गाँव का पानी गाँव में रोकने से होगी खुशहाली-अनिल भाई
श्रमदान से पानी रोकेंगे दुबडी के ग्रामीण
अमित शर्मा 9340299508
कराहल । कराहल ब्लाक में दिन प्रति दिन भूजल स्तर कम होती जा रही है. बारिश का पानी बह कर निकल जाता है क्योंकि पानी को रोकने के लिए पर्याप्त जल संरक्षण संरचनाओ की कमी है. इसका दुस्परिणाम तालाब, और नाले समय से पहले ही सुख जा रहे है. मवेशियों को गर्मी के दिनों में पानी नहीं मिला पाता है और दुर्बल होकर मर जाते है. गाँव का पानी गाँव में और खेत का पानी खेत में रोकने से गाँव में खुशहाली आएगी. उक्त उदगार महात्मा गाँधी सेवा आश्रम के अनिल भाई ने दुबडी में आयोजित ग्रामीणों की बैठक में कहीं.ज्ञात हो कि दुबडी की बैठक में ग्रामीणों के साथ गाँव में जल संरक्षण के उपायों को लेकर भी बात की गयी. ग्रामीणों ने बताया कि जल स्तर कम होने के कारण बोर सूख रहे हैं, तालाब और नाले भी सूख गए हैं. कुका पटेलिया ने बताया कि गाँव में 8 कुंए थे जो पूरी तरह से सूख गए है. 15 साल पहले इन कुँओं में 20-25 फुट पर पानी पुरे साल रहता था. जब से बोर गाँव में हुए तभी से ये सूख गए. जल भराव के लिए कभी कोई काम नहीं हुआ. सांकरा पटेलिया ने बताया कि 1981 में गाँव में सभी लोग एक साथ मिलकर एक कुआं बनाया था, उसी से सभी लोग पानी लेते थे. गाँव में बहाने वाले नाले पर बनाए गए स्टाप डेम के पास सिल्टिंग होने के कारण पानी बह कर चला जाता है और पानी पहले की तरह नहीं रुक पाता है. बैठक में सर्व सम्मति से पेड़ और पानी का संरक्षण करने के लिए भी बात की गयी और श्रमदान से कार्य किया जायेगा . यह तय हुआ की मई के दुसरे सप्ताह से सभी घरों से महिला पुरुष में मिलकर जल संरक्षण के नाले के स्टाप डेम के पास की सिल्टिंग को साफ़ करेंगे और आवश्यकतानुसार बोरी बंधान भी किया जाएगा.पानी की समस्या के समाधान पर चर्चा में सिचाई की समस्या को दूर करने के लिए गाँव में नाले पर श्रम दान करके बोरी बंधान करने से पानी रोकने पर महत्त्व दिया गया. जिससे गाँव के लोगो को पानी मिलने लगेगा | इस बैठक में महात्मा गाँधी सेवा आश्रम से के समन्वयक अनिल गुप्ता, कृषि विशेषज्ञ पुनीत कुमार मिश्रा, कमलेश बामनिया और गाँव के लोग उपस्थित थे |