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अनोखी पहलः कस्बे के सिखवाल परिवार ने बेटीयों को घोड़ी पर बैठाकर निकाली बिंदोरी, बेटा-बेटी में भेद मिटाने का दिया संदेश

सत्यार्थ न्यूज श्रीडूंगरगढ़-सवांददाता ब्यूरो चीफ रमाकांत

वर्तमान में बेटियों के प्रति समाज में जागृति आई हैं। अब बेटियों को भी बेटों के समान समझा जाने लगा हैं। जो देश व समाज के लिए अभिनव पहल हैं। ऐसा ही बेटा-बेटी समानता का सन्देश कस्बें के सिखवाल परिवार ने दिया। जिसमें सामाजिक कार्यकर्ता हरिप्रसाद सिखवाल ने अपनी लाडली बेटियों जिग्मी व कलोजी को घोड़ी पर बैठाकर गाजे-बाजे के साथ बिंदोरी निकाली। सिखवाल परिवार ने माहेश्वरी भवन आड़सर बास से बेटीयों को घोड़ी पर बिठाकर गाजे-बाजे से बिंदोरी निकाली जो भैरव मन्दिर पहुंची बेटियों के पिता सामाजिक कार्यकर्ता हरिप्रसाद सिखवाल ने बताया कि बंदोरी निकालने का एक मात्र उद्देश्य समाज में बेटा-बेटी के भेदभाव को मिटाकर समानता का सन्देश देना हैं, की बेटियां भी किसी से कम नही है। बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ अभियान को सराहनीय बताया इस प्रकार के कार्यक्रमों से समाज में जागृति आती हैं,और बेटा-बेटी समानता के वातावरण का निर्माण होता हैं। साथ ही हर गांव परिवार में बेटियों को सशक्त बनाने के लिये प्रेरित किया। जिग्मी व कलोजी की शादी आज है। बिंदोरी में जिग्मी व कलोजी की सहेलियों,भाई बहनों,परिवारजनों सहित रिश्तेदारों ने नाचकर खुशियां मनाई।

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