सवांददाता नरसीराम शर्मा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
एक वृक्ष का रोपण – आने वाली पीढ़ी के लिए उपहार। डॉक्टर यश देव शास्त्री महामंत्री पतंजलि ग्रामोद्योग हरिद्वार
श्रीडूंगरगढ़, 29 जुलाई 2024। एक वृक्ष का रोपण करने का अर्थ है आने वाली पीढ़ी के लिए काष्ठ, फल, छाया, और ईंधन का प्रबंध सुनिश्चित करना। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए, अघोरी बाबा शैलेंद्र नाथ जीमहाराज,डॉ यशदेव शास्त्री स्वामी गणेशान्नदजी व राजनाथ जी ने खाखी धोरा के पास स्थित सुभाष चंद्र शास्त्री के शास्त्री कृषि फार्म में वृक्षारोपण किया। इस कार्यक्रम का आयोजन विशेष रूप से पर्यावरण संरक्षण और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने के लिए किया गया था। विश्वप्रसिद्ध पंतजलि ग्रामोद्योग के महामंत्री डॉ यशदेव शास्त्री ने अपने भाषण में कहा, “वृक्षारोपण न केवल पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ बनाता है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को भी संरक्षित करता है। आज हम जिस तेजी से प्राकृतिक संसाधनों का उपभोग कर रहे हैं, उससे निपटने का सबसे अच्छा तरीका है अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना।” उन्होंने सभी को प्रेरित किया कि वे अपने जीवन में कम से कम एक पेड़ अवश्य लगाएं और उसकी देखभाल करें। झुंझुनूं के मुकुंदगढ़ को जाने माने कामधेनु सेवा संस्थान के संत एवं मां कामख्या के भगत संत अघोरी बाबा शैलेंद्र नाथ ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “यह हमारे समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। हम सभी को इस प्रकार की गतिविधियों में हिस्सा लेना चाहिए और अधिक से अधिक पेड़ लगाने चाहिए। वृक्ष न केवल हमारे पर्यावरण को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि हमारे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा भी लाते हैं।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हर व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए और पर्यावरण संरक्षण के लिए सक्रिय भूमिका निभानी चाहिए। ज्ञान ज्योति गुरुकुलम रेवला धाम के संस्थापक स्वामी गणेशा नन्द जी सरस्वती ने कहा, “वृक्षारोपण के माध्यम से हम प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी को निभा सकते हैं। यह न केवल हमें फल और छाया देता है, बल्कि हमारे जीवन को भी संवारता है। जब हम एक वृक्ष लगाते हैं, तो हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरा-भरा और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करते हैं।” उन्होंने यह भी बताया कि वृक्षारोपण से हमें आत्मिक शांति और संतोष मिलता है, जो हमारी आध्यात्मिक यात्रा को सशक्त बनाता है। कार्यक्रम में विश्व प्रसिद्ध योग शिक्षक स्वामी राजनाथ जी लेघा ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और कहा, “योग और प्रकृति का गहरा संबंध है। जिस प्रकार योग हमें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है, उसी प्रकार वृक्षारोपण से पर्यावरण स्वस्थ रहता है। “सुभाष चंद्र शास्त्री ने सभी गणमान्य व्यक्तियों का आभार प्रकट कर कार्यक्रम का समापन किया। उन्होंने यह भी घोषणा की कि इस फार्महाउस में हर साल वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, ताकि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक स्थायी पहल की जा सके। नमस्ते हैं आने वाली पीढ़ी के लिए यह प्रयास निश्चित रूप से एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उन्हें स्वच्छ और स्वस्थ पर्यावरण प्रदान करेगा। इस प्रकार के कार्यक्रमों से प्रेरित होकर, हम सभी को अधिक से अधिक वृक्षारोपण में हिस्सा लेना चाहिए और पृथ्वी को हरा-भरा बनाना चाहिए। वृक्षारोपण के माध्यम से हम न केवल पर्यावरण को सुरक्षित रखते हैं, बल्कि अपने समाज को भी एक सकारात्मक दिशा में ले जाते हैं। आइए, हम सभी मिलकर वृक्षारोपण करें और अपने पर्यावरण को संरक्षित करें, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरा-भरा और स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित किया जा सके।