रिपोर्ट( रावेंद्र केशरवानी , रोहन)
जब भी पृथ्वी पर संकट आते हैं तब तब भगवान विभिन्न रूपों में अवतार लेते हैं-स्वामी दामोदराचार्य जी महाराज
(कौधियारा प्रयागराज )विकासखंड कौंधियारा के अंतर्गत ग्राम पंचायत देवरा (अमन का पूरा)में श्रीमद् वाल्मीकीय रामायण ज्ञान यज्ञ के दूसरे दिन पंडित महेंद्र नाथ पांडेय के निज निवास पर कथा व्यास परम पूज्य स्वामी दामोदराचार्य देवर्षिदास जी महाराज वृन्दावन धाम ने श्री राम जन्मोत्सव की भावपूर्ण कथा पर चर्चा करते हुए कहा कि जब पृथ्वी,ब्राह्मण गौ माता और देवताओं पर संकट आते हैं तब भगवान अपने अनुसार विभिन्न रूपों में अवतार लेकर अधर्म का नाश करके धर्म की स्थापना करते हैं। महाराज ने कहा कि जब महाराज मनु पत्नी शतरूपा के साथ नैमिषारण्य तीर्थ में लंबी अवधि तक साधना किया तो भगवान वाणी रूप में आए। और मनु महाराज के निवेदन पर शरीर रूप प्रकट होकर दर्शन दिया फूल इस पर महाराज मनु ने भगवान पुत्र रूप में पाने की याचना की भगवान ने कहा,अभी साधना का पक्ष क साधना और बढ़ेगी तब आप अयोध्या के महाराज दशरथ के रूप में जन्म लेंगे और माता शतरूपा कौशल्या बनेगी तब मैं आपका पुत्र हो कर आऊंगा। कथा को आगे बढ़ाते हुए कहां की अयोध्या नरेश महाराज दशरथ ने अनेक विवाह की परंतु कोई संतान न होने के कारण चौथे पान में अत्यंत चिंतित हो दशरथ गुरुकुल वशिष्ठ के चरणों में जाकर रघुकुल की रक्षा के लिए पुत्र रत्न पाने की याचना किया। तब महाराज वशिष्ठ ने श्रृंगी ऋषि के द्वारा पुत्रेष्ठी यज्ञ कराया। जिसके परिणाम स्वरूप यज्ञ नारायण भगवान पायस लेकर प्रकट हुई। ऋषि के निर्देशन पर महाराज दशरथ ने उस खीर प्रसाद को रानियो मैं वितरित किया जिसके कारण यज्ञ नारायण की कृपा से अयोध्या के महलों में श्री राम, लक्ष्मण,भरत और शत्रुघ्न चार पुत्रों का जन्म हुआ। अयोध्या में जय जयकार होने लगी, महिलाएं भजन, तोहर कीर्तन, गाकर पंडाल में चार चांद लगा दिया। इस मौके पर प्रेमधर शुक्ला, इंद्रनाथ मिश्र, घनश्याम पांडेय, उमेश पांडेय, पारस पांडेय, श्याम जी, कमलाकांत, धीरेंद्र नाथ, योग प्रसाद, रामप्रसाद आज सैकड़ो भक्त कथा में मौजूद रहे।