• अनुसूचित जाति अधिकारी-कर्मचारी संगठन ने दिया ज्ञापन,एससी-एसटी वर्ग के आरक्षण में वर्गीकरण और क्रिमीलेयर का किया विरोध।
राशमी। उपखंड मुख्यालय पर डॉ. अंबेडकर अनुसूचित जाति अधिकारी-कर्मचारी संगठन ने बुधवार को एसडीएम गोविन्द सिंह रतनू को राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में संगठन ने सर्वोच्च न्यायालय द्वारा एससी-एसटी वर्ग के आरक्षण में वर्गीकरण और क्रिमीलेयर लागू करने के निर्णय का विरोध किया है और इसे निष्प्रभावी करने की मांग की है। संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष निर्भयकांत आर्य के नेतृत्व में सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय ने 1 अगस्त को एक महत्वपूर्ण निर्णय दिया है, जिसमें एससी-एसटी वर्ग के लोगों को पुनः उप वर्गीकृत करने की अनुमति दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने रविंद्र सिंह बनाम पंजाब राज्य मामले में पारित आदेश के आधार पर राज्य सरकारों को एससी-एसटी वर्ग की सूची में उप वर्गीकरण करने का अधिकार दिया है। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के पहले अगस्त 2004 के निर्णय को पलटता है, जिससे कई मतभेद और विसंगतियां उत्पन्न हो सकती हैं। इस निर्णय से पूर्व न तो राज्य सरकारों द्वारा कोई शोध कराया गया था और न ही न्यायालय के पास कोई उपयुक्त डेटा उपलब्ध है। ज्ञापन के दौरान संगठन के शंकर लाल बेरवा,खूबी लाल आर्य,गोपाल बेरवा,तेजपाल आर्य,श्यामलाल रेगर,गोपाल जीनगर,छोगालाल रेगर,मुकेश खटीक,सरपंच बंशीलाल रेगर,देवेंद्र रेगर,लोकेश रेगर,जमनालाल जीनगर,पारस जीनगर,मुरली मनोहर जीनगर,किरण जीनगर,रोशन रेगर सहित अन्य पदाधिकारी भी मौजूद थे।