मुज़फ्फरनगर
टिकट मुझे भी दिला दो असेम्बली के लिये…………….????
मीराँपुर विधानसभा उपचुनाव, फिर गुलज़ार होने लगी सियासत की गलियाँ
सपा व रालोद नेताओं में सबसे अधिक उत्साह,टिकट पाने को लगी होड़
क्या भाजपा व असपा अथवा काँग्रेस के लिये कोई पार्टी करेगी त्याग
बिजनोर से चन्दन चौहान के सांसद बनने के बाद अब मीराँपुर विधानसभा के लिये उपचुनाव होंगे। उपचुनाव को लेकर क्षेत्र में सियासत तेज हो गयी है। समाजवादी पार्टी व रालोद नेताओ में जहाँ टिकट पाने को होड़ लग गयी है। वहीं हाल में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनाव के परिणाम व बूथों पर पड़ी वोट का आंकलन गहनता से किया जा रहा है। रालोद भाजपा प्रत्याशी चन्दन चौहान की जीत का श्रेय किसको दिया जाये व सपा प्रत्याशी दीपक चौधरी हार का ठीकरा किसके सिर फोड़ी जाये बेअसर होती जा रही बसपा, आज़ाद समाजपार्टी के बढ़ते चमत्कारी प्रभाव को लेकर गली मोहल्ले में लगने वाली बैठकों व चाय की दुकानों पर चर्चाएँ जारी हैं। मीराँपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर आने वाला समय बेहद महत्वपूर्ण होने जा रहा है।उपचुनाव में जातिगत समीकरण व बूथ पर मतदान प्रतिशत निर्णायक साबित होगा इतना तो तय माना जा रहा है।
मुज़फ्फरनगर जिले के पूर्व में स्थित मीराँपुर विधानसभा पर उपचुनाव की तैयारियां शुरू हो गयी हैं। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं के होर्डिंग से मुख्य मार्ग सजने लगे हैं। आगामी 16 जून को ज्येष्ठ गंगा दशहरा स्नान पर्व व 17 जून को ईदुलजुहा के पर्व की बधाईयों का सिलसिला शुरू हो चुका है। दोनों ही पर्व पर सियासत को लेकर चर्चाएं ज़रूर होंगी।
मीराँपुर विधानसभा के भौगोलिक स्थिति में मोरना ब्लॉक् व जानसठ ब्लॉक् क्षेत्र के गाँव शामिल हैं। दो नगर पंचायत मीराँपुर व भोकरहेड़ी हैं। विधानसभा में ककरौली, मोरना, भोपा, सीकरी,जौली बड़ी आबादी वाले गाँव मे शुमार किये जाते हैं।इसके अलावा तीर्थ नगरी शुकतीर्थ भी विधानसभा में शामिल है। बिजनोर व मेरठ जनपद की सीमा से सटी विधानसभा को राजनीतिक तौर पर महत्वपूर्ण मानी जाती है।
मीराँपुर विधानसभा मोरना विधानसभा का परिवर्तित रूप है। मीराँपुर विधानसभा पर अभी तक बसपा से मौलाना जमील अहमद,भाजपा से अवतार भड़ाना व रालोद तथा सपा के सँयुक्त प्रत्याशी के रूप में चन्दन चौहान विजयी हो चुके हैं। विधानसभा में बड़ी संख्या में मुस्लिम के अलावा दलित,जाट,पाल,गुर्जर सैनी,ठाकुर चौहान जातियों का वोट महत्वपूर्ण है।
मीराँपुर विधानसभा पर टिकट पाने को अनेक नेता आतुर हैं। समाजवादी पार्टी का टिकट पाने वालों की सबसे लंबी लाइन है। बड़े नामों से लेकर क्षेत्र के स्थानीय कार्यकर्ता भी “मुफ्त मिल जाये शोहरत तो बुरा क्या है” कि तर्ज पर ताल ठोक रहे हैं। वहीँ चर्चाओं के अनुसार लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के बड़े नामोँ के द्वारा की गयी खानापूर्ति को लेकर पार्टी के प्रति उनकी प्रतिबद्धता व समर्पण पर सवाल उठ रहे हैं।लोकसभा चुनाव में भूमिगत रहे अनेक चेहरे अब टिकट की तलाश में नजर आ रहे हैं। पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भविष्य में क्या निर्णय लेगा यह तो आने वाला समय ही बतायेगा। टिकट पाने वालों की भीड़ पार्टी के लिये उत्साह का संदेश है।
गाँव की चौपालों पर दिलचस्प चर्चाओं से ग्रामीण आनन्द ले रहे हैं इन्ही चर्चाओं में राष्ट्रीय लोकदल द्वारा यह सीट भाजपा के लिये छोड़ कर अहसान का बदला चुकाने व भाजपा कार्यकर्ताओं में उत्साह का संचार करने की बात सहित समाजवादी पार्टी द्वारा यह सीट आजाद समाज पार्टी के लिये छोड़कर भविष्य के किसी बड़े लाभ के लिये नई बिसात देने जैसा हो जाये अथवा किसी सहमति के आधार पर सपा यह सीट काँग्रेस के लिये त्याग कर दे इस प्रकार की तमन्ना भी एक वर्ग रख रहा है।
वैसे भी सपा व रालोद से अधिक इस सीट का परिणाम भाजपा व असपा अथवा कांग्रेस के लिये ज़्यादा फायदेमंद होगा।
सुरेंद्र कुमार सताथ न्यूज रिपोर्टर मुजफ्फरनगर