सुसनेर : 11 अगस्त को निकलने वाली पंचदेहरिया महादेव तक शिवशक्ति कांवड़ एवं कलश यात्रा में शामिल होने के लिए आज जनसंपर्क के माध्यम चावल देकर आमंत्रित किया।
सुसनेर : 11 अगस्त को निकलने वाली पंचदेहरिया महादेव तक शिवशक्ति कांवड़ एवं कलश यात्रा में शामिल होने के लिए आज जनसंपर्क के माध्यम चावल देकर आमंत्रित किया।
• 11 अगस्त को निकलने वाली पंचदेहरिया महादेव तक शिवशक्ति कांवड़ एवं कलश यात्रा में शामिल होने के लिए आज जनसंपर्क के माध्यम चावल देकर आमंत्रित किया।
• लोग अपने कंधे पर कांवड़ रखकर 10 किलोमीटर पैदल चलकर पंचदेहरिया पहुँचकर महादेव का जलाभिषेक करते है।
दिनांक : 10.8.2024
दिन : शनिवार
सत्यार्थ न्यूज़
ब्यूरो चीफ “मनोज कुमार माली” सुसनेर
सुसनेर। स्थानीय सिंचाई विभाग कालोनी में स्थित श्री मनकामेश्वर मन्दिर से पांडव कालीन श्री पंचदेहरिया महादेव मंदिर तक करीब 10 किलोमीटर की दूरी तय कर कल 11 अगस्त 2024 रविवार को सुसनेर क्षेत्र की सबसे बड़ी शिवशक्ति कावड़ एवं कलश यात्रा जो विगत दस वर्षों से निरंतर निकल रही है। इस कांवड़ एवं कलश यात्रा में आम लोगो के शामिल होने के लिए समिति के सदस्यों द्वारा आज शनिवार को दोपहर 1 बजे स्थानीय डाक बंगला चौराहे से पूरे नगर में जनसंपर्क कर आम लोगो को इस यात्रा में शामिल होने एवं धर्मलाभ लेने का आग्रह पूर्व विधायक राणा विक्रमसिंह के नेतृत्व में आमंत्रण पत्र वितरित कर आमंत्रित किया जाएगा। इस अवसर पर शिवशक्ति कांवड़ एवं कलश यात्रा के संयोजक राणा प्रथमपालसिंह एवं समिति के सदस्य सजनसिंह कलारिया, लक्ष्मणसिंह कांवल, कैलाश नारायण बजाज, डॉक्टर धीरेन्द्र पांडे, गोवर्धन शुक्ला, नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि राहुल सिसोदिया, उपाध्यक्ष प्रतिनिधि राकेश जैन खुपवाला, मांगीलाल सोनी, महेश शर्मा, दिनेश क़ानूडिया, अभय जैन जम्बू, अंशुल जैन, राजमल जैन, अभिषेक बजाज सहित अनेक सदस्य उपस्थित रहेंगे। स्मरण रहे कि सावन मास में निकलने वाली सुसनेर की सबसे बड़ी इस शिवशक्ति कांवड़ एवं कलश यात्रा में बड़ी संख्या में जहां लोग अपने कंधे पर कांवड़ रखकर 10 किलोमीटर पैदल चलकर पंचदेहरिया पहुँचकर महादेव का जलाभिषेक करते है तो वही नगर एवं आसपास की ग्रामीण महिलाएं भी अपने सिर पर कलश रखकर पैदल स्थानीय श्री मनकामेश्वर महादेव मंदिर से पंचदेहरिया महादेव मंदिर तक बड़ी संख्या में शामिल होती है। जहां आयोजन समिति की ओर से महादेव के जलाभिषेक के बाद की व्यवस्था के साथ उनको वापस लाने के लिए वाहनो की व्यवस्था जुटाई जाती है।