न्यूज़ रिपोर्टर शाका नामदेव गुना
भगवान का भजन भी सत्संग के माध्यम से करते रहना चाहिए, गीता स्वाध्याय कार्यक्रम हुआ संपन्न
खबर गुना जिला मध्य प्रदेश से
मनुष्य के मन में इच्छाओं का अपार भंडार है। जिनकी पूर्ति की जाना असम्भव है। हमारा संकल्प दृढ़ होना चाहिए। और उसकी पूर्णता के लिए प्रयत्न करना चाहिए। भगवान का भजन भी सत्संग के माध्यम से करते रहना चाहिए। उपरोक्त विचार डाक्टर सतीश चतुर्वेदी शाकुन्तल ने गायत्री मंदिर पर रविन्द्र श्रीवास्तव, पदमा श्याम श्रीवास्तव द्वारा कराए गए। स्वाध्याय में व्यक्त किए। स्वाध्याय में गीताजी का पूजन रविन्द्र श्रीवास्तव ने किया। स्वाध्याय गीत गणेश गौरी गुरु वंदना तथा अध्याय छै केतेईस से लेकर तेतीस तक के श्र्लोको का वाचन पंडित अंकित पाण्डेय ने कराया। सुभाषित में हरिदत्त शर्मा ने बताया कि हमें हमारे पूर्वजों का सम्मान करना चाहिए जिससे आयु, आरोग्य,यश, एवं कीर्ति की प्राप्ति होती है। अमृत वचन में राजनारायण ने कहा कि जब घर में बालक रोता है। तो पूरे मोहल्ले को पता लग जाता है। किन्तु जब माता पिता रोते हैं। तो बच्चों कों भी पता नहीं चलता। प्रेरक प्रसंग में श्रीमती उमा शर्मा ने स्वामी विवेकानंद के जीवन से संबंधित घटनाओं पर प्रकाश डाला। गीता भजन की प्रस्तुति श्रीमती उमा शर्मा तथा प्रांतीय संरक्षक पंडित ओमप्रकाश पाराशर ने अलग अलग सुनाये। रेखा पाण्डेय, हेमलता सक्सेना राखी भार्गव, माया ओझा, माया शर्मा, संध्या श्रीवास्तव, समीक्षा श्रीवास्तव, अर्चना श्रीवास्तव, अरूणा श्रीवास्तव,रतन देवी, किशोरी देवी, गीता, शारदा,मंगला शर्मा, सुमन शर्मा, सविता शर्मा, पद्मा श्रीवास्तव बुंदेलसिंह यादव, रविन्द्र श्रीवास्तव, रामनाथ मेहरा, किशनसिंह,एन के परिहार सुभाष त्रिवेदी राधेश्याम शर्मा, मयंक सोनी, महेश श्रीवास्तव धर्मवीर सिंह, बृजेश श्रीवास्तव, मनोज पलिया, गिरधारी लाल, मनोज तिवारी, देवेन्द्र भार्गव, पंडित राम कुमार तिवारी बच्चों में नमन सक्सेना, अथर्व भार्गव,पीबू ,पार्थ,रिहांश,शुभ सहित अन्य कई गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे। यह स्वाध्याय मंडल गुना कि पहला स्वाध्याय था जिसमें लगभग नब्बे धर्मप्रेमी उपस्थित रहे । श्याम श्रीवास्तव ने सभी उपस्थित धर्मप्रेमियों के प्रति आभार व्यक्त किया।