प्रेस नोट
पत्नी की पीट पीट कर हत्या करने वाले आरोपी को आजीवन कारावास व 5000 रूपये अर्थदंड की सजा
थाना अमरपाटन के चिन्हित/सनसनीखेज प्रकरण, अपराध क्रमांक- 233/22 धारा- 302 भा.द.वि. के प्रकरण में आरोपी को माननीय न्यायालय के निर्णय दिनांक 08-08-24 के अनुसार, आजीवन कारावास व 5000 रूपये अर्थदंड की सजा से दण्डित किया गया।
प्र. क्र. ST/ 56 /2022
मान० न्यायालयः- श्री राघवेन्द्र सिंह चौहान द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश, अमरपाटन, जिला सतना (म०प्र०)
विवेचनाधिकारी :- उपनिरीक्षक श्री संदीप भारतीय तत्का. थाना प्रभारी थाना अमरपाटन
नोडल अधिकारी:- थाना प्रभारी अमरपाटन निरी. श्री के.पी. त्रिपाठी
सहा. नोडल अधिकारी:- उपनिरी. श्री आकाश बागड़े व उपनिरी. श्री शिवबालक वर्मा एवं सउनि राजेन्द्र मिश्रा थाना अमरपाटन
अभियोजन अधिकारी:- एडीपीओ श्री अजय कुमार सिंह, अमरपाटन, न्यायालय अमरपाटन
घटना वृत्तांत :
अमरपाटन थाना क्षेत्रान्तर्गत ग्राम सोनौरा पुरानी बस्ती का शोभनाथ प्रजापति तनय कुलिया प्रजापति अपनी दूसरी पत्नी राजकुमारी प्रजापति के साथ गांव में रहता था। शोभनाथ की पहली पत्नी से एक पुत्र और एक पुत्री थे जो कि शोभनाथ के पिता के साथ रहते थे। दूसरी पत्नी राजकुमारी से शोभनाथ को ढाई वर्ष की एक पुत्री थी। पहली पत्नी के बच्चों को लेकर दूसरी पत्नी और शोभनाथ के बीच अक्सर वाद विवाद होता रहता था। शोभनाथ शराब पीकर लड़ाई झगड़ा करने का आदी था। घटना दिनांक 22 अप्रैल 2022 को शाम को ईंटा का काम करने के बाद शोभनाथ घर आया और पत्नी राजकुमारी को खाना बनाने को कह कर गांव तरफ चला गया । रात 11 बजे शोभनाथ शराब पीकर घर आया और पत्नी से खाना देने के लिए कहा तो उसकी पत्नी राजकुमारी वाद विवाद करने लगी । तब शोभनाथ ने अपनी पत्नी को लात घूसे थप्पड़ और चप्पल से मारने लगा। शराब के नशे में शोभनाथ रात भर अपनी पत्नी को पटक पटक कर मारता रहा और बाद में उसे बेहोश समझकर सो गया।
सुबह जब शोभनाथ नींद से उठा और पत्नी को मृत पाया तो घर के बाहर बैठकर रोने लगा। शोभनाथ के रोने की आवाज सुनकर उसके पिता तथा तथा आस पास के लोग आए तो शोभनाथ ने उनसे बताया कि रात में शराब के नशे में उसने पत्नी के साथ ज्यादा मारपीट कर दिया था जिससे पत्नी की मृत्यु हो गई।
इसके पश्चात सूचना पाकर पुलिस आई और शव का पोस्टमार्टम कराई। पोस्टमार्टम में मृतिका के पूरे शरीर पर चोटें पाई गई और सिर की चार हड्डियां और सीने की तीन पसलियां टूटी हुई पाई गईं। थाना प्रभारी संदीप भारतीय ने मामले की विवेचना कर चालान पेश किया।
न्यायालय में अभियोजन का संचालन विशेष लोक अभियोजक श्री अजय कुमार सिंह के द्वारा किया गया। मामले में कोई चक्षुदर्शी साक्षी नही था, पूरी घटना परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर आधारित थी । न्यायालय में परिस्थितियों की श्रृंखला को अभियोजन द्वारा भलीभांति साबित किया गया।जिसके परिणामस्वरूप आरोपी का दोष प्रमाणित हो सका।
न्यायालय ने आरोपी को धारा 302 भारतीय.दंड संहिता के अंतर्गत आजीवन कारावास और 5000 रूपये अर्थदंड से दंडित किया।