० शाहजहांपुर एसपी ऑफिस में फरियादी ने खुद को लगाई आग, पुलिस के रवैये से था आहत ०
{ शाहजहांपुर के कांट थाना क्षेत्र के गांव सिहरान निवासी ताहिर अली मंगलवार सुबह लगभग 11.45 बजे एसपी ऑफिस में न्याय की गुहार लगाने पहुंचा था। }
शाहजहांपुर जिले में एसपी ऑफिस में एक फरियादी ने खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह कर लिया। फरियादी के आत्मदाह करते ही एसपी ऑफिस में मौजूद पुलिसकर्मियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सिपाहियों ने फरियादी पर कंबल डालकर आग पर काबू पाया और उपचार के लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है। जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
मिली जानकारी के अनुसार कांट थाना क्षेत्र के गांव सिहरान निवासी ताहिर अली मंगलवार सुबह लगभग 11.45 बजे एसपी ऑफिस में न्याय की गुहार लगाने पहुंचा था। ताहिर अली पुलिस की सुनवाई न होने से परेशान था। एसपी ऑफिस में पहुंचे ताहिर अली ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया।
युवक के आत्मदाह करते ही एसपी ऑफिस में मौजूद पुलिसकर्मियों के हाथ पांव फूल गये। सिपाहियों ने कंबल डालकर आग को बुझाया। लेकिन तब तक ताहिर अली झुलस गया था। सिपाहियों ने उसे राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया है। जहां उसकी हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। एसपी दफ्तर के गेट पर ताहिर अली के खुद को आग लगाने का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा।।
पुलिस चौकी से गायब हो गई थी ताहिर की गाड़ी मिली जानकारी के अनुसार एक युवक ने ताहिर की दो गाड़ियां किराये पर ली थीं। लेकिन कुछ दिन के बाद उसने किराया देने से इनकार कर दिया। मामला थाने तक पहुंच गया तो पुलिस ने गाड़ियों को चौकी में खड़ा करवा दिया। ताहिर का कहना है कि उसकी गाड़ियां पुलिस चौकी से गायब हो गई। परेशान होकर ताहिर अपनी गाड़ियों का पता लगाने के लिए थाने के चक्कर काट रहा था। लेकिन पुलिस कोई सुनवाई नहीं कर रही थी। जिसके आहत होकर ताहिर ने एसपी ऑफिस में यह आत्मघाती कदम उठा लिया। एसपी अशोक कुमार मीणा ने बताया कि तीन लोगों के उकसाने पर ताहिर अली ने आत्मदाह का प्रयास किया है। पीड़ित को अस्पताल में भर्ती कराया है। जहां उनकी हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।
० सपा अध्यक्ष ने की सख्त कार्रवाई की मांग ०
समाजवादी पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा , कि शाहजहाँपुर में पिकप चोरी होने की रिपोर्ट दर्ज न करने से आहत जिस युवक ने एसपी ऑफिस के सामने पहुंच कर आग लगाई है, उसको तत्काल सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा दी जाए और इसके लिए ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मुक़दमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जब एफआईआर इतनी कम होती हैं तब तो एनसीआरबी की रिपोर्ट में यूपी की क़ानून-व्यवस्था की इतनी दुर्गत दिखाई देती है। अगर सच में हर अपराध की रिपोर्ट लिखाई जाए तो पता नहीं यूपी में तथाकथित अमृतकाल ही शर्म से आत्मदाह न कर ले।
{ रिपोर्टर – गौरव शुक्ला शाहजहांपुर }