दिल्ली रिपोर्टर नरेश शर्मा की रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश गोरखपुर पुलिस ने पत्रकार पर दर्ज़ किया फर्ज़ी मुकदमा चौंकी इंचार्ज पर लगा अपशब्दों का आरोप
पुलिस के पास ऐसी कौन-सी पावर आ जाती है कि तहरीर मिलते ही तत्काल गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत कर लेती है जब कि जाहिर है कि पीड़ित तहरीर लेकर पुलिस थाने से लेकर उच्चाधिकारियों के पास न्याय के लिए दर दर की ठोकरें खाते है फिर मुकदमा दर्ज नही होता तब जाकर पीड़ित द्वारा कोर्ट की शरण लेकर 156(3) के तहत मुकदमा कराया जाता है वहीं कुछ मामलों में पुलिस मैनेज का खेल खेलती है पीड़ित को दबाव देकर आपस मे सुलह समझौता करा देती है
उमेश मद्धेशिया के तहरीर मे पुलिस ने दिखाया वहीं पावर पुलिस आम जनता को बताएं जिससे पीड़ित को तत्काल राहत मिल सके और पीड़ित को दर दर ठोकरें ना खाएं वहीं रामानंद मद्धेशिया ने आरोप लगाया है कि नशेड़ी उमेश चन्द्र मद्धेशिया गांजा और शराब बेचता है और लोगों को भी नशें सेवन करने को प्रेरित करता है जब पत्रकार ने उमेश चन्द्र मद्धेशिया को ख़बर के माध्यम से उजागर करने की कोशिश की तो इसी बात से नाराज़ हो कर उमेश चन्द्र मद्धेशिया ने पुलिस मे लूट सहित घर में घुस कर मार-पीट करने की शिकायत दर्ज करा दी गई जिसके आधार पर पीपीगंज पुलिस द्वारा तत्काल कार्रवाई करते हुए रामानंद मद्धेशिया पर फर्ज़ी मुकदमा दर्ज कर दिया
इस संबंध में मिडिया से बात करते हुए बताया मुकदमा पूरी तरह से फर्ज़ी है मेरे खिलाफ साजिश रची जा रही है और चौंकी इंचार्ज नितिन श्रीवास्तव पर भी अपशब्दों का प्रयोग करने और मेरी शिकायत ना दर्ज करने का आरोप लगाया है
इस फर्जी मुकदमे से पत्रकारों मे काफी आक्रोश है रामानंद मद्धेशिया पर लगाया आरोप बे बुनियाद है पुलिस उन्हें डराने धमकाने की कोशिश कर रही है सभी पत्रकारों ने फर्ज़ी मुकदमा रद्द करने और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है