सवांददाता मीडिया प्रभारी मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ
मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा मंडी श्रमिक कल्याण योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना के माध्यम से कृषि मंडियों में काम करने वाले हम्माल, तुलारा एवं पल्लेदारों को बच्चे पैदा होने पर, बच्चों की शिक्षा एवं विवाह तथा चिकित्सा सेवाओं के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है। कृषि विपणन विभाग के संयुक्त निदेशक श्री शिव सिंह भाटी ने बताया कि योजना के माध्यम से अनुज्ञप्तिधारी महिला हम्माल एवं पल्लेदारों को प्रसूति सहायता, पुरुष को पितृत्व सहायता, महिला के विवाह और पुरुष एवं महिला हम्माल और पल्लेदारों की दो पुत्रियों की सीमा तक 50 हजार रुपए प्रति विवाह सहायता दी जाती है। इसी प्रकार मेधावी विद्यार्थियों को कक्षा 10 से स्नातकोत्तर तक 2 हजार से 6 हजार तक की छात्रवृत्ति और 20 हजार रुपए तक की चिकित्सा सहायता मुहैया कराई जाती है।
लाडली के विवाह पर 50 हजार रुपए की सहायता
योजना के तहत अधिकतम दो बेटियों के विवाह हेतु प्रति बेटी के विवाह पर 50 हजार रुपए की सहायता राशि प्रदान की जाती है। साथ ही अनुज्ञप्तिधारी महिला के विवाह पर भी 50 हजार रुपए की सहायता राशि दी जाती है। सहायता के लिए आवेदक को विवाह के 90 दिन में आवेदन प्रस्तुत करना आवश्यक है।
श्रमिकों को 20 हजार रुपए की चिकित्सा सहायता
अनुज्ञप्तिधारी हम्माल एवं पल्लेदारों को कैंसर, हार्ट अटैक, लीवर,किडनी जैसी गंभीर बीमारियों से ग्रसित होने पर सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्रों, राज्य सरकार द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिए अधिकृत अस्पताल में भर्ती होने पर चिकित्सा सहायता के लिए अधिकतम 20 हजार रुपए की सहायता प्रदान की जाती है।
महिलाओं को 45 दिवस की प्रसूति सहायता व पुरुषों को 15 दिवस का पितृत्व संबल
महिलाओं को 45 दिवस की प्रसूति सहायता और पुरुषों को 15 दिवस का पितृत्व संबल योजना के तहत महिला हम्मालों एवं पल्लेदारों को अधिकतम दो प्रसूतियों पर 45 दिन की मजदूरी के समतुल्य राशि का भुगतान करके साहयता प्रदान की जाती है। इसी प्रकार पुरुष हम्माल को पितृत्व अवकाश के रूप में निर्धारित प्रचलित मजदूरी दर के अनुसार 15 दिन की मजदूरी का भुगतान किया जाता है। इसके लिए आवेदक को 3 माह के भीतर आवेदन प्रस्तुत करना होता है।
मेधावी विद्यार्थियों को कक्षा 10 से स्नातकोत्तर तक छात्रवृत्ति की सुविधा
योजना के तहत जिनके अभिभावक मंडी में अनुज्ञप्तिधारी हम्माल का पल्लेदार हैं, उनके प्रत्येक बेटे-बेटियों (अधिकतम दो बच्चों की सीमा तक) को छात्रवृति प्रदान करके शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित किया जाता है। जिसमें कक्षा 10वीं में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र को 3 हजार रुपए, छात्रा को 3 हजार 500 रुपए, 70 से 80 प्रतिशत अंक वाले छात्रों को 2 हजार रूपए तथा छात्रा को 2 हजार 500 रुपए की छात्रवृत्ति एकमुश्त प्रदान की है। इसी प्रकार कक्षा 12वीं में 90 प्रतिशत से अधिक अंक वाले छात्र को 5 हजार रुपए, छात्रा को 6 हजार रूपये, 80 से 90 प्रतिशत अंक वाले छात्र को 4 हजार रूपए, छात्रा को 5 हजार रूपए, 70 में 80 प्रतिशत अंक वाले छात्र को 3 हजार, छात्रा को 4 हजार रूपए की छात्रवृत्ति दी जाती है। स्नातक में अध्यनरत विद्यार्थियों को 60 प्रतिशत से अधिक अंक आने पर छात्र को 4 हजार, छात्रा को 5 हजार रूपए तथा स्नातकोत्तर में 60 प्रतिशत से अधिक अंक आने पर छात्र को 5 हजार तथा छात्रा को 6 हजार रूपए की छात्रवृत्ति एकमुश्त देकर आर्थिक संबल प्रदान किया जाता है।
योजना के लिए पात्रता
योजना के तहत हम्मालों एवं पल्लेदार की आयु 18 वर्ष-60 वर्ष हो व राजस्थान का मूल निवासी होना आवश्यक है। राजस्थान कृषि उपज मंडी समिति अधिनियम 1961 के अधीन अनुज्ञप्तिधारी होना तथा राज्य की कृषि मंडियों में निर्धारित कार्य करने की आवश्यक शर्त है। इन्हें किसी अन्य स्रोत से वेतन प्राप्त नहीं होने पर ही सहायता देय है।