अजय सोनी
सत्यार्थ न्यूज़
गाडरवारा
गाडरवारा रेल्वे स्टेशन पर यात्रियों की भरमार लेकिन ट्रेनों की कमी के चलते यात्री परेशान
गाडरवारा : पश्चिम मध्य रेल्वे के अंतर्गत आने वाले नरसिंहपुर जिले की गाडरवारा रेल्वे स्टेशन पर रोजाना दूर दराज से लोग आते हैं यहां तक कि जिले का सबसे व्यस्ततम रेल्वे स्टेशन में इसे गिना जाता है लेकिन गाडरवारा रेल्वे स्टेशन का हाल इन दिनों ऐसा है की यात्रियों को नजदीकी जबलपुर रूट पर करेली और इटारसी रूट पर पिपरिया जाने के लिए भी करीब 6 घंटे का इंतजार करना पड़ता है। गनीमत ये है की यहां दोपहर में जबलपुर तरफ जाने के लिए मुंबई हावड़ा मेल जो की 11 बजकर 25 मिनिट पर गाडरवारा आती है उसके बाद सीधे शाम को 6 बजकर 5 मिनिट पर विंध्याचल एक्सप्रेस ट्रेन है यात्रियों को दोपहर में करीब साढ़े छह घंटे इंतजार के बाद दूसरी ट्रेन मिल पाती है। वहीं इटारसी जाने वाले यात्रियों का भी यही हाल है इटारसी जाने के लिए सुबह करीब 9 बजे विंध्याचल एक्सप्रेस के बाद शाम करीब 4 बजे आने वाली जनता ट्रेन के बीच दोपहर में कोई रोजाना ट्रेन नहीं है। इटारसी जाने के लिए यात्रियों को दोपहर में विंध्याचल एक्सप्रेस के बाद सात घंटे के लंबे अंतराल के बाद ट्रेन नसीब हो पाती है। बीमारियों के इलाज के लिए क्षेत्र में लोग नागपुर जबलपुर के लिए निर्भर हैं लेकिन नागपुर जाने के लिए एकमात्र ट्रेन है जिसमे अधिकांश बार सीटें खाली नहीं रहती।
विलंब से आती हैं अधिकांश ट्रेनें
गाडरवारा रेल्वे स्टेशन पर एक तरफ ट्रेनों का अभाव तो दूसरी तरफ ट्रेनों के लेट होने से यात्रियों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। जबलपुर और नरसिंहपुर शासकीय सेवा और दूसरे शहरों पर आश्रित लोग ट्रेनों के विलंब से आने ओर ट्रेनों की कमी के चलते समय पर अपने कार्यालय और अपने काम पर नहीं पहुंच पाते जिससे उन्हें आर्थिक क्षति का सामना तक करना पड़ता है।
छात्रों को होती सबसे अधिक परेशानी
गाडरवारा व उसके आसपास के क्षेत्रों के छात्र छात्राएं जो एलएलबी, मेडिकल छात्राए, इंजीनियरिंग छात्र, बीएड, व अन्य ऐसे छात्र हैं जो इन विषयों के शहर में स्थापित कॉलेजों में नही होने के कारण नरसिंहपुर और जबलपुर के लिए रोजाना अप डाउन कर पढ़ाई के लिए जाने को मजबूर हैं उनके लिए भी ट्रेनों के समय पर नहीं चलने और गाडरवारा रेल्वे स्टेशन पर ट्रेनों की संख्या कम होने से छात्र भी समय पर कॉलेज नहीं पहुंच पाते। जिससे उनका भविष्य भी हमेशा दाव पर लगा रहता है।
माननीयों ने नही की कोई पहल
कोरोना काल के दौरान शटल जैसे ट्रेनों को बंद कर दिया गया उसके बाद चालू हुई बंदे भारत ट्रेन का भी स्टापेज गाडरवारा नही रखा गया इसके अलावा कई वर्षों से स्थनीय जनो की संघमित्रा और महानगरी जैसी ट्रेनों की मांग करते आ रहे, वहीं गाडरवारा में एनटीपीसी जैसे पावर प्लांट जिनमे हजारों की संख्या में बाहरी लोग काम करते हैं उनके आने जाने के बाद भी पश्चिम मध्य रेलवे के अधिकारियों का ध्यान गाडरवारा रेल्वे स्टेशन पर नही जा रहा है। क्षेत्र में सांसद रहे राव उदय प्रताप, राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी, कई बड़े कांग्रेस नेताओं का भी गाडरवारा जुड़ाव होने के बाद भी इनके द्वारा भी ट्रेनों का स्टाप गाडरवारा कराए जाने कोई पहल नहीं की गई जिसका दंश गाडरवारा क्षेत्र के बाशिदों को उठाना पड़ रहा है।