न्यूज रिपोर्टर नरसीराम शर्मा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
पंचांग का अति प्राचीन काल से ही बहुत महत्त्व माना गया है ज्योतिष शास्त्रों में भी पंचांग को बहुत महत्त्व दिया गया है और पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना गया है !पंचांग में सूर्योदय सूर्यास्त, चद्रोदय-चन्द्रास्त काल, तिथि, नक्षत्र, मुहूर्त, योगकाल, करण, सूर्य-चंद्र के राशि, चौघड़िया मुहूर्त दिए गए हैं!
🙏जय श्री कृष्णा🙏
आज का पंचांग
*दिनाँक:- 17/06/2024, सोमवार* एकादशी, शुक्ल पक्ष, ज्येष्ठ “””””””””(समाप्ति काल)
तिथि———– एकादशी अहोरात्र तक
पक्ष————————- शुक्ल
नक्षत्र चित्रा—————— 13:49:30
योग——————– परिघ 21:33:08
करण—————— वणिज 17:38:02
वार————————- सोमवार
माह————————- ज्येष्ठ
चन्द्र राशि——————- तुला
सूर्य राशि——————– मिथुन
रितु————————- ग्रीष्म
आयन———————– उत्तरायण
संवत्सर———————- क्रोधी
संवत्सर (उत्तर)—————- कालयुक्त
विक्रम संवत————— 2081
गुजराती संवत————– 2080
शक संवत—————— 1946
कलि संवत—————– 5125
सूर्योदय——————— 05:25:06
सूर्यास्त———————– 19:15:26
दिन काल——————– 13:50:20
रात्री काल——————– 10:09:49
चंद्रोदय———————- 14:58:20
चंद्रास्त———————- 26:15:07
लग्न———-मिथुन 2°7′, 62°7′
सूर्य नक्षत्र——————- मृगशिरा
चन्द्र नक्षत्र——————- चित्रा
नक्षत्र पाया——————- रजत
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
रा—- चित्रा 07:12:42
री—- चित्रा 13:49:30
रू—- स्वाति 20:24:16
रे—- स्वाति 26:56:53
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= मिथुन 02:10, मृगशिरा 3 का
चन्द्र=तुला 02:30 , चित्रा 3 रा
बुध =मिथुन 04:53′ मृगशिरा 4 की
शु क्र= मिथुन 05°05, मृगशिरा ‘ 4 की
मंगल=मेष 11°30 ‘ अश्विनी ‘ 4 ला
गुरु=वृषभ 11°30 रोहिणी , 1 ओ
शनि=कुम्भ 25°00 ‘ पू o भा o ,2 सो
राहू=(व) मीन 17°50 रेवती , 1 दे
केतु=(व) कन्या 17°50 हस्त , 3 ण
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 07:09 – 08:53 अशुभ
यम घंटा 10:36 – 12:20 अशुभ
गुली काल 14:04 – 15:48 अशुभ
अभिजित 11:53 – 12:48 शुभ
दूर मुहूर्त 12:48 – 13:43 अशुभ
दूर मुहूर्त 15:34 – 16:29 अशुभ
वर्ज्यम 19:58 – 21:43 अशुभ
प्रदोष 19:15 – 21:18 शुभ
💮चोघडिया, दिन
अमृत 05:25 – 07:09 शुभ
काल 07:09 – 08:53 अशुभ
शुभ 08:53 – 10:36 शुभ
रोग 10:36 – 12:20 अशुभ
उद्वेग 12:20 – 14:04 अशुभ
चर 14:04 – 15:48 शुभ
लाभ 15:48 – 17:32 शुभ
अमृत 17:32 – 19:15 शुभ
🚩चोघडिया, रात
चर 19:15 – 20:32 शुभ
रोग 20:32 – 21:48 अशुभ
काल 21:48 – 23:04 अशुभ
लाभ 23:04 – 24:20* शुभ
उद्वेग 24:20* – 25:37* अशुभ
शुभ 25:37* – 26:53* शुभ
अमृत 26:53* – 28:09* शुभ
चर 28:09* – 29:25* शुभ
💮होरा, दिन
चन्द्र 05:25 – 06:34
शनि 06:34 – 07:43
बृहस्पति 07:43 – 08:53
मंगल 08:53 – 10:02
सूर्य 10:02 – 11:11
शुक्र 11:11 – 12:20
बुध 12:20 – 13:29
चन्द्र 13:29 – 14:39
शनि 14:39 – 15:48
बृहस्पति 15:48 – 16:57
मंगल 16:57 – 18:06
सूर्य 18:06 – 19:15
🚩होरा, रात
शुक्र 19:15 – 20:06
बुध 20:06 – 20:57
चन्द्र 20:57 – 21:48
शनि 21:48 – 22:39
बृहस्पति 22:39 – 23:30
मंगल 23:30 – 24:20
सूर्य 24:20* – 25:11
शुक्र 25:11* – 26:02
बुध 26:02* – 26:53
चन्द्र 26:53* – 27:44
शनि 27:44* – 28:34
बृहस्पति 28:34* – 29:25
बुध 26:02* – 26:53
चन्द्र 26:53* – 27:44
शनि 27:44* – 28:34
बृहस्पति 28:34* – 29:25
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
मिथुन > 04:24 से 07:04 तक
कर्क > 07:04 से 08:52 तक
सिंह > 08:52 से 11:32 तक
कन्या > 11:32 से 13:38 तक
तुला > 13:38 से 15: 40 तक
वृश्चिक > 15:40 से 18:12 तक
धनु > 18:12 से 20:02 तक
मकर > 20:02 से 22:14 तक
कुम्भ > 22:14 से 23:28 तक
मीन > 23:28 से 00:58 तक
मेष > 00:58 से 02:38 तक
वृषभ > 02:46 से 04:24 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*-)- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार।
अमृत में काम सभी करो, सहाय करो कर्तार॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें।
लाभ में व्यापार करें।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें।
*💮दिशा शूल ज्ञान—————–पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो घी अथवा काजू खाके यात्रा कर सकते हैl
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु चl*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय:ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं।।*
*महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत्।।*
11 + 2 + 1 = 14 ÷ 4 = 2 शेष
आकाश लोक पर अग्नि वास हवन के लिए अशुभ कारक हैl
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शनि ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
11 + 11 + 5 = 17 ÷ 7 = 3 शेष
वृषभारूढ़ = शुभ कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
सांय 17:33 से प्रारम्भ
स्वर्ग लोक = शुभ कारक
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
* एकादशी व्रत (साठिया)
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
कर्मायत्तं फलं पुंसां बुध्दिः कर्मानुसारिणी।
तथाऽपि सुधियश्चार्या सुविचार्यैव कुर्वते।।
।। चा o नी o।।
हमें अपने कर्म का फल मिलता है. हमारी बुद्धि पर इसके पहले हमने जो कर्म किये है उसका निशान है. इसीलिए जो बुद्धिमान लोग है वो सोच विचार कर कर्म करते है.
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: आत्मसंयम योग अo-06
तपस्विभ्योऽधिको योगी ज्ञानिभ्योऽपि मतोऽधिकः।,
कर्मिभ्यश्चाधिको योगी तस्माद्योगी भवार्जुन॥,
योगी तपस्वियों से श्रेष्ठ है, शास्त्रज्ञानियों से भी श्रेष्ठ माना गया है और सकाम कर्म करने वालों से भी योगी श्रेष्ठ है।, इससे हे अर्जुन! तू योगी हो॥,46॥,
💮🚩दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत।।
🐏मेष👉शारीरिक कष्ट से बाधा संभव है। अप्रत्याशित खर्च सामने आएंगे। वाणी पर नियंत्रण रखें। हल्की हंसी-मजाक न करें। किसी अपरिचित व्यक्ति पर भरोसा न करें। चिंता तथा तनाव रहेंगे। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी।
🐂वृष👉सुख के साधनों पर व्यय होगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। व्यापार-व्यवसाय मनोनुकूल लाभ देगा। निवेश शुभ रहेगा। अप्रत्याशित लाभ हो सकता है। सट्टे व लॉटरी से दूर रहें। नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है। चोट व रोग से बचें। यश बढ़ेगा। बेचैनी रहेगी। जल्दबाजी न करें।
👫मिथुन👉स्वास्थ्य का ध्यान रखें। किसी व्यक्ति के व्यवहार से स्वाभिमान को ठेस पहुंच सकती है। घर में अतिथियों का आगमन होगा। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। नौकरी में अधिकार मिल सकते हैं। शेयर मार्केट से लाभ होगा। बाहर जाने का मन बनेगा। बड़ा काम करने की योजना बनेगी। लाभ होगा।
🦀कर्क👉कानूनी अड़चन सामने आएगी। अज्ञात भय सताएगा। व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। प्रयास सफल रहेंगे। पराक्रम बढ़ेगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। जोखिम उठाने का साहस कर पाएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। शेयर मार्केट मनोनुकूल लाभ देंगे।
🐅सिंह👉प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। पुराना रोग उभर सकता है। दु:खद समाचार प्राप्त हो सकता है। विवाद से क्लेश संभव है। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। किसी अपरिचित व्यक्ति पर अतिविश्वास न करें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय बनी रहेगी।
🙍♀️कन्या👉व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। व्यापार-व्यवसाय ठीक चलेगा। निवेश शुभ रहेगा। नौकरी में संतोष रहेगा। पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग सफलता हासिल करेगा। शारीरिक कष्ट संभव है।
⚖️तुला👉व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। भूमि व भवन संबंधी कार्य लाभदायक रहेंगे। ऐश्वर्य के साधनों पर व्यय होगा। आय के साधनों में वृद्धि होगी। भाग्योन्नति के प्रयास सफल रहेंगे। नौकरी में उच्चाधिकारी प्रसन्न रहेंगे। शेयर मार्केट व म्युचुअल फंड में निवेश लाभदायक रहेगा।
🦂वृश्चिक👉संपत्ति की खरीद-फरोख्त में सफलता मिलेगी। स्थायी संपत्ति की दलाली बड़ा लाभ दे सकती है। रोजगार प्राप्ति के प्रयास सफल रहेंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। सभी ओर से खुश खबरें प्राप्त होंगी। पारिवारिक चिंता रहेगी। अज्ञात भय सताएगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें।
🏹धनु👉कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। लेन-देन में जल्दबाजी न करें। धनागम होगा। प्रतिद्वंद्वी अपना रास्ता छोड़ देंगे। वाहन व मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। किसी भी प्रकार के झगड़ों में न पड़ें। वाणी पर नियंत्रण रखें। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। व्यवसाय ठीक चलेगा। आय में निश्चितता रहेगी।
🐊मकर👉धार्मिक कार्य में मन लगेगा। कोर्ट व कचहरी के कार्य मनोनुकूल रहेंगे। लाभ के अवसर हाथ आएंगे। भाग्य का साथ मिलेगा। व्यापार-व्यवसाय लाभदायक रहेगा। नौकरी में उन्नति होगी। निवेशादि करने का मन बनेगा। विवेक से कार्य करें, लाभ होगा। शत्रु सक्रिय रहेंगे। परिवार की चिंता बनी रहेगी।
🍯कुंभ👉शारीरिक कष्ट संभव है। पारिवारिक समस्या से चिंता बढ़ सकती है। नई आर्थिक नीति बन सकती है। कार्यस्थल पर सुधार व परिवर्तन से भविष्य में लाभ होगा। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। पार्टनरों का सहयोग कार्य में गति प्रदान करेगा। शत्रु सक्रिय रहेंगे। पुराना रोग उभर सकता है।
🐟मीन👉लेनदारी वसूल करने के प्रयास सफल रहेंगे। व्यावसायिक यात्रा मनोनुकूल रहेगी। भाग्य का साथ रहेगा। कारोबार में वृद्धि होगी। समय पर कर्ज चुका पाएंगे। नौकरी में उच्चाधिकारी की प्रसन्नता प्राप्त होगी। शेयर मार्केट, म्युचुअल फंड इत्यादि से लाभ होगा। वाणी पर नियंत्रण रखें। जल्दबाजी न करें।
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
निर्जला एकादशी व्रत का महत्व
साल की सभी एकादशी में निर्जला एकादशी सबसे कठिन माना जाता है। इसमें अन्न के साथ ही जल का त्याग करना पड़ता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, निर्जला एकादशी का व्रत और विष्णु की विधिपूर्वक पूजा करने से मोक्ष और दीर्घायु का वरदान मिलता है। वहीं जो श्रद्धालु साल की सभी चौबीस एकादशियों का उपवास करने में सक्षम नहीं है वे केवल निर्जला एकादशी का व्रत रखकर से दूसरी सभी एकादशियों का लाभ पा सकते हैं!
क्या-क्या करें एकादशी पर
1.इस दिन सुबह जल्दी उठकर नहाएं और स्नान के बाद तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं।
2. भगवान विष्णु के सामने व्रत और दान का संकल्प लेना चाहिए।
3. दिनभर कुछ नहीं खाना चाहिए। संभव न हो सके तो फलाहार कर सकते हैं।
4. दिन में मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर दान करना चाहिए।
5. किसी मंदिर में भोजन या अन्न का दान करना चाहिए।
6. सुबह-शाम तुलसी के पास घी का दीपक जलाना चाहिए और तुलसी की परिक्रमा करनी चाहिए।
7. शाम को भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा करनी चाहिए।
क्या न करें
1. इस दिन व्रत करने वाले व्यक्ति को सुबह देर तक नहीं सोना चाहिए।
2. गुस्सा न करें। घर में किसी भी तरह का वाद-विवाद या क्लेश करने से बचना चाहिए।
3. लहसुन-प्याज और अन्य तरह की तामसिक चीजों से बचना चाहिए।
4. किसी भी तरह का नशा न करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।
5. ईमानदारी से काम करना चाहिए और गलत कामों से बचे।