न्यूज रिपोर्टर मीडिया प्रभारी मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
वर्तमान में हम इक्कीसवीं सदी में जी रहे हैं और 21वीं सदी को साइंस और टेक्नोलॉजी का दौर कहा जाता है, इसके बावजूद कुछ मुद्दे ऐसे हैं जो आज भी मानव सभ्यता के लिए किसी कलंक से कम नहीं है। इसमें सबसे बड़ा मुद्दा रंगभेद का है। त्वचा और रंग के आधार पर इंसान द्वारा इंसान के साथ भेदभाव करने की संकीर्ण सोच से अमेरिका और यूरोप जैसे विकसित देश भी मुक्त नहीं हो पाए हैं। भारत में भी यह सोच और भेदभाव जगह-जगह देखने को मिलता है।विशेषकर देश के ग्रामीण क्षेत्रों में जाति, समुदाय, रंग और त्वचा के आधार पर भेदभाव किया जाता है। हालांकि भारत के संविधान में इसके विरुद्ध सख्त नियम और कानून बनाये गए हैं, इसके बावजूद रंग के आधार पर भेदभाव की प्रथा का अंत नहीं हुआ है। इसका सबसे नकारात्मक प्रभाव किशोरियों के जीवन पर पड़ता है, जिनके साथ पुरुषों की तुलना में दैनिक जीवन में कहीं अधिक भेदभाव किया जाता है। ऐसा ही एक मामला श्रीडूंगरगढ थाने में आकर एक विवाहिता ने अपने पति, देवर व सास के खिलाफ शारीरिक व मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए है। 25 वर्षीय पाना पुत्री सीताराम मेघवाल निवासी ठुकरियासर ने उदरासर निवासी अपने पति बजरंगलाल, सास बादू देवी और देवर महेन्द्र मेघवाल के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है। परिवादिया ने पुलिस को बताया कि 4 अप्रैल 2021 को उसका विवाह बजरंगलाल से व उसकी बहन का विवाह देवर महेंद्र से हुआ। उसके पति व सास उसे विवाह के बाद से ही कुरूप, काली कलूटी व बदसूरत कह कर प्रताड़ित करने लगे। आरापी उसे जलील करते जिससे गर्भावस्था के दौरान वह बीमार रहने लगी। सास पति के दूसरे विवाह की धमकी देती और आरोपियों ने उसे घर से निकाल दिया। 10 मई 2024 को आरोपी उसके पीहर आए और वहां भी उससे बदसलूकी की तो परिवादिया भयभीत हो गई। उसने स्त्रीधन लौटाने की मांग की तो आरोपियों ने उसे सामान लौटाने से मना करते हुएउसे ले जाने से भी मना कर दिया। पुलिस ने
मामला दर्ज कर जांच एसआई धर्मपाल को दी है।