सवांददाता मीडिया प्रभारी मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ
दिवाली का त्योहार भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है,और इस दौरान मिठाइयों और दूध की मांग तेजी से बढ़ जाती है। लेकिन इसी बीच,मिलावटी दूध और मिठाइयों का खतरा भी बढ़ जाता है,जो न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं,बल्कि त्योहार का आनंद भी बिगाड़ सकते हैं।
दिवाली का त्योहार नजदीक आते ही बाजारों में मिठाइयों और दूध की मांग में वृद्धि हो जाती है। लेकिन इस समय मिलावटी दूध और मिठाइयों की बिक्री भी तेजी से बढ़ जाती है। यह मिलावट न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। बल्कि यह त्योहार के आनंद को भी बर्बाद कर सकती है।
मिलावटी दूध के नुकसान -मिलावटी दूध -में आमतौर पर पानी,साबूदाना,और विभिन्न रसायनों का मिश्रण होता है। इससे निम्नलिखित समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं
पोषण की कमी: मिलावटी दूध में आवश्यक पोषक तत्वों की कमी होती है,जिससे शरीर को आवश्यक ऊर्जा और तत्व नहीं मिल पाते।
पेट की समस्याएँ: मिलावटी दूध के सेवन से डायरिया,गैस और अन्य पाचन संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं। इसके रसायनों के कारण पेट में संक्रमण भी हो सकता है।
अस्थमा और एलर्जी: कई बार मिलावट में उपयोग होने वाले रसायन शरीर में एलर्जी और अस्थमा का कारण बन सकते हैं।
मिठाइयों की मिलावट और उनके दुष्परिणाम
दिवाली पर मिलने वाली मिठाइयाँ जैसे बर्फी,लड्डू,और जलेबी में भी मिलावट की संभावना होती है। इनके सेवन से होने वाले नुकसान निम्नलिखित हैं:
स्वास्थ्य संबंधी खतरे: मिलावटी मिठाइयों में हानिकारक रसायन, जैसे रंग,एसेंस,और प्रिज़रवेटिव्स शामिल हो सकते हैं,जो स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं।
मधुमेह और मोटापे का खतरा: अधिक चीनी और हानिकारक तत्वों के कारण ये मिठाइयाँ रक्त में शुगर स्तर को बढ़ा सकती हैं,जिससे मधुमेह का खतरा बढ़ता है।
पाचन में कठिनाई: मिलावटी मिठाइयाँ पाचन तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे एसिडिटी,पेटदर्द,और गैस की समस्या हो सकती है।
कैसे पहचानें मिलावटी उत्पाद?
मिलावटी दूध और मिठाइयों की पहचान करना जरूरी है। इसके लिए निम्नलिखित बिंदुओं का ध्यान रखें:
गंध और रंग: मिलावटी दूध और मिठाइयों की गंध और रंग में असामान्यता होती है। ताजे दूध की सुगंध और सफेद रंग की पहचान करें।
प्रमाणपत्र: खरीदते समय हमेशा उन उत्पादों को चुनें जिनका प्रमाणपत्र हो।
स्थानीय उत्पाद: स्थानीय दुकानदारों से खरीदें, जहाँ आपको ताजगी का भरोसा हो।
सुरक्षित दिवाली का महत्व-
दिवाली पर मिठाइयाँ और दूध का सेवन आनंद का प्रतीक है। लेकिन यह आवश्यक है कि हम स्वस्थ और ताजे उत्पादों का चुनाव करें। मिलावटी उत्पादों से बचकर, हम अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा कर सकते हैं और त्योहार का असली आनंद ले सकते हैं। दिवाली जैसे खास मौके पर स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना जरूरी है। मिलावटी दूध और मिठाइयों से दूर रहकर ही हम इस पर्व का सही आनंद ले सकते हैं। सुरक्षित और स्वस्थ जीवनशैली को अपनाकर दिवाली को और भी खास बनाएं!