रिपोर्टर रजनीश पाण्डेय सूरत गुजरात सत्यार्थ न्यूज
सूरत की लेब में बने हीरे पर उकेरी PM मोदी की अनमोल छवि, जानें इसकी खासियतें
गुजरात की हीरा नगरी सूरत में एक उद्योगपति में लैब में तैयार किए गए हीरे पर पीएम मोदी की छवि उकेरी है। प्रदर्शनी में रखे गए यह हीरा चर्चा में आ गया है। मां हीरा बेन के बेटे पीएम मोदी की हीरे वाली को देखने के लिए काफी लोग पहुंच रहे हैं। बाद में इस हीरे को नीलाम किए जाने की चर्चा है।अहमदाबाद/सूरत: सूरत के एक हीरा उद्योगपति ने लैब में बने डायमंड पर पीएम मोदी की छवि बनाई है। इसे मोदी डायमंड नाम दिया गया है। लैबग्रोन इस मोदी डायमंड को मेक इन इंडिया की तर्ज पर बनाया गया है। पीएम मोदी के तस्वीर वाले डायमंड को बनाने के लिए करीब एक महीने का समय लगा है। मोदी डायमंड आठ कैरेट के डायमंड पर बनाया गया है। सूरत के 25 हीरा कारीगरों ने मिलकर एक महीने में मोदी डायमंड को बनाया है। पीएम मोदी ने सूरत के हीरा व्यापार को ऊंचाईयों पर ले जाने के लिए हमेशा लेबग्रोन डायमंड के उत्पादन को प्रोत्साहित करते रहे हैं। पिछली बार जब वह सूरत डायमंड बोर्स के शुभारंभ को पहुंचे थे। तब भी उन्होंने यह सपना देखा था कि लेबग्रोन डायमंड में भारत और खासकर सूरत की हिस्सेदारी बढ़े। पीएम मोदी पिछले साल जब अमेरिका के दौरे पर गए थे तो उन्होंने लैब में बनाया गया एक इको फ्रेंडली डायमंड जिल बाइडेन को गिफ्ट किया था। वो डायमंड 7.5 कैरेट का था।हर्ष संघवी डायमंड देखने पहुंचे
लैब में तैयार किए गए मोदी डायमंड को एक प्रदर्शनी में रखा गया था। जब इसकी सूचना गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी को हुई तो वह भी इस मोदी डायमंड का दीदार करने के लिए प्रदर्शन में पहुंचे। इसी साल की शुरुआत में बीजेपी के सूरत के बड़े हीरा कारोबारी गोविंद भाई धोलकिया को राज्यसभा भेजा था। प्रदर्शनी में रखे गए इस डायमंड की क झलक के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। ऐसी उम्मीद है कि हीरे में पीएम मोदी को छवि वाले इस डायमंड को बाद में नीलाम भी किया जा सकता है। अब देखना यह है कि यह हीरा कितनी कीमत में बिकता है?15 फीसदी है भारत की हिस्सेदारी
सूरत में पिछले साल पीएम मोदी ने डायमंड बोर्स को जब शुभारंभ किया था तो उन्होंने कहा थाा कि कामगार हो, कारीगर हो, व्यापारी हो, सबके लिए सूरत डायमंड बोर्स वन स्टॉप सेंटर है। आज सूरत डायमंड बोर्स के रूप में एक इंटरनेशनल ट्रेड का एक बड़ा सेंटर बनकर तैयार हो गया है। रॉ डायमंड हो, पालिश्ड डायमंड हो या लैब ग्रोन डायमंड हो या फिर बनी बनाई जूलरी, आज हर तरह का व्यापार एक ही छत के नीचे संभव हो गया है। सूरत में हाल के सालों में लेबग्रोन डायमंड का काम शुरू हुआ है, हालांकि इस मामले में अभी भारत की हिस्सेदारी सिर्फ 15 फीसदी है।