लखनऊ : राज्य सरकार नगर पंचायतों में बेहतर व सुनियोजित विकास कार्य कराने के लिए पहली बार अभियंताओं की भर्ती करने जा रही है। प्रदेश में मौजूदा समय 545 नगर पंचायतें हैं, लेकिन इनके पास अपने इंजीनियर नहीं हैं। इसके चलते इन्हें उधारी पर अभियंताओं को मांग कर काम चलाना पड़ता है। स्थिति यह है कि नगर पंचायतों में होने वाले कामों के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने के लिए निजी एजेंसियों का सहारा तक लेना पड़ रहा है। इसीलिए उच्च स्तर पर तय किया गया है कि सहायक अभियंता के साथ अवर अभियंताओं की भर्ती की जाए।
पंचायतों में हो रहा अरबों का काम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश की शहरी आबादी बढ़ाई जा रही है। इसके लिए सीमा विस्तार के साथ ही नई नगर पंचायतें बनाई जा रही हैं। इन नगर पंचायतों में केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से अरबों रुपये काम कराया जा रहा है। केंद्रीय योजनाओं में खासकर अमृत योजना में पार्क, सीवर के साथ ही जलापूर्ति के काम कराए जा रहे हैं। इसके अलावा सड़क व नाली निर्माण के साथ ही जरूरत के आधार पर बड़े नालों का निर्माण कराया जा रहा है, लेकिन इनको देखने के लिए नगर पंचायतों के पास अपने इंजीनियर तक नहीं हैं। इसीलिए अब सभी नगर पंचायतों में इंजीनियरों के पद सृजित किए जा रहे हैं।एई व जेई रखे जाएंगे प्रदेश के सभी नगर पंचायतों में सहायक अभियंता के साथ अवर अभियंता रखे जाएंगे। सहायक अभियंताओं को नगर निगमों और नगर पालिका परिषदों से स्थानांतरित करके भेजा जाएगा। अवर अभियंताओं की सीधी भर्ती की जाएगी।
नगर पंचायतों में अवर अभियंताओं की भर्ती उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से कराया जाएगा। इसके लिए पदों का आकलन कराया जा रहा है। प्रदेश में मौजूदा समय 17 नगर निगम, 200 पालिका परिषद और 545 नगर पंचायतें हैं। यह आकलन कराया जा रहा है कि कहां कितने अवर अभियंताओं की जरूरत होगी। इसके आधार पर पदों की गणना करते हुए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भर्ती के लिए प्रस्ताव भेजा जाएगा।