छत्तीसगढ़ शासन की योजना “स्कूल हर्बल गार्डन के तहत विद्यालयों में लगाए गए औषधीय पौधे…
“एनजीओ क्रिस्टल एजुकेशन सोसाइटी” ने मरवाही विकासखण्ड के पतेराटोला स्कूल परिसर में औषधीय पौधे लगाकर स्कूल हर्बल गार्डन तैयार किया।
संवाददाता सूरज यादव
कोटमीकला/पेंड्रा :- छत्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण योजना स्कूल हर्बल उद्यान एक ऐसा स्थान है जहाँ विद्यार्थियों को प्राकृतिक चिकित्सा और जड़ी-बूटियों के महत्व का अध्ययन करने का अवसर मिलता है।यहाँ हर्बल पौधों को बढ़ावा देने के साथ साथ छात्रों को उनकी देखभाल और उपयोगिता के प्रति जागरूक किया जाता है,जिसमें वह उसका संरक्षण हेतु प्रयास कर सके।
स्कूल हर्बल गार्डन के तहत मरवाही विकासखण्ड के पतेराटोला स्कूल सहित चिन्हांकित स्कूलों में औषधीय पौधे लगाकर उसकी उपयोगिता व संरक्षण के बारे में छात्र छात्राओं को बताया गया।स्कूल हर्बल उद्यान का उद्देश्य छात्रों को प्राकृतिक चिकित्सा के महत्व के साथ साथ वनों में पाये जाने वाले जड़ी -बूटियों की महत्व के प्रति जागरूक करना,औषधीय पौधों के सही तरीके से रखरखाव का अध्ययन करना और छात्रों को इन्हें सही ढंग से उगाने और देखभाल करने की कला सिखाना मुख्य रूप से शामिल है।आपको बता दें कि इस हर्बल उद्यान के माध्यम से छात्रों को औषधीय पौधों के उपयोग के लाभों के बारे में शिक्षा देना और उन्हें उपयोगी पौधों के संरक्षण हेतु प्रोत्साहित करना,औषधीय पौधों के संरक्षण से पर्यावरण सुरक्षा एवं जलवायु परिवर्तन की जानकारी देना मुख्य रूप से उद्देश्य के साथ लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
एनजीओ क्रिस्टल एजुकेशन सोसाइटी के फील्ड ऑफिसर भारतभूषण यादव ने सभी औषधीय पौधे की पहचान कराते हुए औषधि की उपयोगिता व कौन कौन सी बीमारियों में किस पौधे की औषधि का उपयोग होता है,इसके बारे में छात्र छात्राओं व शिक्षकों को जानकारी प्रदान की गई इसके साथ ही स्कूल परिसर में वर्करों के माध्यम से पौधे लगाकर गार्डन तैयार किया।औषधीय पौधे में एलोवेरा,ब्राम्ही,बच,स्टीविया,हड़जोड़, पिपली,मंडूकपर्णी,पत्थरचट्टा,अडूसा, निर्गुंडी सर्पगंधा,गिलोय,तुलसी, गुड़मार,सतावर,नीम,बेल,लेमनग्रास सहित अन्य औषधीय पौधे पतेराटोला स्कूल में लगाए गए।इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानपाठक कमलेश्वर पुरी,बलराम तिवारी,गायत्री पैकरा मुख्य रूप से उपस्थित होकर हर्बल गार्डन की उपयोगिता एवं महत्व के बारे में जानकारी प्राप्त की।