डिजिटल हाउस अरेस्ट कर 60 लाख ठगे:बहुत खतरनाक है साइबर ठगी का यह नया तरीका, इन 9 बातों का ध्यान रखें
पलवल-31 जुलाई
कृष्ण कुमार छाबड़ा
उत्तर प्रदेश के नोएडा में एक महिला डॉक्टर साइबर ठगों का शिकार हो गई। साइबर ठगों ने महिला डॉक्टर को दो दिन तक डिजिटल हाउस अरेस्ट रखने के बाद उससे 60 लाख रुपये हड़प लिए। पुलिस के मुताबिक साइबर ठगों ने खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) का अधिकारी बताकर फर्जी गिरफ्तारी वॉरंट की धमकी दी। इसके बाद महिला डॉक्टर को पैसा ट्रांसफर करने के लिए मजबूर किया।
ऐसा ही एक मामला कुछ दिन पहले लखनऊ के गोमतीनगर से सामने आया था, जहां हिंदी के मशहूर कवि और साहित्यकार नरेश सक्सेना को साइबर ठगों नकली CBI अफसर बनकर डिजिटल हाउस अरेस्ट कर लिया ।
साइबर ठगों ने 6 घंटे तक नरेश सक्सेना को एक कमरे में बंद रखा। इस दौरान उनसे जरूरी दस्तावेज और बैंक अकाउंट की जानकारी भी हासिल कर ली। हालांकि, परिवार के सदस्यों ने समय पर पहुंचकर उन्हें ठगी का शिकार होने से बचा लिया।
रिजर्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2023 में देश में 30 हजार करोड़ रुपए से अधिक की धोखाधड़ी हुई। भारतीय बैंकों द्वारा पिछले एक दशक में धोखाधड़ी के 65,017 मामलों की जानकारी दी गई है, जिसके कारण कुल 4.69 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
हाउस अरेस्ट में नकली पुलिस स्टेशन, नकली सरकारी कार्यालय स्थापित करने और नकली वर्दी पहनकर ठगी को अंजाम देने का काम किया जा रहा है।
सवाल- डिजिटल हाउस अरेस्ट क्या है?
जवाब- स्कैम के इस नए तरीके में साइबर ठग लोगों को ऑडियो या वीडियो कॉल करके, AI जनरेटेड वॉयस या वीडियो कॉल के जरिए फंसाते हैं और खुद को पुलिस अधिकारी, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB), केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) का अधिकारी या कस्टम अधिकारी होने का दावा करते हैं।
साइबर एक्सपर्ट राहुल मिश्रा बताते हैं कि साइबर ठग लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए कई हथकंडे आजमाते हैं। उदाहरण के तौर पर साइबर ठग पीड़ित से कहते हैं कि आपने चाइल्ड पोर्न देखा है या किसी ड्रग्स बुकिंग के मामले में आपके आधार कार्ड नंबर, पैन नंबर का इस्तेमाल हुआ है।
इसके बाद लोगों से डिजिटल अरेस्ट के नाम पर पूछताछ करने के लिए वीडियो कॉल पर बात करने को कहते हैं। अधिकांश मामलों में साइबर ठग अपना एक पुलिस स्टेशन जैसा सेटअप बनाकर पुलिस की वर्दी पहने बैठे होते हैं, जिससे लोगों को सब कुछ असली लगता है।
साइबर ठग लोगों को धमकी देते हैं कि अगर उन्होंने पूरी जांच के दौरान अपने परिवार या दोस्तों को इसके बारे में बताया तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे। इस तरह साइबर अपराधी डिजिटल स्पेस में लोगों को घंटों तक हिरासत में रखते हैं।
सवाल- डिजिटल हाउस अरेस्ट से कैसे बच सकते हैं?
जवाब- किसी भी तरह के स्कैम से बचने के लिए सबसे जरूरी है सचेत और सतर्क रखना।
पिछले दिनों नोएडा पुलिस ने नागरिकों को ‘डिजिटल हाउस अरेस्ट’ से बचाने के लिए एक एडवाइजरी जारी की थी। जिसमें उन्होंने बताया था कि जब भी आपको ऐसे कॉल या मैसेज आएं तो तुरंत इसकी सूचना संबंधित अधिकारियों को दें। सरकार ने साइबर और ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए संचार साथी वेबसाइट में चक्षु पोर्टल लॉन्च किया है। पीड़ित लोग ऐसी घटनाओं की शिकायत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर पुलिस स्टेशन में भी कर सकते हैं।
साइबर क्राइम के नए तरीकों को लेकर अपडेट रहें
साइबर क्रिमिनल हर रोज ठगी के नए-नए तरीके ईजाद कर रहे हैं। इंडियन साइबर क्राइम काे-ऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) के मुताबिक इस साल अप्रैल माह तक 7.40 लाख से ज्यादा साइबर फ्रॉड की शिकायतें दर्ज की गईं हैं।
इन्हीं शुरुआती चार महीनों में साइबर क्रिमिनल्स ने 1750 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी की है। इसमें इन्वेस्टमेंट स्कैम, ट्रेडिंग स्कैम, डिजिटल फ्रॉड स्कैम व ऑनलाइन ठगी के अन्य तरीके शामिल हैं। इसलिए इस तरह के ठगी के तरीकों से बचने के लिए सतर्क और सावधान रहें। साइबर ठगी के नए-नए तरीकों को लेकर अपडेट रहें। इस तरह के खतरों की समय पर पहचान करें।
कॉल को वेरिफाई जरूर करें
अगर पुलिस, CBI, NCB या किसी अन्य सरकारी एजेंसी का हवाला देकर कोई अज्ञात नंबर से कॉल करता है तो सावधानी बरतें। कॉल की पुष्टि के लिए अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर संपर्क करें। बिना पुष्टि के किसी तरह की जानकारी शेयर न करें।
अनजान नंबर पर रुपए ट्रांसफर न करें
हमेशा ध्यान रखें कि कोई भी सरकारी एजेंसी ऑनलाइन पेमेंट करने के लिए फोन करके दवाब नहीं डालती है। अगर कोई आपसे तत्काल रुपए ट्रांसफर के लिए दवाब डालता है तो सावधान रहें। इस तरह के अधिकांश कॉल फ्रॉड होते हैं। बिना वेरिफिकेशन के कोई भी भुगतान न करें।
सवाल- भारत सरकार द्वारा इस तरह के स्कैम को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
जवाब- पिछले दिनों गृह मंत्रालय ने साइबर अरेस्ट और ब्लैकमेलिंग करने वाली 1000 से ज्यादा ‘स्काइप आईडी’ को ब्लॉक किया है। मंत्रालय ने कहा कि सरकार साइबर ठगी को रोकने के लिए सभी एजेंसियां, RBI और अन्य संगठन साथ मिलकर काम कर रहे हैं। इसमें राज्यों और केंद्रशासित राज्यों की पुलिस भी मदद कर रही है।
भारत सरकार ने सभी टेलिकॉम कंपनियों को एक निर्देश जारी कर 28,200 मोबाइलों को ब्लॉक करने के निर्देश दिए थे। साथ ही इन मोबाइलों से जुड़े कई लाख सिम कार्ड्स को री-वेरीफाई करने के लिए कहा गया था। पिछले साल भी टेलीकॉम कंपनियों ने साइबर क्राइम से जुड़े 2 लाख से ज्यादा सिम बंद किए थे।
I4C भी इसे लेकर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म Cyberdost, ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम पर लोगों को जागरूक करने के लिए जानकारियां साझा करता है। सरकार ने लोगों को सलाह दी है कि इस तरह के अपराध को लेकर सतर्कता बरतें और साइबर अपराध के बारे में दूसरों को भी आगाह करें।
सवाल- साइबर क्राइम होने पर शिकायत कहां करें?
जवाब- अगर आपको ऐसी ही कोई कॉल या मैसेज आता है, जिसमें डरा-धमकाकर पैसे की मांग की जाती है तो इसकी नजदीजी पुलिस स्टेशन या साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत जरूर करें। सरकार ने साइबर और ऑनलाइन धोखाधड़ी को रोकने के लिए संचार साथी वेबसाइट पर ‘चक्षु पोर्टल’ लॉन्च किया है। इसके अलावा http://www.cybercrime.gov.in पर भी ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं।