• निलंबन व बहाली में वसूली का आरोप जिले में तैनात बी०एस०ए० दीपिका चतुर्वेदी पर खुद शिक्षक एम०एल०सी० देवेंद्र प्रताप सिंह ने लगाया।
सुल्तानपुर। निलंबन व बहाली में वसूली का आरोप जिले में तैनात बी०एस०ए० दीपिका चतुर्वेदी पर खुद शिक्षक एम०एल०सी० देवेंद्र प्रताप सिंह ने लगा दिया था। हालांकि यह आरोप केवल मौखिक ही रहे, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। शायद यही वजह है कि शासन ने उनका तबादला कर दिया। किंतु जिन उपेंद्र गुप्ता को हाथरस से सुल्तानपुर भेजा जा रहा है। उनके खिलाफ इसी मामले में बाकायदा सतर्कता अधिष्ठान केस चला रहा है।
दीपिका चतुर्वेदी की जगह हाथरस में तैनात बीएसए उपेंद्र गुप्ता को शासन ने सुल्तानपुर ट्रांसफर किया है। जबकि वे बहाली के नाम पर रिश्वत के एक बहुचर्चित मामले के आरोपी हैं। बीते माह ही 27 जून को सतर्कता अधिष्ठान आगरा की टीम ने हाथरस बीएसए कार्यालय के वरिष्ठ सहायक देवेन्द्र सिंह को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। वरिष्ठ सहायक ने कुबूला था कि सहायक अध्यापक सिद्धार्थ कुमार के निलंबन काल का वेतन, वेतनवृद्धि दिलाने व प्रतिकूल प्रविष्टि हटाने के एवज में 30 हजार रुपये की रिश्वत ली थी, जिसमें 25 हजार रुपये बीएसए की हिस्सेदारी और पांच हजार रुपये खुद के लिए लिए थे।
देवेंद्र सिंह तो निलंबित कर जेल भेजा जा चुका है। किंतु सतर्कता अधिष्ठान की जांच में असहयोग करने वाले बीएसए उपेंद्र गुप्ता को भी विजिलेंस ने इस मामले में आरोपी बनाया है और जल्द ही उनसे पूछताछ की तैयारी है। सतर्कता अधिष्ठान के एसपी शगुन गौतम के अनुसार उपेंद्र गुप्ता भी आरोपी हैं, इसलिए नोटिस जारी होने के बाद उन्हें जांच का सामना करना होगा और सहयोग भी करना पड़ेगा।
सुल्तानपुर। निलंबन व बहाली में वसूली का आरोप जिले में तैनात बीएसए दीपिका चतुर्वेदी पर खुद शिक्षक एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने लगा दिया था। हालांकि यह आरोप केवल मौखिक ही रहे, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। शायद यही वजह है कि शासन ने उनका तबादला कर दिया। किंतु जिन उपेंद्र गुप्ता को हाथरस से सुल्तानपुर भेजा जा रहा है। उनके खिलाफ इसी मामले में बाकायदा सतर्कता अधिष्ठान केस चला रहा है।
दीपिका चतुर्वेदी की जगह हाथरस में तैनात बीएसए उपेंद्र गुप्ता को शासन ने सुल्तानपुर ट्रांसफर किया है। जबकि वे बहाली के नाम पर रिश्वत के एक बहुचर्चित मामले के आरोपी हैं। बीते माह ही 27 जून को सतर्कता अधिष्ठान आगरा की टीम ने हाथरस बीएसए कार्यालय के वरिष्ठ सहायक देवेन्द्र सिंह को 30 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। वरिष्ठ सहायक ने कुबूला था कि सहायक अध्यापक सिद्धार्थ कुमार के निलंबन काल का वेतन, वेतनवृद्धि दिलाने व प्रतिकूल प्रविष्टि हटाने के एवज में 30 हजार रुपये की रिश्वत ली थी, जिसमें 25 हजार रुपये बीएसए की हिस्सेदारी और पांच हजार रुपये खुद के लिए लिए थे।
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देवेंद्र सिंह तो निलंबित कर जेल भेजा जा चुका है। किंतु सतर्कता अधिष्ठान की जांच में असहयोग करने वाले बीएसए उपेंद्र गुप्ता को भी विजिलेंस ने इस मामले में आरोपी बनाया है और जल्द ही उनसे पूछताछ की तैयारी है। सतर्कता अधिष्ठान के एसपी शगुन गौतम के अनुसार उपेंद्र गुप्ता भी आरोपी हैं, इसलिए नोटिस जारी होने के बाद उन्हें जांच का सामना करना होगा और सहयोग भी करना पड़ेगा,नए ए०डी० बेसिक भी सुल्तानपुर में रहे हैं विवादित।
सुल्तानपुर। मुजफ्फरनगर और सुल्तानपुर में बीएसए के पद पर तैनाती के दौरान वित्तीय अनियमितता में दो बार निलंबन झेल चुके कौस्तुभ सिंह को शासन ने एडी बेसिक का जिम्मा सौंपा है। सुल्तानपुर में बतौर बीएसए वे अपने कार्यकाल में बेहद विवादित रहे।
वर्ष 2019 में कौस्तुभ सिंह सुल्तानपुर में बीएसए थे। इस दौरान उन पर नियुक्ति, मान्यता और अन्य विभागीय योजनाओं में भ्रष्टाचार का आरोप लगा था। जिसके बाद उन्हें शासन ने सस्पेंड किया था, लेकिन उन्होंने हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट से राहत मिलने पर उन्होंने बिना शासन की अनुमति दोबारा चार्ज ले लिया। ऐसे में शासन ने उन्हें दोबारा निलंबित कर जालसाजी का केस भी दर्ज कराया था। इसी दौरान उन पर अपनी बहन को कूटरचित दस्तावेजों के सहारे नियुक्ति देने जैसे मामले भी उठे थे। हालांकि फिलहाल अधिकांश मामले खत्म हो गए हैं या फिर कानूनी दांव-पेच में उलझे हैं।