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वाराणसी। बीएचयू बनता जा रहा राजनिति और बवाल का अड्डा छात्रावास खाली करने व फीस वृद्धि के विरोध में बीएचयू छात्रों का आंदोलन, सड़क जाम कर प्रदर्शन

अंकुर कुमार पाण्डेय
रिपोर्ट सत्यार्थ न्युज वाराणसी
वाराणसी। बीएचयू बनता जा रहा राजनिति और बवाल का अड्डा छात्रावास खाली करने व फीस वृद्धि के विरोध में बीएचयू छात्रों का आंदोलन, सड़क जाम कर प्रदर्शन

वाराणसी। छात्रावास खाली कराने और फीस वृद्धि के विरोध में बिरला अ व लाल बहादुर शास्त्री स्नातक प्रथम और द्वितीय वर्ष के छात्रों ने बीएचयू परिसर में धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान सड़क पर सीढ़ी रखकर आवागमन बाधित कर दिया। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप लगाए। चेताया कि यदि उनकी मांग पर अमल नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन के लिए विवश होंगे। छात्रों का कहना रहा कि उन्हें जून में छात्रावास खाली करने के लिए कहा गया है। वार्डन की ओर से कहा जा रहा कि जुलाई में फिर छात्रावास आवंटित कर दिया जाएगा लेकिन सरासर धोखा है। कहा कि सेमेस्टर 2 और 4 की कक्षाएं 12 मार्च 2024 से 15 अप्रैल 2024 तक संचालित की गईं। इसमें होली जैसे बड़े पर्व व साप्ताहिक अवकाश भी शामिल है। सेमेस्टर 2 और 4 के लिए कुल कक्षाएं लगभग 20 दिनों की रही हैं, जो उचित पठन-पाठन के लिए पर्याप्त नहीं है। अतः छात्रावास के सीजीपीए आधारित आवंटन की घोर निंदा विरोध करते हैं। सत्र 2021 के स्नातक छात्रों का छात्रावास शुल्क 1180 रुपये था, जो सत्र 2022 व 2023 के छात्रों के लिए 143.64% की वृद्धि के साथ 2875 रुपये कर दिया गया है। इस शुल्क को भी छः मासिक कर दिया गया है, जो 2018 के हॉस्टल मैनुअल के अनुसार वार्षिक होना चाहिए था। इस विषय में हमें सेमेस्टर 4 तक भी अवगत नहीं करवाया गया है। इस नए नियम से आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों की शिक्षा में अवरोध उत्पन्न होगा। कला संकाय के सेमेस्टर 2 और 4 की कुछ परीक्षाएं जुलाई 2024 तक होना निश्चित हुआ है। अतः इन परीक्षाओं के चलते ग्रीष्मकालीन अवकाश में छात्रावास खाली करने में असमर्थ हैं।

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