आज हमारे पसंदीदा लेखक “दुष्यंत कुमार “का जन्मदिन है और मैं उन्हें स्मरण न करूँ यह संभव नहीं। दुष्यंत कुमार जिनकी समसामयिक रचनाएँ आज भी उतनी ही प्रासंगिक है और नौजवानों से लेकर राजनेताओं के द्वारा भी समय-समय पर सुनाई जाती हैं। आज भी उनके प्रत्येक शेर पर तालियाँ गूँजती हैं। एक ऐसा विद्रोही, बेबाक़ और समय पर चोट करता लेखक बहुत जल्दी ही अलविदा कह गया लेकिन आज भी दुष्यंत कुमार अपनी रचनाओं के माध्यम से हम सबके बीच उपस्थित है। आज उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि और स्मरण🙏
दुष्यंत कुमार की 2 रचनाओं के साथ और स्केच के साथ उन्हें स्मरणंजली 🙏