अपने अद्वितीय प्रतिभा से विद्यालय और जिले का नाम रौशन किया कोहारी विद्यालय के बच्चों ने।
किसी ने सच्च ही कहा है–गुदड़ी में छुपे होते हैं लाल।
ब्यूरो चीफ, सत्यम कुमार उपाध्याय
कैमूर। खबर कैमूर जिले भभुआ प्रखंड अंतर्गत कोहारी विद्यालय का है। जहां उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोहारी अपने अद्वितीय प्रतिभा से विद्यालय और जिले का नाम रौशन किया। आपको बताते चलें कि किसी ने सच कहा है की प्रतिभा परमात्मा की वह दिव्य भेंट हैं जो मात्र एक अवसर के तलाश में रहती हैं। इसी बात को चरितार्थ किया उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोहारी के प्रतिभावान विद्यार्थियों ने। बतादें की वर्तमान में जिला मुख्यालय भभुआ में बिहार राज्य खेल प्रतियोगिता में जिले के विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने भिन्न–भिन्न खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है और अपने प्रतिभा से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया है। इसी क्रम में विद्यालय की छात्रा चंदा कुमारी कक्षा– बारहवीं की छात्रा ने अपने दिव्य कला–कौशल के मध्यम से योगा अनुगामी प्रतिभाओं का प्रदर्शन जिले के शीर्षस्थ अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया और योग भगाए रोग और योगी काया निरोगी काया का संदेश दिया। इस उत्कृष्टतम् प्रदर्शन हेतु चंदा को गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। इस प्रदर्शन के लिए चंदा को शीर्षस्थ अधिकारियों ने खूब सराहा और अग्रेतर जीवन पथ पर प्रगति हेतु शुभकामनाएं भी दिया। वहीं विद्यालय के अन्य प्रतिभागियों में आशिक कुमार ने भी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए लम्बी कूद श्रेष्ठतम स्थान प्राप्त किया। अंडर नाइनटीन में विद्यालय के छात्राओं ने भी उपविजेता रहते हुए विद्यालय का नाम गौरवान्वित किया और विजयी उद्घोष के साथ विद्यालय और अपने गुरुजनों का मान बड़ाने का प्रयास किया। इसी क्रम में विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरुण कुमार ने विद्यार्थियों को बधाईयां संप्रेषित करते हुए बताया कि हमारे विद्यालय के बच्चे गरीब परिवार से आते हैं लेकिन उनमें प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। अगर सरकार इन प्रतिभाओं को निखारने में मदद करे तो यहीं बच्चे राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी बन सकते हैं। विद्यालय के पूर्व प्रधानाध्यापक हरिचरण सिंह ने शुभकामनाएं देते हुए बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना किया और कहा कि जिस प्रकार कस्तूरी दिखाई नहीं पड़ता है लेकिन मृग के कुंडलिनी अर्थात नाभी में वास होता है, उसी प्रकार हमारे बच्चों की प्रतिभा हैं, जो उनके अंदर कूट कूट के भरी है। जरूरत है उन प्रतिभाओं को निखारने की। जब साध्य को पर्याप्त साधन प्राप्त हो जाए तो मंजिल अवश्य मिलती हैं–शुभकामनाएं देते हुए प्रभारी प्रधानाध्यापक राकेश कुमार ने ऐसा कहा। प्रकृति के पुनीत धाराओं से प्राणिमात्र सिंचित होते हैं। किस अमृत धारा का अमृतपान किसने किया हैं, यह जानने के लिए उस व्यक्ति को उत्तम अवसर भी देना पड़ता हैं। हमारे विद्यार्थियों को बस अवसर की तलाश है। खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में खासे रुचि रखते वाले शिक्षक जुनैद अख्तर ने बधाईयां देते हुए कहा कि जीवन के हर खेल में अवसर और अनुशासन बहुत मायने रखते हैं। विद्यार्थियों को सरकार उत्तम अवसर प्रदान करें और अनुशासन तथा शिक्षा हम शिक्षकगण समर्पित भाव से प्रदान कर रहे हैं।
गोला फेंक प्रतियोगिता की गोल्ड मेडलिस्ट प्रतिभागी अंजली उपाध्याय ने बताया कि माता–पिता और मेरे गुरुजनों के आशीर्वाद से मैं जिला में प्रथम स्थान प्राप्त करने में सफल रही। अगर ऐसे ही अवसर मिलता रहा तो आगे भी अपने अग्रजों का नाम रौशन करने के लिए मैं कटिबद्ध हूं। गोला फेंक में शारीरिक बल से ज्यादा आत्मबल की जरूरत होती हैं जो हमारे गुरुजनों के प्रेरणाओं से प्राप्त होती हैं। अंजली उपाध्याय और नंदनी कुमारी के खेल प्रतिभा और जज्बा को सराहते हुए हिंदी शिक्षक लाल साहब पांडेय ने कहा कि ये दोनों बालिकाएं दैविक शक्तियों से पूर्ण हैं। इनके अद्वितीय क्षमता को बस अवसर की दरकार है। कबड्डी उपविजेता टीम की बालिका खिलाड़ी नंदनी और लाली खातून का प्रशंसा करते हुए नंगिता कुमारी और वर्षा सिंह ने कहा कि बालिकाओं का जीवन अब अबला नहीं रहा, जरूर है तो बस एक अवसर की। खेल और योग को जीवन का अभिन्न अंग बताते हुए शिक्षक हरिशंकर गुप्ता, आशीष जायसवाल, विद्यार्थी, आशीष कुमार, सत्यप्रकाश कुमार, लाल साहब पांडेय, शिल्पी कुमारी, सबा प्रवीण, अजमेरी खातून, मनोज कुमार यादव, राम नारायण सिंह, उमेश उपाध्याय और जितेंद्र कुमार सिंह ने विजेता और उपविजेता प्रतिभागियों को सराहा और बधाईयां दिया। कहते हैं कि दीपक को जलने के लिए ज्ञान रूपी बाती और अवसर रूपी तेल की जरूरत होती है, जिसे सही समय पर प्रज्वलित करने हेतु गुरु रूपी देवताओं की भी बराबर की सहभागिता होती हैं। आज इसी समेकित प्रयास का प्रतिफल है कि उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोहारी के विद्यार्थियों ने अलग–अलग विधाओं में विद्यालय का नाम रौशन किया है। अपने अगले कदम का जिक्र करते हुए योग प्रतिभागी और गोल्ड मेडलिस्ट चंदा कुमारी ने बताया कि हमारा लक्ष्य है कि बिहार स्तर पर प्रथम पुरस्कार पाकर अपने विद्यालय, गुरुजनों, माता–पिता और समाज का नाम रौशन करूं और भविष्य में राष्ट्र निर्माण में सहयोग करूं। वहीं छात्र सहपाठियों ने भी एक दूसरे के सफलता पर प्रसन्नता प्रकट करते हुए गुलाल लगाकर कर एक दूसरे को बधाईयां दिया और हर्षनाद करते हैं खुशियां प्रकट किया।