सवांददाता मीडिया प्रभारी मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ
नाक से खून आने का कारण बीमारी भी होता है और यह आम समस्या भी हो सकती है। नाक से खून आने पर आपको इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। नाक से खून (nose bleed) आने कि समस्या को नकसीर के नाम से भी जाना जाता है। यह समस्या आम होती है और यह किसी को भी हो सकती है। यह आमतौर पर नाक के अंदर की ब्लड वेसल्स के फटने के कारण होता है। यह समस्या हर उम्र के व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है। खराब खानपान भी इस समस्या का करण हो सकता है। ऐसे में इसका समय रहते इलाज न कराने से शरीर में कई बीमारियां पैदा हो सकती है।
नाक से खून आना इन बीमारियों का संकेत-
हीमोफिलिया
हीमोफिलिया एक ऐसी स्थिति है,जिसमें रक्त के थक्के बनने में कठिनाई होती है। इसके परिणामस्वरूप नाक से रक्तस्राव को रोकना चुनौतीपूर्ण हो जाता है। हीमोफिलिया से ग्रसित व्यक्तियों में नाक से खून आने की संभावना
नेसल ट्यूमर
आपके नाक से खून आने का कारण नेसल टयूमर भी हो सकता है जो एक आम कारणों में गिना जाता है। यह ट्यूमर रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे रक्तस्राव होने की संभावना काफी हद तक जाती है।
क्रोनिक लीवर डिजीज
क्रोनिक लीवर रोग नाक से रक्तस्राव सहित विभिन्न समस्याओं का कारण बन सकता है। यह रोग रक्त के थक्के बनने की प्रक्रिया को प्रभावित करता है,जिसके परिणामस्वरूप नाक से खून आने की संभावना बढ़ जाती है।
एथेरोस्क्लेरोसिस
एथेरोस्क्लेरोसिस एक ऐसी बीमारी है,जिसमें धमनियों के भीतर प्लाक का संचय होता है। यह प्लाक एक चिपचिपा मिश्रण होता है, जिसमें कोलेस्ट्रॉल, वसा और अन्य तत्व शामिल होते हैं। इसके परिणामस्वरूप, धमनियाँ कठोर और संकीर्ण हो जाती हैं,जिससे रक्त प्रवाह में कमी आ सकती है। उच्च रक्तचाप नाक से रक्तस्राव का कारण बन सकता है।
कैसे करें बचाव
ह्यूमिडिफायर का उपयोग करने या नाक में सलाइन स्प्रे लगाने से नाक को नम बनाए रखने में सहायता मिलती है। एलर्जी के समय उचित उपचार करने से नाक से खून आने की संभावना को कम किया जा सकता है। नाक से खून आने पर आगे झुकने से रक्त को गले में बहने से रोका जा सकता है। अंगूठे और तर्जनी से नथुने को 10-15 मिनट तक दबाए रखने से भी रक्तस्राव को नियंत्रित किया जा सकता है। नाक पर ठंडी सिकाई करने से रक्त वाहिकाएं संकुचित होती हैं। जिससे रक्तस्राव में कमी आ सकती है।
डिसक्लेमरः
इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा,उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।