<h3><strong>न्यूज रिपोर्टर "विमल गुप्ता"</strong></h3> <h3><strong> कानपुर उत्तर प्रदेश </strong></h3> <h3><strong>16/06/2024</strong></h3> <h3><strong>जनपद कानपुर देहात </strong></h3> <h3><strong>कलेनापुर </strong></h3> <h3 style="text-align: center;">• <strong>21 जून योग दिवस के उपलक्ष्य पर कविता के माध्यम से कवि - चिंतक शिवसिंह ने बताया योग के फायदे व महत्व</strong></h3> <img class="alignnone size-large wp-image-54140 alignright" src="http://satyarath.com/wp-content/uploads/2024/06/IMG-20240617-WA0033-768x1024.jpg" alt="satyarath.com " width="768" height="1024" /> <h3 style="text-align: center;"><strong>योग पर स्लोगन</strong></h3> <h3>योग ज्ञान है -विज्ञान है ।</h3> <h3>योग सभी रोगों का निदान है ।।</h3> <h3>योग यंत्र है- तंत्र है ।</h3> <h3>योग स्वस्थ रहने का मूल मंत्र है ।।</h3> <h3>प्यार इंसान को इंसान बना देता है।</h3> <h3>योग बुड्ढो को भी जवान बना देता है।।</h3> <h3 style="text-align: center;"><strong>कविता - योग </strong></h3> <h3>शास्त्र तो छः हैं , पर योग शास्त्र उन में नायक है ।</h3> <h3>स्वस्थ रहने के लिए, यह सीखने लायक है।।</h3> <h3> योग वह ज्ञान है, जो आत्मा को परमात्मा से जोड़ दे । योग वो कला है, जो रोगों से तुम्हारा नाता तोड़ दे।।</h3> <h3>योग एक शास्त्र, इसे महर्षि पतंजलि ने लिखा था । हमारे ऋषियों- मुनियों ने , इसे तन- मन से सिखा था।।</h3> <h3>आज योग गुरु है, हमारे बाबा रामदेव । स्वस्थ यदि रहना चाहो ,तो योग सीख लेव।।</h3> <h3>खुराक खाय कसरत करो, और करो योग। नियम संयम भी अपना लो, जो रहना चाहो निरोग।।</h3> <h3>रोग को प्राणायाम से मारो , और मारो योग से। बचे-खुचे को पतंजली औषधी लो, तो शरीर मुक्त हो रोग से ।।</h3> <h3>शरीर के आन्तरिक विकारों में , यदि तुरंत चाहो आराम । तो फिर नियम से करो, प्रतिदिन प्राणायाम।।</h3> <h3>यदि शरीर की फुर्ती में, तुम्हें चाहिए चमत्कार। तो फिर रोज सुबह उठकर, करिए सूर्य नमस्कार।।</h3> <h3>आज योग पहुंच चुका है, विश्व के कोने-कोने में । असाध्य रोगों को भी, लगा है वह धोने में ।।</h3> <h3>जब आम आदमी तक भी, योग पहुंच जाएगा । तब रोग मुक्त हो , हमारा भारत बलवान बन जाएगा ।।</h3> <h3> रोगी शरीर के लिए, योग रामबाण है। जिसने यह सीख लिया, उसका होना कल्याण है ।।</h3> <h3>यदि तन को ब्याध लगी, तो शुरू करो योग । रोग सब छूमंतर, हो जाओगे निरोग।।</h3> <h3>योग से लचीला हो जाए , तुम्हारे शरीर का एक-एक पुर्जा । योग करने से बढ़ जाए, तुम्हारे शरीर की ऊर्जा।।</h3> <h3>योग से आत्म केंद्रित बन , साक्षात्कार करो आत्मा से । यही क्रम आगे बढ़ाकर , मिल सकोगे परमात्मा से ।।</h3> <h3>इस जग में है, प्रथम सुख निरोगी काया । इसे वही पा सकता , जिसने है योग अपनाया ।।</h3> <h3>योग से लाभ हो न हो, छोड़ो मन का यह अंदेशा । योग से निरोग बनोगे, है प्रिय जनों को संदेशा।।</h3> <h3> योग से हम खुश थे, फिर खुशी हो गई दून। जब से हमने सुना योग दिवस बना 21 जून।।</h3> <h3 style="text-align: center;"> <strong>कवि - चिंतक शिवसिंह </strong></h3> <h3 style="text-align: center;"><strong> कानपुर देहात उत्तर प्रदेश</strong></h3>