• बेवर कस्बे में महर्षि परशुराम जी की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई।
• महर्षि के चित्र पर ब्राह्मण समाज के लोगों ने रोली चंदन से तिलक कर माल्यार्पण किया।
मैनपुरी।बेवर नगर के मुहल्ला ब्रह्मनान में शुक्रवार को समारोह आयोजित कर महर्षि परशुराम जी की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। महर्षि के चित्र पर ब्राह्मण समाज के लोगों ने रोली चंदन से तिलक कर माल्यार्पण किया। शस्त्र के प्रतीक फरशे की पूजा की गई।ब्राह्मण समाज ने महर्षि परशुराम के आदर्शों पर चलने की प्रतिज्ञा भी की। गुलशन दीक्षित ने इसअवसर पर बोलते हुए कहा कि महर्षि परशुराम ने अन्याय के विरुद्ध पूरी क्षमता के साथ शस्त्र प्रयोग कर सिद्ध कर दिया कि ब्राह्मण की समाज को सकारात्मक दिशा देने की जिम्मेदारी है।
अनुपम दीक्षित सांवरिया ने कहा कि ब्राह्मणों ने समाज को शिक्षा के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान दिया है। महर्षि परशुराम जी ने मानवसमाज को संदेश दिया था कि माता पिता से बढ़कर पुत्र के लिए कोई नहीं होता। पुत्र को आज्ञाकारी होना चाहिए पं. राजेश चतुवेर्दी ने रामचरित मानस की चौपाइयों के माध्यम से महर्षिजी को याद करते हुए कहा कि परशुराम ऋषि होने के साथ साथ वीर योद्धा भी थे और आज्ञाकारी संतान भी थे जिन्होंने अपने पिता की आज्ञा के अनुपालन में अपनी ही माता का सिर फरशे से काट दिया था। पिता द्वारा वरदान मांगने पर माता को पुनर्जीवित करने का आग्रह करके पिता का दिल जीत लिया था।
उपस्थित ब्राह्मण समाज के लोगों ने महर्षि परशुराम के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। इस मौके पर कार्यक्रम संयोजक अनुपम दीक्षित उर्फ. सांवरिया, राजेश चतुवेर्दी, सुरेन्द्र दीक्षित, राजीव मिश्रा, राजू मिश्रा,प्रदीप दीक्षित, हरी दीक्षित, राम कृपाल शुक्ला,भोला मिश्रा, लिटिल त्रिपाठी, श्लोक दीक्षित, अशोक मित्र, प्रवालशुक्ल गौरव जैन, अशोक तिवारी, संजीव अग्निहोत्री, लकी पांडे, सत्यम मिश्रा, अभिषेक दीक्षित, अम्बुज त्रिपाठी, बीनू तिवारी, ओम दीक्षित, जयदीक्षित, गुरु दीक्षित,शरद तिवारी कृष्णा दुबे, गौरव दुबे, देव दीक्षित, ऋषभ मिश्रा सहित भारी संख्या में समाज जन मौजूद रहे।