नगवॉ क्षेत्र में घटती वन भूमि के लिए जिम्मेदार मौन!
मंगलवार को क्षेत्र के पत्रकारों के दल ने दर्जन भर से अधिक गांवों में देखी स्थिति!
सोनभद्र /सत्यनारायण मौर्य/संतेश्वर सिंह
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सोनभद्र,जनपद के सोनभद्र वनप्रभाग में जिस अंदाज में वन भूमि पर कब्जा होता जा रहा है और संबंधित मौन है इससे शायद आने वाले दिनों में इस क्षेत्र का पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ सकता है! पिछले कई वर्षों से अवैध कटान व वन भूमि पर कब्जा रोकने के लिए भारत सरकार समेत विश्व बैंक अरबो रुपए खर्च कर चुका है उसके बावजूद भी नगवॉ क्षेत्र की स्थिति दिन प्रतिदिन भयावह होती जा रही है!
नगवॉ क्षेत्र के दर्जन भर वरिष्ठ पत्रकारों ने मंगलवार की सुबह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत खलियारी से चलकर माची, रामगढ़, व पटना रेंज के दर्जन भर से अधिक गांवों में जाकर वनों की स्थिति व वन भूमि का जायजा लिया इसके पीछे उद्देश्य ग्रामीण पत्रकारिता को बढ़ावा देना व पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करना था! इस दौरान माँची वन रेंज के सरयीगढ़, के सुगवानार के जंगल में कुछ लोग जो अपने को सामाजिक होने का दावा करते हैं उनके द्वारा व्यापक रूप से वन भूमि पर व्यापक कब्जा किया गया! इसी तरह तेनुआ, सूअर सोत , कजियारी, बराडाण , बाकी, तेनुडाही, विश्रामपुर आदि गावों में वनो व वन निवासियों की जो स्थिति देखी वह काफी चिंतनीय व गंभीर है! इन गांवों में कतिपय बन कर्मियों की कारगुजारियों से नए वन क्षेत्र पर लोग काबिज हो रहे हैं और वहीं दूसरी तरफ बनाधिकार अधिनियम लागू होने के पूर्व से काबिज तमाम आदिवासियों व वन निवासियों को पट्टा नहीं दिया गया है! इसी तरह रामगढ़ वन रेंज के गंगवॉ, चौरा, पनौरा, लोढ़ा, दुवारी गांव में भी देखी गई! पनौरा में तो स्थिति और भी खराब देखी गई! इसी तरह पटना वन रेंज के करौदिया, दुपटिया, बैजनाथ, रामपुर, व सोमाँ गांव में देखी गई! भ्रमण के दौरान तमाम स्थानों पर सुरछा दीवाल नाम मात्र की पायी गयी! लोगों से पूछने पर पता चला की छेत्र में बनने वाली सणको, पुलियों के दौरान कतिपय वनकर्मियों द्वारा संबंधित ठेकेदारों को बेच दी गई है! भ्रमण के दौरान वरिष्ठ पत्रकार वेदव्यास सिंह मौर्य, श्याम सुंदर पांडे, एस एन मौर्य, लालबहादुर जसवाल, राजन गुप्ता, शांतेश्वर सिंह, जितेंद्र तिवारी व नगवॉ के अध्यक्ष सुनील शुक्ला प्रमुख रूप से रहे!