• गोमाता की थोड़ी सी सेवा से ही वह हमारे जीवन को खुशहाली बना देती है – स्वामी गोपालानंद सरस्वती
दिनांक : 11.8.2024
दिन : रविवार
सत्यार्थ न्यूज
ब्यूरो चीफ (मनोज कुमार माली सुसनेर)
सुसनेर नगर के समीप स्थित गो अभ्यारण सालरिया में आज का दिन बहुत ही महत्त्वपूर्ण है यानि आज ही के दिन 11 अगस्त 1908 को 18 वर्ष की आयु के भारत मां के वीर सपूत खुदीराम बोस भगवत गीता को हाथ में लेकर मां भारती के लिए फांसी के फंदे पर झूले थे साथ ही आध्यात्मिक दृष्टि से आज ही के दिन11अगस्त 1911 को भगवान श्रीराम का जीवन चरित्र श्री रामचरित मानस के माध्यम से जन जन तक पहुंचाने में अपनी भूमिका निभाने वाले गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज का जन्म हुआ था अर्थात रामचरित मानस साक्षात राम ही है , ऐसे दिव्य ग्रन्थ के रचियता का आज ही के दिन जन्म हुआ था और आज ऐसा संयोग है कि जन्म तारीख के साथ साथ जन्म तिथि श्रावण शुक्ला सप्तमी भी उनकी जन्मतिथि आज है । उक्त बातें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 125 वे दिवस पर श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती महाराज ने कही
स्वामीजी ने भारत मां के सपूत खुदीराम बोस एवं गोस्वामी तुलसीदास जी को सभी श्रोताओं की और से नमन एवं वंदन किया।
स्वामीजी ने आगे बताया कि आज कथा का 125 वां दिवस है और प्रतिदिन कथा में देश के विभिन्न क्षेत्रों से चुनर यात्रा का क्रम चल रहा है। चुनर के संदर्भ में महाराज जी ने कहा कि चूनर परिवार के किसी खास बहन बेटी, भुवा भतीजी को ओढ़ाई जाती है। चुनर ओढाने से रिश्ता पक्का समझा जाता है। गोमाता को चुनर ओढ़ा रहे है तो इनके साथ अब हमे जीवन भर का रिश्ता निभाना है। गोमाता कहीं भी हो हमे उनसे प्रेम करना होगा।
कोई गोमाता सड़क पर घूमे नही, कोई गोमाता प्लास्टिक खाए नही, कोई गोमाता दुखी होए नही, किसी भी गोमाता को कभी किसी प्रकार का कष्ट होवे नही। यह ध्यान रखना अब हमारी जिम्मेदारी है । हम गोमाता की थोड़ी सी सेवा करते है तो वह हमारे जीवन की खुशहाली की पूरी जिम्मेदारी उठा लेती है
स्वामीजी ने कहां कि हम किसी भी क्षेत्र में जाते है तो वहां गो माताएं सड़को पर घूम रही है, यह अत्यंत दु,:खद बात है।
हमे अपने अपने घर में एक एक गोमाता रख कर सेवा शुरू करनी चाहिए। गो अभयारण्य में कोशिश है कि अधिक से अधिक गो माता की सेवा होवे। अभी 5 हजार गो माताओं के रहने की व्यवस्था है। 6 हजार से अधिक गोवंश यहां हो चुका है। जिनकी पूरी आत्मीय एवं मातृत्तव भाव से सेवा की जा रही है।
गोमाता के आवास हेतु कुछ गोष्ट बन जाए तो 10 से 12 हजार गोवंश की सेवा यहां हो सकती है।
श्रावण शुक्ला सप्तमी के पुण्य अवसर पर गो अभयारण्य मालवा में विराजित पंच सहस्त्र भगवती गोमाताओं के मध्य विराजित भगवान गोपालेश्वर महादेव जी का युवा महाकाल संघ मित्र मंडल पिडावा के संरक्षक भूपेन्द्र व्यास,बालकृष्ण शर्मा, राजेश राठौर एवं अध्यक्ष मुकेश गुर्जर,उपाध्यक्ष रोहित शर्मा,हीरालाल,दिनेश गुर्जर,हेमराज माली,मुकेश धोबी, मंत्री कैलाश गुर्जर,कोषाध्यक्ष हेमराज माली,मुकेश धोबी आदि के साथ सेंकड़ों शिव भक्तो ने विशाल कावड़ यात्रा के साथ एकादश विप्रजनो के मंत्रोचार के साथ भगवान गोपालेश्वर महादेव जी का कावड़ के जल से सहस्त्रधारा जलाभिषेक किया ।
अतिथि के रूप में श्रीराम गोशाला अड़कसर (नागौर) से चेनाराम भूकर, झाबर भूकर,सुभाष बलारा,मनोज (सरपंच चिताना),श्याम गोल्या एवं पंकज जी एवं पिड़ावा तहसील के सरखेड़ी ग्राम से विक्रम सिंह अध्यापक आदि उपस्थित रहें । श्रावण शुक्ला षष्टी पर शिवसहस्त्राहुती यज्ञ ,पार्थिव शिव लिंग पूजन एवं रुद्राभिषेक राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की जहाजपुर तहसील के अमरगढ़ से शिवराज सिंह जी शेखावत व विनोद कुमार जी शर्मा की और से हुआ। 125 वे दिवस पर चुनरी यात्रा राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के शाजापुर एवं आगर जिले से :: एक वर्षीय गोकृपा कथा के 125 वें दिवस पर राजस्थान के भीलवाड़ा जिले की जहाजपुर तहसील के अमरगढ़ से शिवराज सिंह जी शेखावत व विनोद कुमार जी शर्मा के परिवार से और मध्यप्रदेश के शाजापुर से स्वर्गीय ठाकुर साहब ईश्वर सिंह जी के जन्मदिवस के उपलक्ष में उनकी श्रीमति अमृता सिंह एवं चिरंजीव शैलेंद्र सिंह पालोड एवं आगर मालवा जिले के सोयत कलां से सम्पूर्ण पालीवाल समाज के पंच पटेल गोपाल चौधरी,ओम प्रकाश पालीवाल,रामनिवास पालीवाल,विजय चौधरी, बसन्त नायक, गोपाल खटोड़, सन्तोष पालीवाल,,कैलाश चौधरी,महेश झाड़ोल,मुकेश जरोदिया, एवं सुनील नायक व आगर जिले की बडौद तहसील के गुड़भेली ग्राम महेन्द्र सिंह ,कांग्रेस मण्डल अध्यक्ष बिजानगरी, बाबू सिंह,सरदार सिंह,श्याम सिंह,गुमान सिंह,किरपाल सिंह,प्रदीप सिंह,, मदन लाल, वजेसिंह, नगालाल, केशर सिंह एवं शंभुलाल के साथ ग्राम/नगर के सैकड़ों मातृशक्ति ,युवा, वृद्ध अपने देश,राज्य एवं ग्राम/नगर के जन कल्याण के लिए डीजे के गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए छपन्नभोग लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।