अभी खुटहा – पकड़ी मुख्य सड़क स्थित बलिया नाला का पुल बना भी नहीं,की गोपी – कांध गांव के पास बहने वाली बलिया नाला में आई बाढ़ की पानी ने गोपी – कांध से होकर सिंहपुर जाने वाली सड़क को पूरी तरह काट कर खण्डहर बना दिया है।
☞ क्या टूट कर नया इतिहास लिखेगा बलिया नाला का पुल…?
☞ क्या अधिकारी और नेता,बलिया नाला पुल पर,कोई बड़ी घटना होने का ही कर रहे हैं इंतजार…?
☞ पुल पर हमेशा बनी रहती है भय,अगर पुल टूटा तो बड़ी दुर्घटना होने से नहीं किया जा सकता है इंकार
☞ पकड़ी से खुटहा – पनियरा मुख्य मार्ग तथा रम्हौली गांव के ईंट भट्ठे के पास स्थित बलिया नाला का पुल तीन वर्ष पूर्व से जर्जर हो चुका है।
☞ इधर एक पखवाड़े पूर्व से बलिया नाला पुल की स्थिति देखने मात्र से,दिल भय से थर्रा उठता है।लेकिन जिले के जिम्मेदार अधिकारी या नेता,इस पुल का सुधि लेना उचित नहीं समझे।
अलबत्ता लोक सभा चुनाव के दौरान, सुरक्षा बलों और पोलिंग पार्टियों को,बूथ तक जाने में कोई असुविधा न हो,इसके लिए शासन द्वारा वैकल्पिक मार्ग जरूर बनाया गया।
…लेकिन हुआ क्या?
वैकल्पिक मार्ग के निर्माण में भी इतना लापरवाही बरता गया कि —
इधर वैकल्पिक मार्ग बना और उधर टूट कर ईंट और मिट्टी बलिया नाला के पानी में बह गया,पुनः चुनाव में सुरक्षाकर्मियों और पोलिंग पार्टियों को बूथ तक जाने में असुविधा हुई…तो आनन – फानन में,उक्त वैकल्पिक मार्ग का हल्का मरम्मत करा कर जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी पूरी समझ लिए।आज स्थिति यह हो गई है कि बीते दिनों,हुई बारिश में बलिया नाला का पुल काफी जर्जर हो गया।
आज इस प्रसिद्ध बलिया नाला का पुल,जो खड़ा दिख रहा है ओ अपने भाग्य और भगवान के भरोसे खड़ा है।अगर क्षेत्रीय विधायक और सांसद के साथ,विभाग और जिला प्रशासन,समय पूर्व नहीं जागा तो,भविष्य में किसी अप्रिय घटना होने से इंकार कर पाना बड़ी मुश्किल होगा। पकड़ी – खुटहा – पनियरा मुख्य मार्ग पर, रम्हौली गांव के पास स्थित,बलिया नाला का पुल,सदर और पनियरा दो विधानसभा क्षेत्र को जिला मुख्यालय से जोड़ता है।
बलिया नाला का पुल कब बनेगा,कितने समय में बनेगा यह अहम सवाल बना हुआ है।
अभी यह पुल तो बना नहीं,बल्कि गोपी – कांध गांव से होकर बहने वाली बलिया नाला में आई बाढ़ का पानी ने गोपी – कांध गांव से सिंहपुर जाने वाली सड़क को काट कर पूरी तरह खण्डहर कर दिया है।जिसको देखने से ही कलेजा मुंह में आ जाता है।