गंगेश कुमार पाण्डेय
(ब्यूरो चीफ) सत्यार्थ न्यूज़ सुलतानपुर, उत्तर प्रदेश।
“स्थाई लोक अदालत ने दिया आदेश”पीड़ित को मानसिक प्रताड़ना व मुकदमे का खर्च दे बिजली विभाग।
सत्यार्थ न्यूज़ सुलतानपुर: स्थाई लोक अदालत ने पीड़ित को मानसिक पीड़ा व मुकदमे का खर्च भी देने का आदेश दिया है। जबकि बालक की मौत पर विद्युत विभाग दो लाख रूपए की छतिपूर्ति का भुगतान पहले ही कर चुका है।
“जून 2016 की है घटना”।
जयसिंहपुर के, बाबू का पुरवा, बरौसा निवासी धीरज उनकी पत्नी निशा देवी ने विद्युत वितरण विभाग के अधिशासी अभियंता और उपखंड अधिकारी के विरुद्ध साल 2017 में वाद दायर किया था।
बेटे की मृत्यु पर विद्युत विभाग से 52 लाख रूपए की छतिपूर्ति
दिलाने की याचना की थी। माता-पिता का कहना था कि 26 जून 20 16 को घर के बाहर उनका पुत्र खेल रहा था तभी बिजली के खंभे में लगे स्टे राड़ में उतरे करंट की चपेट में आ गया। जिससे उसकी मृत्यु हो गई।
“पुलिस ने नहीं लिखी थी एफ आई आर”।
घटना के दूसरे दिन पुलिस आई पंचनामा व शव का पोस्टमार्टम करवाया। लेकिन कई बार प्रार्थना पत्र देने के बाद भी एफ आई आर नहीं लिखी गई। बिजली विभाग ने भी सुनवाई करने से इनकार कर दिया। थक हार कर मुकदमा दायर किया। बिजली विभाग के अफसरों ने मौत के लिए खुद व विद्युत महक में को जिम्मेदार नहीं माना। लेकिन यह भी कहा कि दौरान मुकदमा याचीगण को उनके बेटे की मृत्यु के लिए दो लाख का भुगतान किया जा चुका है।
“छह प्रतिशत ब्याज सहित ₹25 हजार करें अदा”।
स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष राधेश्याम यादव, सदस्यगण मृदुला राय व रमेश कुमार ने माना कि मुकदमे बाजी के लिए मजबूर करने के लिए हुई मानसिक प्रताड़ना और न्यायालय तक आने जाने के लिए बिजली विभाग दोनों की छह प्रतिशत ब्याज सहित₹25 हजार अदा करें।