• 150 वर्षों की मजबूती वाला बनने जा रहा पुल,4 साल में बनकर होगा तैयार 1075 मीटर लंबा ब्रिज।
चन्दौली : केंद्र सरकार ने वाराणसी और पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर के बीच गंगा नदी पर एक और रेल-सह-सड़क पुल के निर्माण को मंजूरी दी है। इस मल्टी- ट्रैकिंग परियोजना पर लगभग 2,642 करोड़ रुपये की लागत आएगी।इसके निर्माण के बाद भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त मागों में से एक पर ट्रेनों का परिचालन आसान होगा। इस परियोजना को चार साल के रिकॉर्ड समय में पूरा किया जाएगा। दोमंजिला ब्रिज में नीचे चार लेन की रेल ट्रैक और ऊपर छह लेन का राजमार्ग होगा। डिजाइन से लेकर निर्माणशैली में कला, संस्कृति और तकनीकी का दुर्लभ मेल होगा। ब्रिज की डिजाइन आगामी 150 साल की परिवहन व्यवस्था को देखते हुए तैयार की गई है। मालवीय पुल से लगभग 50 मीटर दूरी पर समानांतर बनने वाला यह ब्रिज ट्रैफिक क्षमता में विश्व के बड़े पुलों में से एक होगा।यह कॉरिडोर विशेष रूप से उत्तरी, पूर्वी और पश्चिमी राज्यों को जोड़ेगा। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी अपने एक्स पर काशी ब्रिज के नाम से ब्लू प्रिंट और तस्वीरें साझा की हैं। काशी स्टेशन के द्वितीय प्रवेश द्वार के नजदीक और नमो घाट के बगल से यह ब्रिज गुजरेगा। ब्रिज की डीपीआर भी फाइनल कर ली गई है। रेल मंत्री ने बताया कि यह पुल प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप है और इलाके के विकास, पर्यटन और रोजगार की संभावनाओं को विस्तार देने वाला है। यह परियोजना मल्टी मॉडल, कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का अभिन्न अंग है। डीजल के आयात में कमी से 638 करोड़ सालाना की बचत होगी। रेलवे के नेटवर्क में 30 किमी का इजाफा होगा।1887 में अंग्रेजी हुकूमत के दौरान मालवीय पुल का निर्माण हुआ था। लगभग डेढ़ दशक से पुल पर भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध है। रेल अधिकारियों के अनुसार अब तक किसी भी नदी पर चार लेन का रेलवे ट्रैक और ऊपर सिक्सलेन की सड़क नहीं है।