ब्यूरो चीफ निखिल गोयल राजगढ़ मध्य प्रदेश
मामला SC छात्रा के जाति प्रमाणपत्र का: मंत्रालय ने भेजा पत्र- लिखा सारंगपुर SDM लापरवाह और संवेदनशील, 7 दिन में मांगा स्पष्टीकरण
सारंगपुर SDM के मनमाने रवैये का शिकार अनुसूचित जाति वर्ग की छात्रा के होने का मामला सामने आया है. जहां पिता और भाई सहित परिजनों के जाति प्रमाणपत्र अनुसूचित जाति का होने के साथ ही सगे भाई का डिजिटल प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के बाद भी मेन्युअल जाति प्रमाणपत्र को 8 महीने में भी डिजिटल नहीं किया है. मामले में कलेक्टर के आदेश की भी अवहेलना करने के बाद अनुसूचित जाति कल्याण विभाग ने 7 दिन में प्रमाणपत्र जारी करने के आदेश के साथ ही SDM से स्पष्टीकरण मांगा है।
दरअसल, सारंगपुर तहसील के बारवा खुर्रम गांव की रहने वाली छात्रा सीमा जाटव पिता फूलचंद जाटव को शासकीय नौकरी के लिए डिजिटल जाति प्रमाणपत्र की आवश्यकता थी. उसने सरकारी नौकरी के लिए आवेदन किया था जिसमे पुराना मेन्युअल जाति प्रमाणपत्र लगाने से एक माह में डिजिटल प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने को कहा था।
छात्र सीमा जाटव ने सारंगपुर SDM कार्यालय में पुराने प्रमाणपत्र की प्रति के साथ उसके भाई योगेश जाटव का डिजिटल प्रमाणपत्र लगाकर लोकसेवा केंद्र के माध्यम से आवेदन किया. जिसको सारंगपुर SDM संजय उपाध्याय ने 50 साल का रिकार्ड मांगकर 03/10/2023 को निरस्त कर दिया.
मामले में बालिका ने कलेक्टर न्यायालय में अपील प्रस्तुत की जिसमे अपर कलेक्टर शिवप्रसाद मंडराह ने 12 जनवरी 2024 को SDM के आदेश को अमान्य कर 7 दिन में प्रमाणपत्र जारी करने के आदेश दिए.
अपर कलेक्टर के आदेश के बावजूद SDM ने एक माह तक प्रमाणपत्र नहीं बनाया और 16/02/2024 को आदेश पारित कर दिया की अपर कलेक्टर का आदेश इस कार्यालय में अप्राप्त है इसलिए आवेदन को निरस्त किया जाता है।
छात्रा पहुंची हाईकोर्ट इंदौर
- हाईकोर्ट इंदौर में छात्रा ने अपील की जहां से तुरंत प्रमाणपत्र जारी करने के निर्देश दिए गए लेकिन एसडीएम ने प्रमाणपत्र नहीं बनाया.
क्या कहा मंत्रालय ने
उपरोक्त कार्रवाई से दुखी छात्रा सीमा जाटव अनुसूचित जाति कल्याण विभाग वल्लभ भवन भोपाल पहुंची और सभी दस्तावेजों के साथ SDM की शिकायत दर्ज की.
शिकायत मिलने के बाद मंत्रालय से उपसचिव मीनाक्षी सिंह ने बीते 24 मई को आदेश जारी कर कलेक्टर राजगढ़ को पत्र भेजा जिसमे लेख किया गया की सुक्षमता से परीक्षण कर आवेदिका को सुनवाई का अवसर दिया जाए. साथ ही प्रकरण में अनुविभागीय अधिकारी सारंगपुर की लापरवाही, मनमानापन और लापरवाही दर्शाता है. प्रकरण में शासन और वरिष्ठ न्यायालय के आदेश की अवहेलना कर नियमों की अनदेखी करना और मनमानी पूर्ण कार्यवाही दर्शाता है अतः संबंधित अधिकारी से सपष्टीकरण प्राप्त किया जाए।