• क्षेत्र में एशिया का सबसे बड़ा गोअभ्यारण्य और 34 गोशालाएं फिर भी सड़को पर गोवंश।
• प्रदेश सरकार के गोरक्षा वर्ष में सड़को पर दुर्घटनाओं का शिकार हो रहा निराश्रित गोवंश।
सुसनेर निराश्रित गो वंश के संरक्षण के लिए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के द्वारा यह वर्ष गो रक्षा वर्ष के रूप में घोषित किया गया है वही इन निराश्रित गोवंश के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अपनी सबसे महत्वपूर्ण योजना के तहत सुसनेर तहसील में एशिया का सबसे बड़ा* *गोअभ्यारण्य बनाया गया है जिसका संचालन भी एक निजी एनजीओ के द्वारा सुचारू रूप से किया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार गोअभ्यारण्य में प्रति गाय के हिसाब से मिलने वाली राशि अन्य गौशालाओं की तुलना में कई ज्यादा है। बावजूद सुसनेर क्षेत्र की सड़कों पर गोवंश की दुर्दशा हो रही है। सड़को पर घूम रही इन गायो की सुध लेने वाला कोई नही है। जिसके चलते भूख प्यास से परेशान यह गाये रोजाना दुर्घटनाओ का शिकार हो रही है। जहाँ एशिया का सबसे बड़ा गोअभ्यारण्य है उसी क्षेत्र में अगर गायो की दुर्दशा हो रही है जबकि जिले कि अन्य नगरों की गायो को गोअभ्यारण्य पहुँचाया जा चुका है तो यह कहना बिल्कुल भी अनुचित नही होगा कि दिया तले ही अंधेरा है। सड़को पर दर-दर की ठोकरे खा रही यह गाये रोज हादसों का शिकार हो रही है। जिसके कई मामले पिछ्ले कुछ ही दिनो में ही सामने आए है। गायो की दुर्दशा को लेकर आक्रोशित हिंदू संगठनों ने नगर परिषद के सामने मृत गाय के बछड़े को रखकर प्रदर्शन भी किया था जिसके बाद प्रशासन के जिम्मेदार अधिकारियों ने गायो को सतत कामधेनु गोअभ्यारण्य पहुचाने का लिखित आश्वासन भी दिया था तब जाकर हिन्दू संगठनों ने अपना प्रदर्शन समाप्त किया था। लेकिन अभी तक नगर की गाये गोअभ्यारण्य नही पहुँचाई जा सकी है। जबकि जिला कलेक्टर भी सड़कों पर घूम रहे निराश्रित गोवंश को गौशाला भेजने के आदेष जारी कर चुके है।
जनपद क्षेत्र की 34 गोशालाओ में है साढ़े 4 हजार गाये।
सुसनेर जनपद पंचायत क्षेत्र में कुल 36 गो शालाओं का निर्माण हुआ है जिसमे से 34 गोशालाओ का संचालन शुरू हो चुका है। इन 34 गोशालाओ में करीब साढ़े 4 हजार गाय बताई जा रही है। वही गो अभ्यारण्य में 4 हजार के करीब गाय है यानी कि कुल साढ़े 8 हजार गाये गोअभ्यारण्य व गोशालाओं में है। बावजूद बड़ी सँख्या में सड़को पर गाय है। क्षेत्र में इतनी सँख्या में गायो का गोअभ्यारण्य व गौशालाओं में होने के बाद सड़को पर बड़ी संख्या में निराश्रित घूम रही गाये विचारणीय प्रश्न है। अगर प्रशासन के जिम्मेदारो द्वारा इन गौशालाओं व अभ्यारण्य की वस्तु स्थिति की जांच व सत्यापन किया जाए तो व्यवस्थाओं की हकीकत सामने आ सकती है।
1. जनपद क्षेत्र में कुल 36 गौशालाए है जिसमें से 34 का संचालन किया जा रहा है। इन गौशालाओं में साढ़े 4 हजार के करीब गाये है।
राजेश शाक्य
सी०ई०ओ० जनपद पंचायत सुसनेर
2. नगर की गायो को गोअभ्यारण्य पहुचाना है जिसकी व्यवस्था की जा रही है। अभी कुछ ही गाये गोअभ्यारण्य पहुँचा पाए है जल्द ही गायो को पहुचाने की व्यवस्था की जा रही है।