सवांददाता नरसीराम शर्मा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
आज से करीबन 12 साल पहले ऐतिहासिक विश्व रक्षक काल भैरव मंदिर मूर्ति चोरी प्रकरण हुआ था जिसको लेकर ग्रामीणों द्वारा तहसील मुख्यालय से लेकर जिला स्तर पर बड़ा प्रदर्शन किया गया था और बात मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंच गई थी। आमरण अनशन हुआ प्रदर्शन हुए तब जाकर मूर्ति चोरी प्रकरण में जांच आगे बढ़ी और आरोपियों की गिरफ्तारी हुई और मामला सीआईडी सीबी में चला गया और अभी न्यायालय में चल रहा है। फिर उसी आरोपित परिवार के एक सदस्य पर मंदिर में चोरी करने आरोप लगा है जिसमें ऐतिहासिक काल भैरव मंदिर की पूजा के समय आरती करने के लिए जिस पात्र में घी रखा जाता है उसी चांदी के पात्र को चुरा लेने की घटना सामने आई है। वर्तमान पुजारी व ग्रामीणों द्वारा इसकी शिकायत श्रीडूंगरगढ़ पुलिस थाने में लिखित रूप से दी गई है और यह घटना पूरी तरह से सीसीटीवी में भी कैद हो गई है जिसमें साफ देखा जा सकता है कि एक अगस्त को दोपहर में एक लड़का तेल सिंदूर वाले मंदिर प्रांगण से किस तरह घी रखने वाले चांदी के पात्र को कपड़े में लपेटकर ले गया आरोप लगा है पूर्व पुजारी राजेंद्र नाई के परिजन पर। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजेंद्र नाई का पौत्र मंदिर में किसी काम से आया था और जाते वक्त इस घटना को अंजाम देकर चला गया फिलहाल नामजद आरोपी के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दी गई है और पुलिस मामले की जांच में जुट चुकी है। मूर्ति चोरी प्रकरण के बाद उस समय के आरोपित तत्कालीन पुजारियों को हटाकर वैकल्पिक व्यवस्था ग्रामीणों के सहयोग से की हुई है और अस्थाई पुजारी रखे हुए हैं। हाई कोर्ट के निर्देश पर जिला कलेक्टर की मॉनिटरिंग में उपखंड अधिकारी को इसका देखरेख का जिम्मा सौंपा हुआ है। ग्रामीणों की बार-बार शिकायत के बाद भी इस मंदिर में प्रशासन द्वारा सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं की गई है ग्रामीणों द्वारा कई बार मंदिर की सुरक्षा को लेकर प्रशासन को अवगत करवाया गया कि यहां पर किसी निजी कंपनी से सुरक्षा गार्ड या और होमगार्ड के जवान लगवाए जाए लेकिन प्रशासन भी इस पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा है इसको लेकर भी ग्रामीणों में नाराजगी है। समय रहते इस मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था के बारे में निर्णय नहीं दिया गया तो कभी प्रशासन के लिए यह भारी पड़ सकता है और कोई बड़ी अनहोनी घटना हो सकती हैं।