• उत्तर प्रदेश के सैकड़ों गांवों को पर्यटकों के लिए किया जाएगा तैयार।
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 229 गांवों को ‘होम स्टे’ योजना के तहत चिह्नित किया गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के पर्यटन स्थलों के समीप स्थित ग्रामीण क्षेत्रों को समृद्ध करना और स्थानीय निवासियों को रोजगार के अवसर प्रदान करना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार, यह पहल प्रदेश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक अहम कदम है।
पर्यटन विभाग द्वारा चुने गए गांवों में से 80 गांवों के निवासियों ने ‘होम स्टे’ योजना के तहत अपने घरों को पर्यटकों के ठहरने के लिए खोलने की सहमति दी है। इन गांवों में अधिकतर वे गांव हैं जो पर्यटन स्थलों के नजदीक स्थित हैं या जहां पहले से कोई ऐतिहासिक या सांस्कृतिक महत्व का स्थल मौजूद है। इससे इन गांवों की ओर पर्यटकों का रुझान बढ़ेगा और ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन का विकास होगा।
पर्यटन विभाग ने ग्रामीण पर्यटन को सोशल मीडिया के जरिए प्रमोट करने का निर्णय लिया है। इसके तहत हर ‘होम स्टे’ गांव का अलग से फेसबुक पेज बनाया जाएगा, जिसमें गांव की सांस्कृतिक धरोहर, इतिहास और आसपास के पर्यटन स्थलों की जानकारी दी जाएगी। इन पेजों पर नियमित अपडेट्स के साथ-साथ पर्यटकों के अनुभवों को भी साझा किया जाएगा ताकि अधिक से अधिक लोग यहां आने के लिए प्रेरित हों।
पर्यटन विभाग ने मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंध संस्थान (एमकेआईटीएम) में ‘होम स्टे’ के लिए ग्रामीणों को प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है। इस प्रशिक्षण में ग्रामीणों को पर्यटकों की मेहमाननवाजी, स्वच्छता, भोजन और आवास की गुणवत्ता के बारे में सिखाया जा रहा है। इससे ग्रामीण न केवल अतिरिक्त आय अर्जित कर सकेंगे बल्कि उनके जीवन स्तर में भी सुधार आएगा।
उत्तर प्रदेश में पहले से ही पर्यटकों की संख्या काफी अधिक है, और अब ‘होम स्टे’ योजना से ग्रामीण क्षेत्रों को भी पर्यटन से जोड़ा जा रहा है। इस योजना से न सिर्फ ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा बल्कि प्रदेश की आर्थिक स्थिति को भी बल मिलेगा। पर्यटन विभाग इस योजना को लेकर पूरे प्रदेश में व्यापक प्रचार-प्रसार कर रहा है और वेबसाइट व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए इसे अधिकतम लोगों तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है।
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव, मुकेश कुमार मेश्राम ने कहा कि, “उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में पर्यटन की व्यापक संभावनाएं हैं। हम इसी दिशा में काम कर रहे हैं ताकि ग्रामीण पर्यटन के जरिए राज्य को और अधिक समृद्ध बनाया जा सके।” उनका मानना है कि ‘होम स्टे’ योजना से प्रदेश के आर्थिक और सामाजिक ढांचे में सकारात्मक बदलाव आएंगे।
आने वाले समय में, ‘होम स्टे’ योजना के तहत और भी गांवों को जोड़ा जा सकता है। जैसे-जैसे ग्रामीणों को इसका लाभ नजर आने लगेगा, वे और भी अधिक सक्रिय रूप से इस योजना में भाग लेंगे। यह योजना न सिर्फ पर्यटन को नई दिशा देगी बल्कि ग्रामीण जीवन के पारंपरिक स्वरूप को संरक्षित करने में भी मददगार साबित होगी।