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सोनभद्र -एफपीओ और व्यापारियों का राष्ट्रीय समागम: तेजस्वी किसान मार्ट द्वारा वर्चुअल कार्यशाला संपन्न

एफपीओ और व्यापारियों का राष्ट्रीय समागम: तेजस्वी किसान मार्ट द्वारा वर्चुअल कार्यशाला संपन्न

 

किसानों के मार्केट लिंकज, कार्बन क्रेडिट व्यापार और राष्ट्रीय विस्तार पर गहन चर्चा

 

नई दिल्ली/सोनभद्र ब्यूरो रिपोर्ट – संतेश्वर सिंह

तेजस्वी संगठन न्यास द्वारा संचालित तेजस्वी किसान मार्ट ने देशभर के एफपीओ, किसान प्रतिनिधि और व्यापारियों को जोड़ने हेतु एक राष्ट्रीय वर्चुअल कार्यशाला आयोजित की।

कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य किसानों को स्थायी बाज़ार उपलब्ध कराना, एफपीओ को सशक्त बनाना और व्यापारियों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मार्केट चैनल स्थापित करना था।

 

कार्यक्रम की अध्यक्षता ई. प्रकाश पाण्डेय, संस्थापक एवं अध्यक्ष, तेजस्वी किसान मार्ट ने की, जबकि संचालन हिमांशु चतुर्वेदी, राष्ट्रीय संगठन मंत्री, तेजस्वी किसान मार्ट ने किया।

 

कार्यशाला में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश, असम, उड़ीसा सहित देश के 14+ राज्यों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

मुख्य वक्ताओं के विचार

 

ई. प्रकाश पाण्डेय, संस्थापक एवं अध्यक्ष, तेजस्वी किसान मार्ट:

“हमारा उद्देश्य किसानों को सीधे उपभोक्ता से जोड़ना है। वर्तमान में 8 स्टोर (उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, गुजरात आदि) सक्रिय हैं। इन स्टोर्स के माध्यम से किसानों को उचित मूल्य, पैकेजिंग, मार्केटिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट उपलब्ध कराया जा रहा है। आने वाले समय में देश के प्रत्येक क्षेत्र में ‘किसान–से–ग्राहक’ मॉडल स्थापित करना हमारी प्राथमिकता है।”

 

हिमांशु चतुर्वेदी, राष्ट्रीय संगठन मंत्री, तेजस्वी किसान मार्ट:

“5000+ एफपीओ नेटवर्क के माध्यम से हम व्यापारी और किसान के बीच पारदर्शी और स्थाई संबंध स्थापित कर रहे हैं। इससे किसानों की आमदनी में वास्तविक वृद्धि होगी।”

 

शैलेश कुमार सिंह, पूर्व उप-महाप्रबंधक, कृभको (कृषि सहकारी कंपनी), उत्तर प्रदेश बिजनेस हेड, एड्रे एग्रो प्राइवेट इको-सिस्टम लिमिटेड:

“कार्बन क्रेडिट व्यापार किसानों के लिए आय का नया स्रोत है। एफपीओ यदि मृदा संरक्षण, जैविक खेती और प्राकृतिक पद्धतियों को अपनाएँ तो अंतरराष्ट्रीय बाजार में अतिरिक्त आमदनी प्राप्त कर सकते हैं।”

 

संतोष कुमार गुप्ता, संस्थापक, ज़ूम एग्रो स्टार्टअप:

“एफपीओ और स्टार्टअप्स के सहयोग से खेती व्यवसायिक मॉडल बन रही है। तकनीकी संसाधन, गुणवत्ता नियंत्रण और पैकेजिंग अपनाकर किसान अपनी उपज की कीमत 30–40% तक बढ़ा सकते हैं।”

 

चंद्रसेन सिंह, निदेशक, यंदग्नीपुरम एफपीसी:

“एफपीओ किसानों को स्थायी बाजार और व्यावसायिक सुरक्षा प्रदान करती हैं। व्यापारी–एफपीओ समन्वय से किसानों को स्थायी लाभ मिलता है।”

 

सतीश हथुरे, किसान प्रतिनिधि, शोलापुर (महाराष्ट्र):

“एफपीओ और तेजस्वी किसान मार्ट जैसे प्लेटफ़ॉर्म से ही किसानों को स्थाई मूल्य और नियमित खरीदार मिल सकते हैं।”

 

ई. प्रकाश पाण्डेय, संस्थापक, तेजस्वी किसान मार्ट, हिमांशु चतुर्वेदी, राष्ट्रीय संगठन मंत्री, तेजस्वी किसान मार्ट, शैलेश कुमार सिंह, पूर्व उप महाप्रबंधक, कृभको, उत्तर प्रदेश बिजनेस हेड, एर्ड एग्रो प्राइवेट इको-सिस्टम, संतोष कुमार गुप्ता, संस्थापक, ज़ूम एग्रो स्टार्टअप, चंद्रसेन सिंह, निदेशक, यंदग्नीपुरम एफपीसी, सतीश हथुरे, किसान प्रतिनिधि, शोलापुर, महाराष्ट्र, मधुवास प्रा०, एफपीओ प्रतिनिधि, सोनू, एफपीओ सदस्य, गोराचंद, पश्चिम बंगाल, प्रशांत, कृषि उद्यमी, अक्षय चौरसिया, कृषि विस्तार, बिहार कृषि विश्वविद्यालय, मानभूम फार्मर समूह, पश्चिम बंगाल, राजू, किसान/व्यापारी, कोपा कृषि उत्पादक समूह, विनय, कृषि व्यापारी, रसिकबिल, एफपीओ प्रतिनिधि, विकास यादव, Shitladham FPO, प्रतापपुर, प्रयागराज, भोला नाथ महतो, पश्चिम बंगाल, रमेश, किसान प्रतिनिधि, श्री संतोष कुमार, व्यापारी प्रतिनिधि

 

तेजस्वी किसान मार्ट के 8 स्टोर

 

कार्यशाला में चर्चा हुई कि तेजस्वी किसान मार्ट के 8 स्टोर निम्न राज्यों में संचालित हैं:

उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड, छत्तीसगढ़

 

इन स्टोर्स के माध्यम से किसानों को सीधा बाज़ार, पैकेजिंग सहायता, लॉजिस्टिक सपोर्ट और मार्केटिंग सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

 

कार्यक्रम के प्रमुख फोकस और उपलब्धियाँ

एफपीओ की व्यापारिक क्षमता बढ़ाना, किसानों के लिए स्थायी बाज़ार उपलब्ध कराना, कार्बन क्रेडिट से अतिरिक्त आय का अवसर, राष्ट्रीय स्तर पर एफपीओ–व्यापारी नेटवर्क को सशक्त बनाना, डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और सप्लाई चेन के माध्यम से उत्पादक से उपभोक्ता तक पहुंच

यह राष्ट्रीय वर्चुअल कार्यशाला एफपीओ, किसानों, व्यापारियों और स्टार्टअप्स के बीच सशक्त संवाद का उदाहरण रही।

कार्यशाला में उठाए गए कदम और सुझाए गए उपाय आने वाले समय में कृषि क्षेत्र में स्थाई विकास, किसानों की आमदनी और एफपीओ की क्षमता वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

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