सत्यार्थ न्यूज़ भीलवाड़ा
अब्दुल सलाम रंगरेज
काछोला में मां दुर्गा की प्रतिमा का जुलूस के साथ विसर्जन_
जुलूस में जगह-जगह पुष्प वर्षा से किया स्वागत_
भीलवाड़ा_
काछोला–नवरात्रि स्थापना के 9 दिन तक गरबा नृत्य का आयोजन किया जाता है। उसके बाद हिन्दू पंचांग के अनुसार मां दुर्गा का विसर्जन आश्विन शुक्ल दशमी को किया जाता है। काछोला में माली मोहल्ले में स्थित तेजाजी चौक में 9 दिन तक गरबा महोत्सव का आयोजन किया गया।
शारदीय दुर्गा विसर्जन आज है।नवरात्रि में मां दुर्गा स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि में मां दुर्गा को खुश करने के लिए उनके भक्त पूरे नौ दिनों तक व्रत रखते हैं।शारदीय नवरात्रि के मौके पर दुर्गा प्रतिमाएं पंडालों में स्थापित की जाती हैं और फिर उन्हें दशहरा के बाद विसर्जित कर दिया जाता है।
दुर्गा विसर्जन के दिन भक्त माता के मस्तक पर सिन्दूर लगाकर उनकी पूजा कर आरती उतारते है।
इसके पश्चात मां दुर्गा की प्रतिमा की सज्जा कर जुलूस के साथ विसर्जन के लिए ले जाया जाता है। मांडलगढ़ पंचायत समिति के काछोला कस्बे में मां दुर्गा का मुख्य मार्ग से जुलूस के रूप में विसर्जन के लिए प्रताप सागर तालाब पर ले जाया गया। जगह-जगह पर युवाओं एवं युवतियों ने नृत्य करते हुए आनंद लिया। जगह-जगह पर पुष्प वर्षा की गई। जुलूस में सैकड़ो युवक युवती और महिलाएं पुरुष उपस्थित थे।बाद में प्रतिमा को तालाब में विसर्जित किया गया।
माली समाज के नवयुवक मंडल के अध्यक्ष राजू माली ने बताया कि नवरात्रि स्थापना के बाद 9 दिन तक तेजाजी चौक में गरबा नृत्य का आयोजन किया गया और आज दशहरे के दिन मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन काछोला प्रताप सागर में किया जा रहा है।
समस्त संसार पंचतत्वों से बना हुआ है। जल भी पंचतत्व है इसे काफी पवित्र माना गया है ।पूजा में भी पवित्र जल से पवित्रीकरण किया जाता है।हिंदू पुराणों में जल को ब्रह्म माना गया है।
इसी वजह से जल में त्रिदेवों का वास भी माना जाता है। यही वजह है कि पूजा पाठ में भी पवित्रीकरण के लिए जल का प्रयोग किया जाता है। इसीलिए प्रतिमाओं को बाद में जल में विसर्जित किया जाता है।
काछोला में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन और जुलूस के दौरान पुलिस जाब्ता ए एस आई इंदर राज मीणा एवं अन्य पुलिसकर्मी उपस्थित थे।