विज्ञान से दैनिक जीवन पर होने वाले सकारात्मक प्रभावों व प्रयासों को उजागर करने के लिए मनाया जाता है : डॉ. रश्मि सिंह
महर्षि वाल्मीकि कॉलेज में मनाया गया राष्ट्रीय विज्ञान दिवस
सत्यार्थ न्यूज़ रिपोर्टर पुनीत मरकाम
भानुप्रतापपुर/ शासकीय महर्षि वाल्मीकि स्नातकोत्तर महाविद्यालय भानुप्रतापपुर में बुधवार को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के रूप में कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रश्मि सिंह मौजूद रहे।
कार्यक्रम के मुख्यातिथि डॉ. रश्मि सिंह ने संबोधित करते हुए कहा कि विद्यार्थी विज्ञान की पढाई व शोध करके देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस भारत में वैज्ञानिकों द्वारा की गई शोध और उनका प्रयोग आम आदमी के दैनिक जीवन पर होने वाले सकारात्मक प्रभावों व प्रयासों को उजागर करने के लिए मनाया जाता है। शोध का महत्व विद्यार्थियों में साइंस के प्रति रुझान पैदा करने के लिए प्रति वर्ष देश भर में मनाया जाता है।
हिंदी के वरिष्ठ प्राध्यापक श्यामानंद डेहरिया ने विज्ञान दिवस की शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि आज हमारे सामने जो कुछ भी दिख रहा है वे सब विज्ञान का ही देन है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समाज में वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं के महत्वपूर्ण योगदान को पहचानने, उनकी सराहना करने, वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करने और युवा छात्रों को विज्ञान में करियर बनाने के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित करने के लिए मनाया जाता है।
जूलॉजी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. नसीम अहमद मंसूरी ने अध्यक्षीय उध्बोधन देते हुए कहा कि विज्ञान दिवस 2024 का विषय विकसित भारत के लिए स्वदेशी प्रौद्योगिकी है। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस हर साल 28 फरवरी को देश के विकास में वैज्ञानिकों के योगदान को चिह्नित करने और इसे पहचानने के लिए मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि इस दिन 1928 में भारतीय भौतिक विज्ञानी चंद्रशेखर वेंकट रमन ने स्पेक्ट्रोस्कोपी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खोज की जिसे रमन प्रभाव कहा जाता है। यह दिन रमन प्रभाव की खोज को समर्पित है। सी वी रमन को उनके काम के लिए 1930 में भौतिकी में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।फिजिक्स के प्राध्यापक नंदनी कश्यप ने बताया कि कॉलेज में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाने का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को विज्ञान के प्रति आकर्षित व प्रेरित करने के साथ साथ जनसाधारण को विज्ञान एवं वैज्ञानिक उपलब्धियों के प्रति सजग बनाना है। कार्यक्रम को गणित के सहायक प्राध्यापक जीवन साहू, पत्रकारिता के सहायक प्राध्यापक श्रीदाम ढाली ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन एमएससी के विद्यार्थी नवनिता राय और सेवक मंडल ने किया।
कविता के माध्यम से विज्ञान के महत्व को बताया
इस अवसर पर एमएससी के छात्रा वंदना नेताम, नेहा पटेल ने विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक विषय पर कविता प्रस्तुत की है। विद्यार्थियों ने कविता के माध्यम से जीवन में विज्ञान के महत्व को पहचानने और भावी पीढ़ियों को विज्ञान अपनाने और देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित करने का दिन है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के आंतरिक गुणवत्ता आश्वसन प्रकोष्ठ एवं रासेयो कार्यक्रम अधिकारी रितेश कुमार नाग, महिला प्रकोष्ठ के संयोजक नंदनी कश्यप, स्नेहा रितेश नाग, योगेश्वरी कोसमा, दिव्या बाघमरे, उपासना निषाद, निशा तिवारी, आस्था शर्मा, मुकेश डहरवाल, श्रीदाम ढाली, योगेश यादव, टुपेश कुमार कोसमा, रमाकांत रजक, डी के बांधे, जीवन साहू एवं कॉलेज के समस्त अधिकारी-कर्मचारी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।