलें और जीत हासिल कर सकें।
प्रतियोगिता के दौरान प्रदेश के सोलह मंडलों के लगभग 350 छात्रों ने प्रतिभाग किया।
कार्यक्रम में सयुंक्त शिक्षा निदेशक प्रयागराज मण्डल आर एन विश्वकर्मा सहित जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय रमेश तिवारी, सह जिला विद्यालय निरीक्षक एलबी मौर्य, सह जिला विद्यालय निरीक्षक अजय गिरी, प्रधानाचार्य राजकीय इण्टर कॉलेज धर्मेंद्र सिंह सहित कुलभास्कर इण्टर कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रेम प्रकाश सिंह सहित मदन मोहन शंखधर, संदीप सिंह राठौर, प्रदीप सिंह,संजीव तिवारी, मनीष तिवारी, सूर्यकांत त्रिपाठी, महेंद्र तिवारी, अमित पाण्डेय, मंडलीय क्रीड़ा सचिव बृजेश कुमार श्रीवास्तव ,खेल प्रमुख बुलंद प्रताप राय सहित जिले के कई प्रधानाचार्य उपस्थित रहे। श्रृंगी ऋषि इंटर कॉलेज घटवा के प्रधानाचार्य डॉ संतोष सिंह ने अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम का संचालन प्रभाकर त्रिपाठी ने किया।