सवांददाता मीडिया प्रभारी मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
व्यायाम ताकत के साथ-साथ धीरज विकसित करने में भी प्रभावी क्रिया फलकासन : कालवा
श्रीडूंगरगढ़ कस्बे की ओम योग सेवा संस्था के निदेशक योगाचार्य ओम प्रकाश कालवा ने सत्यार्थ न्यूज चैनल पर 70 वां अंक प्रकाशित करते हुए फलकासन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया। फलकासन को अंग्रेजी में प्लैंक पोज़ के नाम से जाना जाता है। बता दें कि हिंदी में फलक को लकड़ी का तख्ता कहा जाता है वहीं आसन का अर्थ होता है बैठना। इस आसन को करने से पेट की मसल्स पर दबाव पड़ता है। । ऐसे में कुछ ही दिनों में पेट में जमा फैट कम हो जाता है।
विधि
-अपने हाथों और घुटनों के बल टेबलटॉप स्थिति में शुरू करें, फिर अपनी कोहनी को अपने कंधों के नीचे रखते हुए अपने अग्रभागों तक नीचे जाएँ। अपने पैरों को तब तक पीछे ले जाएँ जब तक कि आपका शरीर कंधों से एड़ी तक एक रेखा न बना ले। अपने कोर को निचोड़ें और पेट की मांसपेशियों को सक्रिय करने के लिए अपने पेट के बटन को अपने उरोस्थि की ओर खींचने के बारे में सोचें।
समय
-अगर आप प्लैंकिंग के लिए नए हैं, तो तुरंत पाँच मिनट के लिए प्रयास न करें। बस्टोस कहते हैं, “शुरुआत में पाँच मिनट तक होल्ड करना अनंत काल जैसा लगेगा, लेकिन 20 सेकंड से शुरू करें, फिर हर दिन 10 सेकंड जोड़ते रहें जब तक कि आप पाँच मिनट तक न पहुँच जाएँ।”
लाभ
-फलकासन का सबसे बड़ा लाभ शरीर की मजबूती है। मेडिसिना जर्नल में प्रकाशित 2021 के एक शोध के अनुसार, प्लैंक-प्रकार के व्यायाम ताकत के साथ-साथ धीरज विकसित करने में भी प्रभावी हो सकते हैं। फलकासन से शरीर को मजबूत बनाने की क्षमता एक साथ कई मांसपेशी समूहों पर काम करने की इसकी क्षमता से आती है।
निवेदन
-ओम योग सेवा संस्था श्री डूंगरगढ़ द्वारा जनहित में जारी।